अपरा एकादशी : व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि
ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी को अपरा एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से अधूरी मनोकामनाएं विष्णु भगवान अवश्य पूरी करते है।
हिंदू धर्म में एकादशी का व्रत महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस एकादशियाँ होती हैं। जब अधिकमास या मलमास आता है तब इनकी संख्या बढ़कर 26 हो जाती है। इस वर्ष अपरा एकादशी 6 जून को है।
अपरा एकादशी व्रत

आधिकारिक नाम | अपरा एकादशी व्रत |
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तिथि | ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी |
अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | हिन्दू व्रत |
उद्देश्य | सर्वकामना पूर्ति |
सम्बंधित लेख | एकादशी व्रत |
अपरा एकादशी व्रत कथा
युधिष्ठिर ने पूछा जनार्दन! ज्येष्ठ मास के कृष्णपक्ष में किस नाम की एकादशी होती है? मैं उसका माहात्म्य सुनना चाहता हूँ उसे बताने की कृपा कीजिये।
भगवान श्रीकृष्ण बोले राजन् आपने सम्पूर्ण लोकों के हित के लिए बहुत उत्तम बात पूछी है।
राजेन्द्र ज्येष्ठ (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार वैशाख ) मास के कृष्णपक्ष की एकादशी का नाम ‘अपरा’ है। यह बहुत पुण्य प्रदान करनेवाली और बड़े बड़े पातकों का नाश करनेवाली है। ब्रह्महत्या से दबा हुआ, गोत्र की हत्या करने वाला, गर्भस्य बालक को मारनेवाला, परनिन्दक तथा परस्त्री लम्पट पुरुष भी अपरा एकादशी के सेवन से निश्चय ही पाप रहित हो जाता है। जो झूठी गयाही देता है, माप तौल में धोखा देता है, बिना जाने ही नक्षत्रों की गणना करता है और कूटनीति से आयुर्वेद का ज्ञाता बनकर वैध का काम करता है…
ये सब नरक में निवास करने वाले प्राणी हैं परन्तु अपरा एकादशी के सवेन से ये भी पाप रहित हो जाते हैं। यदि कोई क्षत्रिय अपने क्षत्रिय धर्म का परित्याग करके युद्ध से भागता है तो वह क्षत्रियोचित धर्म से भ्रष्ट होने के कारण घोर नरक में पड़ता है। जो शिष्य विद्या प्राप्त करके स्वयं ही गुरु निन्दा करता है, वह भी महापातकों से युक्त होकर भयंकर नरक में गिरता है। किन्तु अपरा एकादशी के सेवन से ऐसे मनुष्य भी सदगति को प्राप्त होते हैं ।
माघ में जब सूर्य मकर राशि पर स्थित हो, उस समय प्रयाग में स्नान करने वाले मनुष्यों को जो पुण्य होता है, काशी में शिवरात्रि का व्रत करने से जो पुण्य प्राप्त होता है, गया में पिण्डदान करके पितरों को तृप्ति प्रदान करने वाला पुरुष जिस पुण्य का भागी होता है, बृहस्पति के सिंह राशि पर स्थित होने पर गोदावरी में स्नान करने वाला मानव जिस फल को प्राप्त करता है, बदरिकाश्रम की यात्रा के समय भगवान केदार के दर्शन से तथा बदरीतीर्थ के सेवन से जो पुण्य फल उपलब्ध होता है तथा सूर्यग्रहण के समय कुरुक्षेत्र में दक्षिणा सहित यज्ञ करके हाथी, घोड़ा और सुवर्ण दान करने से जिस फल की प्राप्ति होती है, अपरा एकादशी के सेवन से भी मनुष्य वैसे ही फल प्राप्त करता है।
‘अपरा’ को उपवास करके भगवान वामन की पूजा करने से मनुष्य सब पापों से मुक्तहो श्रीविष्णुलोक में प्रतिष्ठित होता है। इसको पढ़ने और सुनने से सहस्र गौदान का फल मिलता है।
2021 में अपरा एकादशी व्रत कब है? (Apara Ekadashi Vrat Date and Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, अपरा एकादशी ज्येष्ठ मास कृष्ण पक्ष की एकादशी के दौरान ग्यारहवें दिन (एकादशी) को आती है। इंग्लिश कलेंडर के अनुसार, ये मई-जून महीने में पड़ता है। इस वर्ष अपरा एकादशी 6 जून को है।
Important Timings On Apara Ekadashi
सूर्योदय (Sunrise) | June 06, 2021 5:44 AM |
सूर्यास्त (Sunset) | June 06, 2021 7:06 PM |
द्वादशी समाप्त (Dwadashi End) | June 07, 2021 8:48 AM |
एकादशी प्रारम्भ (Tithi Begins) | June 05, 2021 4:07 AM |
एकादशी समाप्त (Tithi Ends) | June 06, 2021 6:19 AM |
हरि वासरा समाप्त (Hari Vasara End) | June 06, 2021 12:57 PM |
पारण समय (Parana Time) | June 07, 5:44 AM – June 07, 8:25 AM |
Apara Ekadashi festival dates between 2021 to 2025
Year | Date |
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2021 | Sunday, 6th of June |
2022 | Thursday, 26th of May |
2023 | Monday, 15th of May |
2024 | Sunday, 2nd of June |
2025 | Friday, 23rd of May |
2026 | Wednesday, 13th of May |
2027 | Tuesday, 1st of June |
2028 | Saturday, 20th of May |
2021 में पढ़ने वाले एकादशी व्रत (Ekadashi Tithi Date List in 2021)
त्यौहार दिनांक | व्रत |
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जनवरी 10, 2025, शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
जनवरी 25, 2025, शनिवार | षटतिला एकादशी |
फरवरी 8, 2025, शनिवार | जया एकादशी |
फरवरी 24, 2025, सोमवार | विजया एकादशी |
मार्च 10, 2025, सोमवार | आमलकी एकादशी |
मार्च 25, 2025, मंगलवार | पापमोचिनी एकादशी |
मार्च 26, 2025, बुधवार | वैष्णव पापमोचिनी एकादशी |
अप्रैल 8, 2025, मंगलवार | कामदा एकादशी |
अप्रैल 24, 2025, बृहस्पतिवार | वरुथिनी एकादशी |
मई 8, 2025, बृहस्पतिवार | मोहिनी एकादशी |
मई 23, 2025, शुक्रवार | अपरा एकादशी |
जून 6, 2025, शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
जून 21, 2025, शनिवार | योगिनी एकादशी |
जुलाई 6, 2025, रविवार | देवशयनी एकादशी |
जुलाई 21, 2025, सोमवार | कामिका एकादशी |
अगस्त 5, 2025, मंगलवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
अगस्त 19, 2025, मंगलवार | अजा एकादशी |
सितम्बर 3, 2025, बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
सितम्बर 17, 2025, बुधवार | इन्दिरा एकादशी |
अक्टूबर 3, 2025, शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
अक्टूबर 17, 2025, शुक्रवार | रमा एकादशी |
नवम्बर 1, 2025, शनिवार | देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी |
नवम्बर 15, 2025, शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
दिसम्बर 1, 2025, सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
दिसम्बर 15, 2025, सोमवार | सफला एकादशी |
दिसम्बर 30, 2025, मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी |