अजा एकादशी : व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि
भाद्रपद कृष्ण एकादशी को ‘अजा एकादशी’ के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से अधूरी मनोकामनाएं विष्णु भगवान अवश्य पूरी करते है। इस वर्ष अजा एकादशी 3 सितंबर को है।
अजा एकादशी व्रत
आधिकारिक नाम | अजा एकादशी व्रत |
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तिथि | भाद्रपद कृष्ण एकादशी |
अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | व्रत |
उद्देश्य | सर्वकामना पूर्ति |
सम्बंधित लेख | एकादशी व्रत |
अजा एकादशी व्रत कथा (Aja Ekadashi Fast story)
युधिष्ठिर ने पूछा : जनार्दन ! अब मैं यह सुनना चाहता हूँ कि भाद्रपद (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार श्रावण मास) के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? कृपया बताइये ।
भगवान श्रीकृष्ण बोले : राजन्! एकचित होकर सुनो भाद्रपद मास के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम ‘अजा’ है। वह सब पापों का नाश करनेवाली बतायी गयी है। भगवान हृषीकेश का पूजन करके जो इसका व्रत करता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं।
पूर्वकाल में हरिश्चन्द्र नामक एक विख्यात चक्रवर्ती राजा थे, जो समस्त भूमण्डल के स्वामी और सत्यप्रतिज्ञ थे। एक समय किसी कर्म का फलभोग प्राप्त होने पर उन्हें राज्य से भ्रष्ट होना पड़ा। राजा ने अपनी पत्नी और पुत्र को बेच दिया। फिर अपने को भी बेच दिया। पुण्यात्मा होते हुए भी उन्हें चाण्डाल की दासता करनी पड़ी। वे मुर्दा का कफन लिया करते थे। इतने पर भी नृपश्रेष्ठ हरिचन्द्र सत्य से विचलित नहीं हुए।
इस प्रकार चाण्डाल की दासता करते हुए उनके अनेक वर्ष व्यतीत हो गये। इससे राजा को बड़ी चिन्ता हुई। ये अत्यन्त दुःखी होकर सोचने लगेः ‘क्या करूँ ? कहाँ जाऊँ? कैसे मेरा उद्धार होगा? इस प्रकार चिन्ता करते करते वे शौक के समुद्र में डूब गये।
राजा को शोकातुर जानकर महर्षि गौतम उनके पास आये। श्रेष्ठ ब्राह्मण को अपने पास आया हुआ देखकर नृपश्रेष्ठ ने उनके चरणों में प्रणाम किया और दोनों हाथ जोड़ गौतम के सामने खड़े होकर अपना सारा दुःखमय समाचार कह सुनाया।
राजा की बात सुनकर महर्षि गौतम ने कहा : राजन् ! भादों के कृष्णपक्ष में अत्यन्त कल्याणमयी ‘अजा’ नाम की एकादशी आ रही है, जो पुण्य प्रदान करनेवाली है। इसका व्रत करो। इससे पाप का अन्त होगा। तुम्हारे भाग्य से आज के सातवें दिन एकादशी है। उस दिन उपवास करके रात में जागरण करना ऐसा कहकर महर्षि गौतम अन्तर्धान हो गये।
मुनि की बात सुनकर राजा हरिश्चन्द्र ने उस उत्तम व्रत का अनुष्ठान किया। उस व्रत के प्रभाव से राजा सारे दुःखों से पार हो गये। उन्हें पत्नी पुनः प्राप्त हुई और पुत्र का जीवन मिल गया। आकाश में दुन्दुभियाँ बज उठी। देवलोक से फूलों की वर्षा होने लगी।
एकादशी के प्रभाव से राजा ने निष्कण्टक राज्य प्राप्त किया और अन्त में ये पुरजन तथा परिजनों के साथ स्वर्गलोक को प्राप्त हो गये ।
राजा युधिष्ठिर जो मनुष्य ऐसा व्रत करते हैं, ये सब पापों से मुक्त हो स्वर्गलोक में जाते हैं। इसके पढ़ने और सुनने से अश्वमेध यज्ञ का फल मिलता है ।
2021 में अजा एकादशी व्रत कब है? (Aja ekadashi Vrat Date and Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अजा एकादशी भाद्रपद कृष्ण एकादशी को के दौरान ग्यारहवें दिन (एकादशी) को आती है। इंग्लिश कलेंडर के अनुसार, यह अगस्त-सितंबर में पड़ता है। इस वर्ष अजा एकादशी 3 सितंबर को है।
Important Timings On Aja Ekadashi
सूर्योदय (Sunrise) | September 03, 2021 6:13 AM |
सूर्यास्त (Sunset) | September 03, 2021 6:38 PM |
Dwadashi समाप्त (Dwadashi End) | September 04, 2021 8:24 AM |
एकादशी प्रारम्भ (Tithi Begins) | September 02, 2021 6:22 AM |
एकादशी समाप्त (Tithi Ends) | September 03, 2021 7:44 AM |
हरि वासरा समाप्त (Hari Vasara End) | September 03, 2021 1:54 PM |
पारण समय (Parana Time) | September 04, 6:13 AM – September 04, 8:24 AM |
Aja Ekadashi festival dates between 2018 & 2028
Year | Date |
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2021 | Friday, 3rd of September |
2022 | Monday, 22nd of August |
2023 | Sunday, 10th of September |
2024 | Thursday, 29th of August |
2025 | Tuesday, 19th of August |
2026 | Monday, 7th of September |
2027 | Saturday, 28th of August |
2028 | Wednesday, 16th of August |
2021 एकादशी व्रत दिनांक सूची (ekadashi Vrat date list in 2021)
शुक्रवार, 23 अप्रैल | कामदा एकादशी |
शुक्रवार, 07 मई | वरुथिनी एकादशी |
रविवार, 23 मई | मोहिनी एकादशी |
रविवार, 06 जून | अपरा एकादशी |
सोमवार, 21 जून | निर्जला एकादशी |
सोमवार, 05 जुलाई | योगिनी एकादशी |
मंगलवार, 20 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
बुधवार, 04 अगस्त | कामिका एकादशी |
बुधवार, 18 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
शुक्रवार, 03 सितंबर | अजा एकादशी |
शुक्रवार, 17 सितंबर | परिवर्तिनी एकादशी |
शनिवार, 02 अक्टूबर | इन्दिरा एकादशी |
शनिवार, 16 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
सोमवार, 01 नवंबर | रमा एकादशी |
रविवार, 14 नवंबर | देवुत्थान एकादशी |
मंगलवार, 30 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
मंगलवार, 14 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
गुरुवार, 30 दिसंबर | सफला एकादशी |