Andhra Pradesh Tourism: आंध्र प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल
आन्ध्र प्रदेश कई प्राचीन इमारतों और धार्मिक तीर्थ केंद्रों का घर है। पर्यटन विभाग द्वारा आन्ध्र प्रदेश का प्रचार “भारत का कोहिनूर” के रूप में किया जा रहा है।
तिरुपति, भगवान वेंकटेश्वर का निवास, दुनिया में सबसे ज्यादा देखा जाने वाला (किसी भी धर्म का) धार्मिक स्थल है। श्रीशैलम में श्री मल्लिकार्जुन का निवास है जो भारत के बारह ज्योतिर्लिंगों में एक है।अमरावती का शिव मंदिर पंचाराममों में एक है, वैसे ही यादगिरीगुट्टा में विष्णु के अवतार श्री लक्ष्मी नरसिंह का वास है। यहाँ के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्नलिखित हैं-
#1 तिरूपती बालाजी (Tirupati Balaji)
तिरुपति बालाजी, भारत के सबसे प्रसिद्ध तीर्थस्थलों में से एक है। यह आंध्र प्रदेश के चित्तूर जिले में स्थित है। प्रतिवर्ष लाखों की संख्या में दर्शनार्थी यहां आते हैं। समुद्र तल से 3200 फीट ऊंचाई पर स्थित तिरुमला की पहाड़ियों पर बना श्री वैंकटेश्वर मंदिर यहां का सबसे बड़ा आकर्षण है। और पढ़ें: तिरुपति बालाजी
#2 श्रीशैलम (Srisailam)
श्रीशैलम (Srisailam) भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के कर्नूल ज़िले में स्थित एक नगर है। यह हिन्दुओं के लिये एक पवित्र धार्मिक नगर है। यहाँ भगवान मल्लिकार्जुन स्वामी को समर्पित मंदिर है। यह मंदिर भगवान शिव के पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है। इसे दक्षिण भारत का कैलाश भी कहते हैं।
इस मंदिर का मूल उद्गम अज्ञात है। स्कंद पुराण में श्री शैल काण्ड नाम का अध्याय है। इसमें उपरोक्त मंदिर का वर्णन है। कहा जाता है कि आदि शंकराचार्य ने जब इस मंदिर की यात्रा की, तब उन्होंने शिवानन्दलहरी की रचना की थी। और पढें: श्री मल्लिकार्जुन, ज्योतिर्लिंग
#3 हैदराबाद (Hyderabad)
हैदराबाद, भारत के समग्र सकल घरेलू उत्पाद में पांचवां सबसे बड़ा योगदानकर्ता है। हैदराबाद, अपने इतिहास, विभिन्न अनुभवों और स्वादिष्ट व्यजनों के लिए भी मशहूर है। इस शहर को विविध संस्कृतियों के केंद्र के रूप में भी जाना जाता है। हैदराबाद के प्रमुख पर्यटन स्थल निम्न है-
चारमीनार (Charminar)
शहर के बीचोंबीच बनी इस भव्य इमारत का निर्माण क़ुतुब शाही वंश के पांचवें शासक ने 1591 ई. में कराया था। चारमीनार के निर्माण में ग्रेनाइट, चूना पत्थर, मोर्टार और चूर्णित संगमरमर का प्रयोग किया गया हैं।
ऐसा कहा जाता है कि हैदराबाद में प्लेग जैसी भयानक महामारी पर विजय पाने की खुशी में नवाब ने चारमीनार का निर्माण कराया था। चारमीनार को पुरातत्व सर्वेक्षण द्वारा तैयार आधिकारिक “स्मारकों की सूची” में एक पुरातात्विक और वास्तुशिल्प खजाने के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
नेहरू प्राणी संग्रहालय, हैदराबाद (Nehuru zological park)
हैदराबाद के नेहरू जूलॉजिकल पार्क (Nehuru zological park) को हैदराबाद चिड़ियाघर के नाम से भी जाना जाता है। इसे वर्ष 1963 में जनता के लिए बनाया गया। 380 एकड़ (150 हेक्टेयर) जमीन पर फैले हुए इस चिड़ियाघर का रखरखाव आंध्र प्रदेश सरकार के वन विभाग द्वारा किया जाता है।
