अटल बिहारी बाजपेयी, जीवनी
पूरा नाम | अटल बिहारी वाजपेयी |
जन्म | 25 दिसंबर, 1924, ग्वालियर, मध्य प्रदेश |
मृत्यु | 16 अगस्त, 2018, नई दिल्ली |
पिता | पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी |
माता | और श्रीमती कृष्णा देवी |
धर्म | हिन्दू |
शिक्षा | स्नातकोत्तर, गोरखी विद्यालय, विक्टोरिया स्कूल (अब रानी लक्ष्मीबाई कॉलेज), डी.ए.वी. महाविद्यालय |
विवाह | अविवाहित |
नागरिकता | भारतीय |
पार्टी | भारतीय जनता पार्टी, भारतीय जनसंघ |
पद | भारत के 11वें प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री |
कार्य काल | प्रधानमंत्री-16 मई 1996 – 1 जून 1996 और 19 मार्च 1998 – 19 मई 2004; विदेश मंत्री- 26 मार्च 1977 – 28 जुलाई 1979 |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म विभूषण, भारत रत्न |
उपलब्धि | भारत के 11वें प्रधानमंत्री, पोखरन, परमाणु परीक्षण |
अटल बिहारी बाजपेयी (Atal Bihari Vajpayee Biography Hindi)
अटल बिहारी बाजपेयी का जन्म 25 दिसंबर 1924 को ग्वालियर के एक साधारण ब्राह्मण परिवार में हुआ था। इनके पिता का नाम पंडित कृष्ण बिहारी वाजपेयी और माता का नाम कृष्णा देवी बाजपेयी था। पिता गाँव के ही स्कूल में अध्यापन का कार्य करने के साथ-साथ हिन्दी और ब्रज भाषा के कवि भी थे। अटल जी के कुल 7 भाई बहन थे।
शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन (Early life and education)
अटल जी की प्रारम्भिक शिक्षा ग्वालियर में हुयी थी, ग्वालियर के ही विक्टोरिया कॉलेज (वर्तमान में रानी लक्ष्मी बाई) से हिन्दी, इंग्लिश और संस्कृत विषय से बी० ए० की परीक्षा उतिर्ण की। इसके बाद कानपुर के दयानंद एंग्लो-वैदिक कॉलेज (DAV) से राजनीति शास्त्र में प्रथम श्रेणी से एम० ए० की डिग्री हासिल करी।
अटल जी पढ़ाई के साथ साथ खेल खुद में भी रुचि रखते थे, कबड्डी, गुल्ली डांडा उनके पसंदीता खेल थे। वह बचपन से ही राष्ट्रीय स्तर के वाद-विवाद प्रतियोगिताओ में हिस्सा भी लेते रहते थे। अटल जी सन 1939 में राष्ट्रीय स्वयसेवक संघ (आरएसएस) में शामिल हो गये। इसी दौरान अपनी एलएलबी की पढाई बीच में छोड़ कर पूरी निष्ठा के साथ संघ के कार्यो में जुट गये।
अटल बिहारी बाजपेयी राजनेता से पहले पत्रकारिता करते थे, उन्होंने पांचजन्य, राष्ट्रधर्म, वीर अर्जुन और स्वदेश जैसे अखबारों और पत्रिकाओं का संपादन किया था।
अटल जी ने विवाह नहीं किया था और न ही कभी विवाह न करने का कारण ही बताया। लेकिन अपने विधालय की सहपाठी राजकुमारी कौल के पति के मृत्यु के पश्चात उनकी बेटी नमिता को गोद ले लिया था।
राजनितिक जीवन (Political Life)
भारतीय राजनीति के इतिहास में अटल बिहारी बाजपेयी की गिनती सर्वाधिक सफल राजनेताओं में होती है। अटल बिहारी वाजपेयी के राजनितिक जीवन की शुरुआत आजादी के लड़ाई के दौरान ही शुरू हो गयी थी। फिर डॉ श्यामा प्रसाद मुखर्जी के नेतृत्व में अपनी पत्रकारिता छोड़कर सन 1951 में भारतीय जनसंघ में शामिल हो गए। फिर पंडित दीनदयाल उपाध्याय के राजनितिक निर्देशन में आगे बढ़ते रहे।
