Almirah Vastu: आलमारी का रखरखाव कैसे करें?
अलमारी वास्तु शास्त्र में एक महत्वपूर्ण रोल निभाती है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, अलमारी का स्थान और उसकी दिशा बहुत महत्वपूर्ण होती है। इसके साथ ही अलमारी की उचाई, व्याप्ति और अन्य विशेषताओं को भी ध्यान में रखा जाता है ताकि घर में पॉजिटिव एनर्जी का फ्लो बना रहे। इसके अलावा, वास्तु शास्त्र में अलमारी की स्थापना और उसकी उपयोगिता को भी महत्व दिया जाता है ताकि घर की ऊर्जा हमेशा सकारात्मक रहे।
अलमारी का वास्तुशास्त्र में प्रभाव और नियम इस प्रकार हैं:
अलमारी घर के फर्नीचर का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है, जो घर की सजावट, सामंजस्य और समृद्धि को प्रभावित करता है। अलमारी को वास्तु के अनुसार सही दिशा, रंग, मटेरियल और आकार में रखना चाहिए, ताकि घर में पॉजिटिव एनर्जी का संचार हो और धन, विद्या, स्वास्थ्य और खुशी की वृद्धि होती है।
अलमारी को वास्तु के अनुसार इन दिशाओं में रखना शुभ माना जाता है:
- पश्चिम: यह दिशा अलमारी के लिए सबसे उत्तम मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में सुख-शांति और धन का आगमन करती है। इस दिशा में अलमारी का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।
- दक्षिण: यह दिशा भी अलमारी के लिए अच्छी मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में स्थिरता, सुरक्षा और विश्वास लाती है। इस दिशा में अलमारी का मुख पूर्व या उत्तर की ओर होना चाहिए।
- दक्षिण-पश्चिम: यह दिशा अलमारी के लिए उपयुक्त मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में व्यवसाय, कार्य और व्यापार में सफलता दिलाती है। इस दिशा में अलमारी का मुख उत्तर की ओर होना चाहिए।
अलमारी को वास्तु के अनुसार इन दिशाओं में रखना अशुभ माना जाता है:
- पूर्व: यह दिशा अलमारी के लिए अनुकूल नहीं मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में तनाव, अशांति और अस्वस्थता पैदा करती है। इस दिशा में अलमारी का मुख दक्षिण या पश्चिम की ओर होना चाहिए।
- उत्तर: यह दिशा अलमारी के लिए अनुपयोगी मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में धन की कमी, निराशा और निराशा लाती है। इस दिशा में अलमारी का मुख दक्षिण या पश्चिम की ओर होना चाहिए।
- उत्तर-पूर्व: यह दिशा अलमारी के लिए वर्जित मानी जाती है, क्योंकि यहां रखी गई अलमारी घर में धन का नाश, चोरी, आग और दुर्घटना का कारण बनती है। इस दिशा में अलमारी का मुख किसी भी ओर नहीं होना चाहिए।
अलमारी का रंग वास्तु के अनुसार इस प्रकार चुनना चाहिए:
- अलमारी का रंग घर की दीवारों के रंग से मेल खाता होना चाहिए।
- अलमारी का रंग हल्का, शांत और सुहावना होना चाहिए।
- अलमारी का रंग सफेद, हल्का नीला, हरा, पेस्टल और क्रीम जैसे रंगों में होना चाहिए।
- अलमारी का रंग काला, लाल, भूरा, गहरा नीला और गहरा हरा जैसे रंगों में नहीं होना चाहिए।
अलमारी का मटेरियल वास्तु के अनुसार इस प्रकार चुनना चाहिए:
- अलमारी का मटेरियल लकड़ी, आयरन या स्टील होना चाहिए।
- अलमारी का मटेरियल पत्थर, मार्बल या प्लास्टिक नह
- अलमारी का मटेरियल पत्थर, मार्बल या प्लास्टिक नहीं होना चाहिए, क्योंकि ये मटेरियल घर में नकारात्मक एनर्जी को बढ़ाते हैं।
अलमारी का आकार वास्तु के अनुसार इस प्रकार चुनना चाहिए
- अलमारी का आकार आयताकार, वर्गाकार या गोलाकार होना चाहिए।
- अलमारी का आकार त्रिकोणाकार, षट्कोणाकार या अनियमित आकार में नहीं होना चाहिए।
- अलमारी का आकार घर के आकार और अलमारी की दिशा के अनुरूप होना चाहिए।
अलमारी के अन्य नियम वास्तु के अनुसार इस प्रकार हैं:
- अलमारी के दरवाजे कभी भी दक्षिण दिशा में नहीं खुलने चाहिए. जिन अलमारियों के दरवाजे दक्षिण दिशा की ओर खुलते हैं वो पैसो के मामले में हमेशा खाली ही रहती हैं.
- अलमारी को हमेशा साफ-सुथरा और व्यवस्थित रखना चाहिए।
- अलमारी में फालतू, टूटा-फूटा या अपयोगी सामान नहीं रखना चाहिए।
- अलमारी में धन, आभूषण, दस्तावेज या अन्य महत्वपूर्ण सामान को लॉक करके रखना चाहिए।
- अलमारी के दरवाजे और खिड़कियां आसानी से खुलती-बंद होनी चाहिए।
- अलमारी के सामने कोई बाधा नहीं होनी चाहिए।
- अलमारी पर धुल की परत ना जमने दे. इसकी साफ़ सफाई का ध्यान रखे. तभी लक्ष्मी इसके अन्दर आएगी।
- अलमारी के अन्दर बनी तिजोरी को कभी खाली ना रखे. इसके अन्दर कुछ ना कुछ पैसे और गहने अवश्य रखे. इस तरह घर में बरकत बनी रहती हैं.
ये थे वास्तुशास्त्र के प्रभाव और नियम। आशा है कि आपको ये जानकारी पसंद आई होगी।😊