हैदराबाद के इस प्राणी संग्रहालय की विशेषता यह है कि यहां इस बात का पूरा ध्यान रखा जाता है कि जानवरों और पक्षियों को प्राकृतिक आवास जैसा माहौल उपलब्ध कराया जाए। जू में जानवर, सरीसृप और पक्षियों की कई प्रजातियां पाई जाती हैं। इनमें बाघ, चीता, एशियाई शेर, अजगर, वनमानुष, मगरमच्छ, चिकारा, हिरन और भारतीय गेंडे प्रमुख हैं। इस प्राणी संग्रहालय में आप अपने वाहन से भी घूम सकते हैं
हैदराबाद की बुद्ध प्रतिमा (Buddha Statue Hyderabad, Telangana)
हैदराबाद के हुसैन सागर नामक कृत्रिम झील में बनी 18 मीटर ऊंची गौतम बुद्ध की यह प्रतिमा विश्व में सबसे ऊंची अखण्ड बुद्ध की प्रतिमा है। इसे स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी की तर्ज पर 1 दिसंबर 1992 गौतम बुद्ध की अखंड मूर्ति, झील के बीच में एक टापू पे खडी की गई। इस प्रतिमा को बनाने में 2 वर्ष का समय लगा था।
इस प्रतिमा का निर्माण श्री स्वर्गीय एन टी रामाराव द्वारा किया गया था, जो उस समय आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री थे। ऐसा कहा जाता है कि एन टी रामाराव को अमेरिका यात्रा के दौरान स्टैचू ऑफ़ लिबर्टी इतना पसंद आया की उन्होंने ऐसी ही प्रतिमा को बनने का मन बना लिया। जिस पत्थर पर यब प्रतिमा बनी है, उसे स्थानीय लोग ‘जिब्राल्टर पत्थर’ कहते है। आप यहां मोटर बोट की सवारी का आनंद भी ले सकते है।
बिडला मंदिर, हैदराबाद (तेलंगाना)
हैदराबाद का बिरला मंदिर भारत का एक लोकप्रिय मंदिर है। यह मंदिर भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित है। यह मंदिर हैदराबाद के बीच 280 फीट ऊंचे नौबत पहाड़ पर बना हुआ है।
यह मंदिर 1976 में बन कर तैयार हुआ था। सफेद संगमरमर से बना यह मंदिर 13 एकड़ क्षेत्र में फैला है। यहां से नगर का नज़ारा दिखाई देता है, व पूरे नगर से यह दिखाई देता है।
बिडला तारामंडल (Birla Planetarium)
बिड़ला तारामंडल देश का पहला तारामंडल है। इसका शुभारंभ स्वर्गीय एनटी रामा राव ने 1985 में किया था। यह तारामंडल हर तरह के नवीन उपकरणों से लैश है। ये वास्तव में जानकारीप्रद और मनोरंजक है। अगर आप बच्चों के साथ हैदराबाद घूमने जा रहे हैं तो बिड़ला तारामंडल जरूर जाएं।
चिलकुर बालाजी (वीसा बालाजी मंदिर)
श्री वेंकटेश्वर स्वामी को समर्पित यह मंदिर मेहंदीपटनम से 23 कि॰मी॰ दूर है। इसे वीसा-बालाजी नाम से भी जाना जाता हैं, क्योंकि लोगों की यह मान्यता है, कि वीज़ा का इंटरव्यू इनकी कृपा से सकारात्मक परिणाम देता है।
रामोजी फिल्म सिटी (Ramoji Film City)
रामोजी फिल्म सिटी हैदराबाद से 25 किलोमीटर दूर विजयनगर राष्ट्रीय राजमार्ग NH-9 पर स्थित है। वर्ष 1996 में उद्घाटित यह फिल्म सिटी विश्व का सबसे बड़ा फ़िल्म स्टूडियो है। इसे गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड द्वारा दुनिया के सबसे बड़े फिल्म स्टूडियो कॉम्प्लेक्स के रूप में प्रमाणित किया गया है।
यह लगभग 2000 एकड़ में फैला है। और इसमें 500 से ज्यादा सेट लोकेशन हैं। यहाँ एक साथ 20 से 25 फिल्मों की शूटिंग की जा सकती है। फिल्म सिटी में हर साल करीब दस लाख पर्यटक आते हैं। इससे फिल्म सिटी को अरबों की आमदनी होती है।
फलकनुमा पैलेस (Falaknuma Palace)
इसके निर्माण को पूरा होने में कुल 9 वर्षों का समय लगा था। सन 2000 में ताज होटल नें इस पैलेस को पुनः नवीनीकृत करना शुरू कर दिया। नए बदलावों के साथ इस होटल को नवम्बर 2010 में अतिथियों के लिए खोल दिया गया हैं।
