Amarkantak (M.P): History & Tourist Places in Hindi
अमरकंटक (Amarkantak) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के अनूपपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। अमरकंटक रीवा से 160 मील और पेंड्रा रेलवे स्टेशन से 15 मील दूर नर्मदा तथा सोन नदी के उद्गम-स्थान के रूप में प्रख्यात है।
Amarkantak: History & Tourist Places in Hindi
राज्य | मध्यप्रदेश |
क्षेत्रफल | 47 km² |
ऊंचाई | समुद्रतट से 2500 फ़ुट से 3500 फ़ुट |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | नर्मदाकुंड और मंदिर, धुनी पानी, दूधधारा, कलचुरी काल के मंदिर, सोनमुदा, मां की बगिया, कपिला धारा आदि। |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
History of Amarakntak: अमरकंटक मध्य प्रदेश के अनूपपुर जिले का लोकप्रिय हिन्दू तीर्थस्थल है। इस स्थान पर ही मध्य भारत के विन्ध्य और सतपुड़ा की पहाडि़यों का मेल होता है। चारों ओर से टीक और महुआ के पेड़ो से घिरे अमरकंटक से ही नर्मदा और सोन नदी की उत्पत्ति होती है।
नर्मदा नदी यहां से पश्चिम की तरफ और सोन नदी पूर्व दिशा में बहती है। यहां के खूबसूरत झरने, पवित्र तालाब, ऊंची पहाडि़यों और शांत वातावरण सैलानियों को मंत्रमुग्ध कर देते हैं। प्रकृति प्रेमी और धार्मिक प्रवृति के लोगों को यह स्थान काफी पसंद आता है। अमरकंटक का बहुत सी परंपराओं और किवदंतियों से संबंध रहा है।
कहा जाता है कि भगवान शिव की पुत्री नर्मदा जीवनदायिनी नदी रूप में यहां से बहती है। माता नर्मदा को समर्पित यहां अनेक मंदिर बने हुए हैं, जिन्हें देवी दुर्गा की प्रतिमूर्ति माना जाता है। अमरकंटक को आम्रकूट भी कहते हैं। यह तीर्थ, श्राद्ध-स्थान और सिद्ध क्षेत्र के रूप में प्रसिद्ध है।
Mythological Story: अमरकंटक में अनेक मन्दिर और प्राचीन मूर्तियाँ हैं, जिनका सम्बन्ध महाभारत के पाण्डवों से बताया जाता है। अमरकंटक ऋक्षपर्वत का एक भाग है, जो पुराणों में वर्णित सप्तकुल पर्वतों में से एक है। अमरकंटक बहुत से आयुर्वेदिक पौधों मे लिए भी प्रसिद्ध है, जिन्हें किवदंतियों के अनुसार जीवनदायी गुणों से भरपूर माना जाता है।
अमरकंटक के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Places to visit in Amarakntak)
Amarkantak Tourist Places: अमरकंटक, अपने खूबसुरत झरने पवित्र नदिया उची पहाड़ियों और शांत बातावरण से अमरकंटक में घूमने आएं हज़ारों पर्यटकों को मंत्रमुग्ध कर देता है। आइये जानें इस जगह के मुख्य पर्यटक स्थलों के बारे में।
1. नर्मदाकुंड और मंदिर (Narmada Kund and Temple)
नर्मदाकुंड नर्मदा नदी का उदगम स्थल है। इसके चारों ओर अनेक मंदिर बने हुए हैं। इन मंदिरों में नर्मदा और शिव मंदिर, कार्तिकेय मंदिर, श्रीराम जानकी मंदिर, राधा कृष्ण मंदिर, अन्नपूर्णा मंदिर, श्री सूर्यनारायण मंदिर, वंगेश्वर महादेव मंदिर, दुर्गा मंदिर, गुरू गोरखनाथ मंदिर और ग्यारह रूद्र मंदिर आदि प्रमुख हैं।
माना जाता है कि नर्मदा उदगम की उत्पत्ति शिव की जटाओं से हुई है, इसीलिए शिव को जटाशंकर कहा जाता है। नर्मदा को वर प्राप्त है कि उसका हर पाषाण (नर्मदेश्वर) शिवलिंग के रूप में बिना प्राण-प्रतिष्ठा के भी पूजित हो। इसलिए ही अधिकांश शिव-मंदिर में इसी दिव्य नदी के नर्मदेश्वर शिवलिंग विराजमान रहते ।
2. धुनी पानी (Dhuni Pani)
अमरकंटक का यह गर्म पानी का झरना है। कहा जाता है कि यह झरना औषधीय गुणों से संपन्न है और इसमें स्नान करने शरीर के असाध्य रोग ठीक हो जाते हैं। श्रद्धालु दूर-दूर से इस झरने के पवित्र पानी में स्नान करने के उद्देश्य से आते हैं, ताकि उनके तमाम दुखों का निवारण हो सके।
3. दूधधारा (Dudhdhara)
