अनुभूत यंत्र-मंत्र-तंत्र और टोटके : Anubhut Yantra Mantra Tantra Aur Totke | Book Review & PDF [Hindi]
Anubhut Yantra Mantra Tantra Mantra or Totke: विश्व में जितनी भी मानव सभ्यताएं हैं वे किसी-न-किसी रूप में यन्त्र-मन्त्र-तन्त्र, तावीज, तिलस्म व टोटकों में अपने-अपने ढंग से विश्वास करती आई है। प्रस्तुत लेख में हम डॉ भोजराज द्विवेदी की प्रमुख कृति “अनुभूत यंत्र-मंत्र-तंत्र और टोटके” पुस्तक का रिव्यू करेंगे।
Anubhut Yantra Mantra Tantra Aur Tokey by Dr. Bhojraj Dwivedi PDF Download [Hindi]
Author | Dr. Bhojraj Dwivedi |
Publisher | Diamond Pocket Books Pvt. Ltd. |
Language | Hindi |
Edition | 2023 |
ISBN | 9788171823154 |
Pages | 256 |
Cover | Paperback |
Category | Tantra Mantra |
Download Status | Available Soon |
अनुभूत यंत्र मंत्र तंत्र और टोटके के लेखक सुप्रसिद्ध ज्योतिषी और लेखक डॉ. भोजराज द्विवेदी जी है। भोजराज द्विवेदी जी ने ज्योतिष, वास्तुशास्व हस्तरेखा अंक विद्या, यंत्र-मंत्र-तंत्र विज्ञान, कर्मकांड व पौरोहित्य पर लगभग 40 से अधिक पुस्तकें प्रकाशित की है। (ओर पढ़ें: डॉ भोजराज द्विवेदी
पुस्तक अंश
प्रायः बड़े-बड़े डॉक्टर लोग किसी रोग को समझ नहीं पाते परन्तु घर के बड़े-बूढ़े व सयाने लोगों के द्वारा किये गए उपायों से रोग को तुरन्त राहत मिल जाती है, तो इसके चमत्कार को मानना ही पड़ता है।
यंत्र का क्या है?: यन्त्र मन्त्ररूप है, मन्त्र देवताओं का ही विग्रह है। जिस प्रकार शरीर और आत्या में कोई भेद नहीं होता है, उसी प्रकार यन्त्र और देवता में भी कोई भेद नहीं होता है। इसी यन्त्र को उर्दू या मुस्लिम बोल-चाल की भाषा में ‘तावीज’ कहते हैं।
तंत्र में घृणा का स्थान नहीं: तन्त्र’ में कुछ भी अपवित्र नहीं होता। अविश्वास, अश्रद्धा, घृणा और हिचकिचाहट के साथ किये गए तांत्रिक अनुष्ठान कभी सफल नहीं होते। तन्त्र’ में दृढ़ आत्मविश्वास व गुरु की शक्ति मूल रूप से कार्य करती है
आत्म-रक्षा का मन्त्र
ॐ नमो वज्र की चौकी वन में वास, मरे भूत जो लेवे सांस, पिण्ड छोड़ी घटता में पैसे, ब्रह्मा कुंची, महेश्वर ताला, इस पिण्ड का गुरु गोरख रखवाला ।
नजर झाड़ने का मन्त्र (नजर कामण शान्ति-करण)
ॐ नमो सत्यनाम आदेश गुरु को। ॐ नमो नजर जहां पर पीर न जानी, बोले छल सों अमृत बानी। कहो नजर कहाँ ते आई, यहाँ की ठोर तोहि कौन बताई । कौन जात तेरी काँ ठाम, किसकी बेटी कहो तेरो नाम। कहाँ से उड़ी कहाँ की जाया, अब ही बस करले, तेरी माया। मेरी बात सुनो चित्त लगाय, जैसी होय सुनाऊँ आय । तेलन, तमोलन, चुहड़ी चमारी, कायथनी, खतरानी, कुम्हारी । महतरानी, राजा की रानी, जाको दोष ताहि सिर पर पड़े। हनुमन्त वीर नजर से रक्षा करे। मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति, फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा ।
डाकिनी-शाकिनी को चोट देने और जलाने का मन्त्र
ॐ नमो हनुमन्ताय, महाबलाय पराक्रमाय, अस्मद्कुल शाकिनी नाश कुरु- कुरु, सुख प्रज्वलाय स्वाहा ।
पुस्तक समीक्षा (Rating: ⭐⭐⭐⭐
भोजराज द्विवेदी की लेखनी पाठकों को तंत्र-मंत्र के प्राचीन ज्ञान से परिचित कराती है और इसे आधुनिक संदर्भ में उपयोगी बनाती है। यदि आप तंत्र मंत्र में रुचि रखते है तो आपको इस बुक का अवश्य अध्ययन करना चाहिए। यह पुस्तक कई मायने में खास है और अन्य पुस्तक से अलग है।
पुस्तक की शुरुआत वेद मंत्रों के तांत्रिक प्रयोग से होता है। जो किसी अन्य पुस्तक में देखने को नहीं मिलता। इसके बाद दुर्गा सप्तशती के मंत्रों का प्रयोग दिया गया है। तत्पश्चात रामचरित मानस के मंत्र, जिसका उपयोग सामान्य गृहस्थ भी कर सकता है।
इसके बाद क्रमशः हिन्दू, शाबर मंत्र, मुस्लिम शाबर मंत्र, जैन मंत्र, विभिन्न यंत्र, तंत्र प्रयोग, टोटके, लाल किताब के टोटके और अंत में अथर्ववेद रात्रि प्रकरण दिया गया है।