इस बीच उन्होने सन 1952 में प्रथम बार लोकसभा चुनाव भीलड़ा परंतु सफलता नहीं मिली। पुनः सन 1957 में बलरामपुर (जिला गोंडा, उत्तर प्रदेश) से जनसघ के प्रत्यासी के रूप में चुनाव लड़ा ओर विजय प्राप्त की। अटल जी सन 1957- 1977 तक 20 वर्ष तक लगातार जनसघीय दल के सदस्य रहे और 1977-1979 तक मोरारजी देसाई की सरकार में विदेश मंत्री भी रहे। 1980 मई जनता पार्टी से असन्तुष्ट होकर भारतीय जनता पार्टी की स्थापना करी। इस प्रकार 6 अप्रेल 1980 को भारतीय जनता पार्टी की नीव रखी गयी, अटल जी को पार्टी के अध्यक्ष के रूप में चुना गया था।
अटल बिहारी वाजपेयी को भारत के 10 वें प्रधानमंत्री बने थे, वह कुल तीन बार देश के प्रधानमंत्री रहे। पहली बार 16 मई 1996 से 1 जून तक, दूसरी बार साल 19 मार्च 1998 से 26 अप्रैल 1999 तक और तीसरी बार 13 अक्टूबर 1999 से 22 मई से 2004 तक। अटल बिहारी बाजपेयी ने 2005 में राजनीति करियर से सन्यास ले लिय था।
अटल जी राजनीतिक जीवन में दौरान कुल 10 बार लोकसभा और दो बार राज्यसभा के सदस्य बने। इसके अतिरिक्त अटल बिहारी बाजपेयी ने सन 1977 में सयुक्त राष्ट्र सभा में हिन्दी में भाषण देने वाले पहले नेता बनने का गौरव भी हासिल है। इसके अलावा पौखरण परमाणु परीक्षण, कार्गिल युद्ध, पाकिस्तान संबंध सुधार, और आदि कार्य के लिए अटल जी के कार्य काल को याद किया जाता है।
अटल जी को भारत के पूर्व प्रधानमंत्री डॉ मनमोहन सिंह द्वरा राजनीति के भीष्म पितामह की उपाधि दी गयी थी।
महात्मा रामचन्द्र वीर द्वारा रचित महान कृति “विजय पताका” को पढ़कर अटल बिहारी वाजपेयी का पूरे जीवन की दिशा ही बदल गयी।
काव्य जीवन (Poetry life)
अटल बिहारी बाजपेयी राजनीतिज्ञ होने के साथ साथ एक अच्छे कवि भी थे। जैसा की पूर्व में बताया जा चुका ही अटल की पिता स्वयं हिन्दी ओर ब्रज भाषा के कवि थे। जिस कारण अटल जी की बचपन से काव्य में रुचि रही। अटल जी की प्रथम कविता ताजमहल थी। मेरी इकयावन कविता अटल जी की प्रसिद्ध 51 काव्य रचना का संग्रह है। प्रसिद्ध गजल गायक जगजीत सिंह ने अटल बिहारी के कविता संग्रह का एल्बम भी निकाला था। अटल जी की कुछ प्रमुख प्रकाशित रचनाएँ निम्न हैं :-
- रग-रग हिन्दू मेरा परिचय
- मृत्यु या हत्या
- अमर बलिदान (लोक सभा में अटल जी के वक्तव्यों का संग्रह)
- कैदी कविराय की कुण्डलियाँ
- संसद में तीन दशक
- अमर आग है
- कुछ लेख: कुछ भाषण
- सेक्युलर वाद
- राजनीति की रपटीली राहें
- बिन्दु बिन्दु विचार, इत्यादि।
- मेरी एकयावन कविता
सम्मान और पुरस्कारों की सूची (Awards)
अटल बिहारी बाजपेयी को सरकारी और गैर सरकारी दोनों संस्थानो द्वारा कई सम्मान से नवाजा गया था-
- 1992 पद्म विभूषण
- 1993 डी लिट (कानपुर विश्वविद्यालय)
- 1994 लोकमान्य तिलक पुरस्कार
- 1994 श्रेष्ठ सासंद पुरस्कार
- 1994 भारत रत्न पंडित गोविंद वल्लभ पंत पुरस्कार
- 2015 डी लिट (मध्य प्रदेश भोज मुक्त विश्वविद्यालय)
- 2015 ‘फ्रेंड्स ऑफ बांग्लादेश लिबरेशन वार अवॉर्ड’ (बांग्लादेश सरकार द्वारा)
- 2015 भारतरत्न
मृत्यु (Death)
अटल जी की 2005 से ही तबीयत खराब रहती थी। 11 जून 2018 को किडनी में संकर्मण होने से दिल्ली AIMS में भर्ती कराया गया और 16 अगस्त 2018 को शाम 5.5 बजे स्वर्गवास हो गया। 17 अगस्त को पूरे हिन्दू हिन्दू रीति रिवाज के साथ उनकी दत्तक पुत्री नमिता कौल भट्टाचार्य ने उन्हे मुखाग्नि दी।
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