फलकनुमा पैलेस 32 एकड़ क्षेत्र पर बना हुआ है तथा चारमिनार से 5 किमी की दूरी पर है। इसका निर्माण नवाब वकार उल उमर द्वारा किया गया था जो कि हैदराबाद के प्रधानमन्त्री थे। फलकनुमा का तात्पर्य होता है- “आसमान की तरह” अथवा “आसमान का आइना”।यह पूर्णतया इटेलियन पत्थर द्वारा बना हुआ है।
हैदराबाद के अन्य महत्वपूर्ण पर्यटन स्थल
कमल सरोवर- जुबली हिल्स पर स्थित, तालाब के चारों ओर बना एक सुंदर बगीचा है, जिसे एक इतालवी अभिकल्पक द्वारा बनाया हुआ बताया जाता है। यह वर्तमान में हैदराबाद नगरपालिक निगम द्वारा अनुरक्षित है। यह कुछ दुर्लभ प्रजातियों के पक्षियों का घर भी है।
मक्का मस्जिद, हैदराबाद में सबसे पुरानी और भारत की सबसे बड़ी मस्जिदों में से एक है। मुहम्मद क़ुली क़ुत्ब शाह, हैदराबाद के 6वें सुलतान ने 1617 मे इसका निर्माण शुरू किया था और 1694 में औरंग़ज़ेब के वक़्त में पूरा हुआ। यह मस्जिद अपने आकार, स्थापत्य एवं निर्माण में अद्वितीय है। कहते है कि इसे बनाने मे लगभग 8000 राजगीर और 77 वर्ष लगे थे।
वर्गल सरस्वती देवी मंदिर – यह हैदराबाद से 50 किलोमीटर दूरी पर मेडचल महामार्ग पर स्थित मंदिर है। यह एक बड़ी शिला पर स्थित है।
सलारजंग संग्रहालय: सालार जंग संग्रहालय तेलंगाना राज्य की राजधानी हैदराबाद शहर में मूसा नदी के दक्षिणी तट पर दार-उल-शिफा में स्थित एक कला संग्रहालय है। यह भारत के तीन राष्ट्रीय संग्रहालयों में से एक है।
पुरानी हवेली– पुरानी हवेली भारत के हैदराबाद, तेलंगाना, में स्थित एक महल है। यह हैदराबाद राज्य के निज़ाम का आधिकारिक निवास था। इसका निर्माण मीर अकबर अली खान सिकंदर जाह, आसिफ़ जाह तृतीय (1803-1829) के लिए उनके पिता असफ जहां द्वितीय द्वारा बनायी गयी थी।
क़ुतुब शाही मक़बरा – कुतुबशाही वंश के शासकों के मकबरे यहां स्थित हैं, यह गोलकोंडा किले के निकट शाइकपेट में है।
पैगाह मक़बरा – पैगाह मकबरा का संबंध पैगाह के शाही परिवार से है, जिसे शम्स उल उमराही परिवार के नाम से भी जाना जाता है। हैदराबाद के उपनगर पीसाल बंदा में स्थित इस मकबरे को मकबरा शम्स उल उमरा के नाम से भी जाना जाता है। इस मकबरे के निर्माण का काम 1787 में नवाब तेगजंग बहादुर ने शुरू करवाया था और फिर बाद में इसके निर्माण कार्य में उनके बेटे आमिर ए कबीर प्रथम ने हाथ बंटाया।
गोलकुंडा: हैदराबाद नगर से पाँच मील पश्चिम स्थित एक दुर्ग तथा ध्वस्त नगर है। इस दुर्ग का निर्माण वारंगल के राजा ने 14वीं शताब्दी में कराया था। पूर्वकाल में यह कुतबशाही राज्य में मिलनेवाले हीरे-जवाहरातों के लिये प्रसिद्ध था।
चौमोहल्ला पैलेस: हैदराबाद राज्य के निज़ाम का महल है। इसका निर्माण वर्ष 1869 में 5 वें निज़ाम अफ़ज़ल-उद-दौला, आसफ जाह पंचम के शासनकाल के दौरान हुआ था।
संघी मंदिर – संघी मंदिर तेलंगाना भारत के संघी नगर में स्थित है। ये मंदिर हैदराबाद से लगभग 40 किमी की दुरी पर है। भगवान वेंकटेश्वर को समर्पित यह मंदिर पने ऊंचे राजा गोपुरम के लिए जाना जाता है।
स्नो वर्ल्ड – स्नो वर्ल्ड हैदराबाद में लगभग 2 एकड़ (0.81 हेक्टेयर) के क्षेत्र में स्थित एक मनोरंजन पार्क है, जो कि इस उष्णकटिबंधीय शहर में लोगों बहुत कम तापमान व हिम का अनुभव देता है। इंदिरा पार्क और हुसैन सागर झील के किनारे स्थित इस पार्क का उद्घाटन 28 जनवरी 2004 को हुआ था।
#4 श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर (यादागिरिगुट्टा)
