Ashvini: अश्वनी नक्षत्र की सम्पूर्ण जानकारी
Ashvini Nakshatra: अश्वनी नक्षत्र 27 नक्षत्र में प्रथम नक्षत्र है, इसके 3 तारे है। अश्विनी नक्षत्र की स्थिति 0.00 अंशों से 13.20 अंशों तक मानी गयी है। इसी से मेष राशि का प्रारम्भ होता है। मुहूर्त ज्योतिष मे इसे लघु क्षिप्र नक्षत्र भी कहते है।
प्रश्न:अश्वनी का क्या अर्थ होता है?
अश्विनी का अर्थ ‘घोड़ी रूप स्त्री’ और कुमार का अर्थ ‘युवा अथवा भाई’ होता है। अश्विनी नक्षत्र के देवता हैं-अश्विनी कुमार, जबकि स्वामी केतु ग्रह है।
अश्वनी नक्षत्र (पौराणिक मान्यता)
पौराणिक कथा अनुसार सूर्य देव की पत्नी ‘संजना’ सूर्य देव के तेज से घबराकर पृथ्वी में धोडी बनकर विचरण कर रही थी। जब यह बात सूर्य देव को पता लगी तो वह घोड़ा बन गए। जिससे अश्विनी कुमार का जन्म हुआ।
अश्विनी कुमार दो भाई है, जिन्हे प्रथम चिकित्सक भी है। महाभारत अनुसार नुकुल और सहदेव अश्वनी कुमार के ही अवतार थे। (और पढ़ें: महाभारत के प्रमुख पात्र
अश्वनी नक्षत्र की विशेषताएँ
इस नक्षत्र में जन्मा जातक सुन्दर, उज्ज्वल, भाग्यवान, स्थूल देह और लोकप्रिय होता है। अश्वनी (घोड़ा) स्फूर्ति, चंचलता स्वेच्छा का प्रतीक है। इसलिए अश्वनी नक्षत्र के जातक स्फूर्ति युक्त, किसी भी कार्य का शुरुआत जोर शोर से करने वाले, अदम्य साहसी, युवा दिखने वाले होते है। अश्वनी नक्षत्र में जन्मे कुछ प्रतिष्ठत व्यक्ति निम्न है..
- भारत रत्न रविन्द्र नाथ टैगोर
- डा. मार्टिन लूथर किंग (नोबल पुरस्कारित, अमेरिकन गांधी)
- एडमंड हिलेरी (एवरेस्ट पर्वतारोही)
अश्वनी नक्षत्र के दिन क्या करे क्या न करें?
अनुकूल कार्य: यह नक्षत्र निश्चित या नाजुक कार्यो के लिए लाभदायक माना जाता है। इसके अलावा यह क्रय-विक्रय, कला, मूर्ति निर्माण, सीखना, नवीन आभूषण धारण, नीव रखना, उपचार के लिए अनुकूल दिन है।
प्रतिकूल कार्य: यह विवाह निष्कर्ष, भावनात्मक और यौन गतिविधि के लिये प्रतिकूल है।
प्रस्तुत फल जन्म नक्षत्र के आधार पर है। कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार फल में अंतर संभव है। अतः किसी भी ठोस निर्णय में पहुंचने के लिए सम्पूर्ण कुंडली अध्यन आवश्यक है।