अमरकंटक में दूधधारा नाम का यह झरना काफी लोकप्रिय है। ऊंचाई से गिरते इसे झरने का जल दूध के समान प्रतीत होता है इसीलिए इसे दूधधारा के नाम से जाना जाता है। दूध धारा झरने (dudh dhara waterfall) के बाजू में दुर्वासा ऋषि का आश्रम है।
4. कलचुरी काल के मंदिर (Ancient Temples of Kalachuri group)
नर्मदाकुंड के दक्षिण में कलचुरी काल के प्राचीन मंदिर बने हुए हैं। इन मंदिरों को कलचुरी महाराजा कामदेव ने 1042-1072 के दौरान बनवाया था। मछेन्द्रथान और पटालेश्वर मंदिर इस काल मंदिर निर्माण कला के बेहतरीन उदाहरण हैं।
5. सोनमुदा (Sonmuda Amarkantak)
सोनमुदा सोन नदी का उदगम स्थल है। यहां से घाटी और जंगल से ढ़की पहाडियों के सुंदर दृश्य देखे जा सकते हैं। सोनमुदा नर्मदाकुंड से 1.5 किमी. की दूरी पर मैकाल पहाडि़यों के किनारे पर है। सोन नदी 100 फीट ऊंची पहाड़ी से एक झरने के रूप में यहां से गिरती है। सोन नदी की सुनहरी रेत के कारण ही इस नदी को सोन कहा जाता है।
6. मां की बगिया (Maa Ki Bagiya)
मां की बगिया माता नर्मदा को समर्पित है। कहा जाता है कि इस हरी-भरी बगिया से स्थान से शिव की पुत्री नर्मदा पुष्पों को चुनती थी। यहां प्राकृतिक रूप से आम,केले और अन्य बहुत से फलों के पेड़ उगे हुए हैं। साथ ही गुलबाकावली और गुलाब के सुंदर पौधे यहां की सुंदरता में बढोतरी करती हैं। यह बगिया नर्मदाकुंड से एक किमी. की दूरी पर है।
7. कपिला धारा (Kapil Dhara)
लगभग 100 फीट की ऊंचाई से गिरने वाला कपिलाधारा झरना बहुत सुंदर और लोकप्रिय है। धर्मग्रंथों में कहा गया है कि कपिल मुनी यहां रहते थे। घने जंगलों,पर्वतों और प्रकृति के सुंदर नजारे यहां से देखे जा सकते हैं।
माना जाता है कि कपिल मुनी ने सांख्य दर्शन की रचना इसी स्थान पर की थी। कपिलाधारा के निकट की कपिलेश्वर मंदिर भी बना हुआ है। कपिलाधारा के आसपास अनेक गुफाएं है जहां साधु संत ध्यानमग्न मुद्रा में देखे जा सकते हैं।
8. कबीर चबूतरा (Kabir Chabutara)
स्थानीय निवासियों और कबीरपंथियों के लिए कबीर चबूतरे का बहुत महत्व है। कहा जाता है कि संत कबीर ने कई वर्षों तक इसी चबूतरे पर ध्यान लगाया था। कहा जाता है कि इसी स्थान पर कबीर और नानक देव भेंट करते थे और आध्यात्म व धर्म की बातें मानव कल्याण के लिए किया करते थे। कबीर चबूतरे के निकट ही कबीर झरना भी है। मध्य प्रदेश के अनूपपुर और दिन्डोरी जिले के साथ छत्तीसगढ के बिलासपुर की सीमाएं यहां मिलती हैं।
9. सर्वोदय जैन मंदिर (Sarvodaya Jain Temple)
यह मंदिर भारत के अद्वितीय मंदिरों में अपना स्थान रखता है। इस मंदिर को बनाने में सीमेंट और लोहे का इस्तेमाल नहीं किया गया है। मंदिर में स्थापित मूर्ति का वजन 24 टन के करीब है।
10. श्री ज्वालेश्वर महादेव ( Shree Jwaleshwar mahadev)
श्रीज्वालेश्वर मंदिर अमरकंटक से 8 किमी. दूर सहदोल रोड़ पर स्थित है। यह खूबसूरत मंदिर भगवान शिव का समर्पित है। यहीं से अमरकंटक की तीसरी नदी जुहीला की उत्पत्ति होती है। विन्ध्य वैभव के अनुसार भगवान शिव ने यहां स्वयं अपने हाथों से शिवलिंग स्थापित किया था। पुराणों में इस स्थान को महा रूद्र मेरू कहा गया है। माना जाता है कि भगवान शिव अपनी पत्नी पार्वती से साथ इस रमणीय स्थान पर निवास करते थे। मंदिर के निकट ही सनसेट प्वाइंट भी है।
कैसे जाएं (How to Reach Amarakntak)
वायु मार्ग– अमरकंटक का निकटतम एयरपोर्ट जबलपुर में है,जो लगभग 245 किमी.की दूरी पर है।
रल मार्ग– पेन्द्र रोड़ अमरकंटक का नजदीकी रेलवे स्टेशन है जो लगभग 17 किमी. दूर है। सुविधा के लिहाज से अनूपपुर रेलवे स्टेशन अधिक बेहतर है जो अमरकंटक से 48 किमी.दूर है।
सड़क मार्ग– अमरकंटक मध्य प्रदेश और निकटवर्ती शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। पेन्द्र रोड़, बिलासपुर और सहदोल से यहां के लिए नियमित बसों की व्यवस्था है।