श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर एक हिंदू मंदिर है जो यदाद्री भुवनगिरी में यादगिरिगुट्टा के छोटे से शहर में एक पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के अवतार नरसिंह का निवास स्थान है। इसे यादाद्री या यादगिरिगुट्टा मंदिर के रूप में जाना जाता है। और पढ़ें: श्री लक्ष्मी नरसिम्हा स्वामी मंदिर
#5 सत्यनारायण स्वामी मंदिर (अन्नावरम)
अन्नावाराम तेलंगाना, आंध्र प्रदेश में सबसे प्रसिद्ध पवित्र स्थानों में से एक है। मंदिर रत्नागिरी नामक एक पहाड़ी पर है और भगवान विष्णु के अवतार वीर वेंकट सत्यनारायण को समर्पित है। और पढ़ें: सत्यनाराण व्रत कथा और पूजन विधि
#6 श्री वाराह लक्ष्मी नरसिंह मन्दिर (सिम्हाचलम)
श्री वाराह लक्ष्मी नरसिंह मन्दिर आन्ध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में सिंहाचलम पहाड़ी पर स्थित है। यह मंदिर भगवान विष्णु के ‘वाराह नरसिंह’ रूप का समर्पित है। इस मंदिर को विश्व के प्राचीन मंदिरों में से एक माना जाता है जिसका निर्माण पूर्वी गंगायो में तेरहवीं शताब्दी में करवाया गया था। अक्षय तृतीय को छोड़कर बाकी दिन मूर्ति चन्दन से ढकी रहती है जिससे यह मूर्ति ‘शिवलिंग’ जैसा प्रतीत होती है।
#7 विजयवाड़ा (Amaravati)
विजयवाड़ा (Amaravati) भारत के आन्ध्र प्रदेश राज्य के कृष्णा ज़िले में स्थित एक शहर है। दो हज़ार वर्ष पुराना यह शहर बैजवाड़ा के नाम से भी जाना जाता है। यह नाम देवी कनकदुर्गा के नाम पर है, जिन्हें स्थानीय लोग विजया कहते हैं।
कनक दुर्गा मंदिर आंध्र प्रदेश के विजयवाड़ा में स्थित देवी दुर्गा का प्रसिद्ध हिंदू मंदिर है। कनक दुर्गा को देवी शाकम्भरी का रूप माना जाता है। देश मे माँ शाकम्भरी का मुख्य मंदिर उत्तर प्रदेश के सहारनपुर के निकट शिवालिक पर्वत श्रृंखला मे है शाकम्भरी देवी ही कनक दुर्गा के नाम से विजयवाड़ा मे विख्यात है।
#8 सहस्त्र स्तंभ मंदिर और क़िला (वारंगल)
वरंगल, उत्तरी तेलंगाना का प्रमुख नगर है। यह चेन्नई–काज़िपेट्ट–दिल्ली राजमार्ग पर स्थित है। वरंगल 12वीं सदी में उत्कर्ष पर रहे आन्ध्र प्रदेश के काकतीयों की प्राचीन राजधानी था।
वर्तमान शहर के दक्षिण–पूर्व में स्थित वरंगल दुर्ग कभी दो दीवारों से घिरा हुआ था जिनमें भीतरी दीवार के पत्थर के द्वार (संचार) और बाहरी दीवार के अवशेष मौजूद हैं। 1162 में निर्मित 1000 स्तम्भों वाला मन्दिर शहर के भीतर ही स्थित है।
#9 भद्राचलम (Bhadrachalam)
भद्राचलम् भारत के तेलंगाना राज्य के भद्राद्री कोठागुडम ज़िले में स्थित एक नगर है। यहा नगर गोदावरी नदी के तट पर स्थित भगवान राम के भद्राचलम मंदिर के लिये प्रसिद्ध है और एक महत्वपूर्ण हिंदू तीर्थ शहर है।
#10 नागार्जुन कोंडा (Nagarjuna Hill)
नागार्जुनकोंडा आंध्र प्रदेश राज्य के नलगोंडा ज़िले में स्थित एक ऐतिहासिक नगर है। यह बौद्ध महायान के प्रसिद्ध आचार्य नागार्जुन (द्वितीय शताब्दी) ई. के नाम पर प्रसिद्ध है।
#11 बौद्ध भग्नावेश (पानीगिरि)
पानीगिरि, ज़िला नालगोंडा, आन्ध्र प्रदेश में जनगाँव स्टेशन से 30 मील दूर स्थित है। यह स्थान अपने बौद्ध भग्नावेशेषों के लिए प्रसिद्ध है। हज यहाँ 350 फुट ऊँची पहाड़ी पर प्रायः 2000 वर्ष प्राचीन सातवाहन कालीन बौद्ध उपनिवेश के भग्नावेशेष स्थित हैं, जिनमें स्तूप, चैत्य, विहारादि सम्मिलित हैं।