अन्नपूर्णा मंदिर, मेरठ
मंदिर का इतिहास (History of Temple)
मेरठ की क्रांतिकारी धरा पर 1988 मे ब्रह्मलीन परम पूज्य स्वामी रामचंद्र केशव डोंगरे जी महाराज श्री की भागवत कथा से श्री राम कृष्ण सेवा ट्रस्ट अन्नपूर्णा मन्दिर अन्नक्षेत्र की स्थापना का बीजारोपण एसी परीक्षा की घड़ी के साथ हुआ जैसे भगवान श्री कृष्ण के जन्म पर घनघोर घटा, आंधी, तूफान, मूसलाधार बारिश का वातावरण था।
अन्नपूर्णा चैरिटेबल हाॅस्पिटल के सहयोग हेतु लगभग 101 गुप्तदान पात्र मेरठ के प्रतिष्ठित-प्रतिष्ठानों पर तथा मेरठ से बाहर दिल्ली, मुम्बई, गुवाहाटी, कोलकाता, गाजियाबाद एवं देहरादून आदि स्थानों पर रखे हैं, आप उन दानपात्र में भी धन डालकर पुण्य अर्जित कर सकते हैं। तथा इस पुण्य कार्य के अंतरगत, जो अपने यहाँ दानपात्र रखने के इच्छुक हैं, वह दानपात्र हाॅस्पिटल से प्राप्त कर सकते हैं। मंदिर को सीधे दान करने के लिए बैंक तथा अकाउंट के बारे में जानकारी नीचे दी गई है।
अन्नपूर्णा मन्दिर (अन्नक्षेत्र) द्वारा प्रदत्त सेवायें :-
- प्रतिदिन 11:00 बजे से जरूरतमंदों को निःशुल्क भोजन कराना।
- धार्मिक प्रवचन, कथा-भागवत आयोजन सन्त-महात्माओं के निवास भोजन की व्यवस्था।
- सामाजिक कार्यों एवं लड़की-लड़का दिखाने हेतु भवन उपलब्ध कराना।
- निर्धन कन्याओं के विवाह की व्यवस्था करना।
- दुल्हैंडी पर सायंकाल 5 बजे से होली मिलन एवं कवि सम्मेलन का आयोजन।
अन्नपूर्णा चैरिटेबल हॉस्पिटल द्वारा प्रदत्त सेवायें :
- एमण्डी0-एम0 एस0 डाक्टरों द्वारा प्रतिदिन समस्त रोगों का परामर्श व उपचार
- फैको मशीन द्वारा आँख ऑपरेशन ।
- बच्चों के समस्त जीवन रक्षा टीके लगवाने की सुविधा।
- टी0बी० के मरीजों को निःशुल्क दवाई।
- नई व नवीनतम मशीन सुविधायुक्त हेल्थकेयर व फिजियोथिरेपी सैन्टर।
- एक्स-रे सुविधा।
- ऑडियोमीटरी मशीन द्वारा कान के पर्दे की जाँच ।
- गरीबों के लिये आँख कैम्प की निःशुल्क व्यवस्था।
- मृत देह रक्षा कवच फ्रिजर।