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औली (Auli)

Byvashi Uttarakhand
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औली (Auli) उत्तराखण्ड का एक भाग है। यह 5-7 किमी. में फैला छोटा-सा स्की रिसोर्ट (Skking Resort) है। इस रिसोर्ट को 9,500-10,500 फीट की ऊंचाई पर बनाया गया है। यहां बर्फ से ढकी चोटियां बहुत ही सुन्दर दिखाई देती हैं।

  • भारत का प्रमुख स्कीइंग स्थल।
  • भारत की सबसे लंबी केबल सवारी।
  • हिमालय के शानदार दृश्यों का आनंद।
  • देश की दूसरी सबसे ऊंची चोटी नंदा देवी के शानदार दृश्य।
क्षेत्रफल5-7 किमी
ऊंचाई9,500-10,500 फीट
भाषापहाड़ी, हिंदी, एंग्लिश
तापमान3-26 डिग्री
आकर्षणऔली स्की
समयदिसंबर से फरवरी।

औली में प्रकृति ने अपने सौन्दर्य को खुल कर बिखेरा है। बर्फ से ढकी चोटियों और ढलानों को देखकर मन प्रसन्न हो जाता है। यहां पर कपास जैसी मुलायम बर्फ पड़ती है और पर्यटक खासकर बच्चे इस बर्फ में खूब खेलते हैं।

औली में देवदार वृक्ष (Deodar cedar) बहुतायत में पाए जाते हैं। इनकी महक यहां की ठंडी और ताजी हवाओं में महसूस की जा सकती है।  यहां पर सबसे गहरी ढलान 1,640 फुट पर और सबसे ऊंची चढा़ई 2,620 फुट पर है। पैदल यात्रा के अलावा यहां पर चेयर लिफ्ट का विकल्प भी है।

औली में क्या देखें (What to see in Auli)


जिंदादिल लोगों के लिए औली बहुत ही आदर्श स्थान है। यहां पर बर्फ गाडी़ और स्लेज आदि की व्यवस्था नहीं है। यहां पर केवल स्किंग और केवल स्किंग की जा सकती है। इसके अलावा यहां पर अनेक सुन्दर दृश्यों का आनंद भी लिया जा सकता है।

नंदा देवी के पीछे सूर्योदय देखना एक बहुत ही सुखद अनुभव होता है। नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क यहां से 41 किमी. दूर है। इसके अलावा बर्फ गिरना और रात में खुले आकाश को देखना मन को प्रसन्न कर देता है। शहर की भागती-दौड़ती जिंदगी से दूर औली एक बहुत ही बेहतरीन पर्यटक स्थल है।

औली में कई डीलक्स रिसोर्ट भी हैं। पर्यटक अपनी इच्छानुसार कहीं पर भी रूक सकते हैं। बच्चों के लिए भी औली बहुत ही आदर्श जगह है। यहां पर पडी बर्फ उनके लिए किसी खिलौने से कम नहीं है।

औली में स्किंग कैंसे सीखें (How to Learn skiing in Auli)

औली पर स्किंग भी सिखाया जाता है। गढ़वाल मण्डल विकास निगम (Garhwal Mandal Vikas Nigam) द्वारा 3 और 7 दिन के लिए नॉन-सर्टिफिकेट और 14 दिन के लिए सर्टिफिकेट ट्रेनिंग दी जाती है। यह ट्रेनिंग हर वर्ष जनवरी-मार्च में दी जाती है। मण्डल के अलावा निजी संस्थान भी ट्रेनिंग देते हैं। यह पर्यटक के ऊपर निर्भर करता है कि वह कौन-सा विकल्प चुनता है।

SNOW SKIING COURSE FEE DETAILS

Sr. NoCource DetailIndianForeigner
1.3 Days Non Certificate Course (With food and Lodging)Rs 8900Rs 15000
2.3 Days Non Certificate Course (Without food & Lodging)Rs 4800Rs 7500
3.7 Days Non Certificate Course (With Food & Lodging)Rs 19900Rs 30000
4.7 Days Non Certificate Course (Without food & Lodging)Rs 10000Rs 15000
5.14 Days Certificate Course (With food & Lodging)Rs 39000Rs 60000
6.14 Days Certificate Course (Without food & Lodging)Rs 19900Rs 30000

RATES FOR HIRING SKI EQUIPMENTS FOR DAILY TOURISTS

स्की सीखते समय सामान और ट्रेनिंग के लिए कुछ शुल्क देना पड़ता है। इस फीस में पर्यटको के लिए रहने, खाने, स्की सीखने के लिए आवश्यक सामान आदि आवश्यक सुविधाएं दी जाती हैं। जिसकी सूची निचे दी जा रही है-

1Alpine/Nordic Ski (Student upto 18 years)Rs 600 /-Per Pair
2Ski Lesson (Child/Adult) Per Day/Per PersonRs 500 /-Per Day
3Alpine/Nordic Ski (Adult)Rs 800 /-Per Pair
4Ski Goggles (Child/Adult) Per Day/Per PersonRs 300 /-Per Day
5Ski Gloves (Child/Adult) Per Day/Per PersonRs 500 /-Per Day
6Snow Board Lesson (Child/Adult) Per Day/Per PersonRs 600 /-Per Day
7Snow Board (Child/Adult) Per Day/Per PersonRs 1200 /-Per Day

जोशीमठ (Joshimath)


जोशीमठ बहुत ही पवित्र स्थान है। यह माना जाता है कि महागुरू आदि शंकराचार्य ने यहीं पर ज्ञान प्राप्त किया था। इसके अलावा यहां पर नरसिंह, गरूड मंदिर, आदि शंकराचार्य का मठ और अमर कल्प वृक्ष है। यह माना जाता है कि यह वृक्ष लगभग 2,500 वर्ष पुराना है।

इसके अलावा तपोवन भी घुमा जा सकता है। यह जोशीमठ से 14 किमी. और औली से 32 किमी. दूर है। तपोवन पवित्र बद्रीनाथ यात्रा के रास्ते में पड़ता है। यहीं से बद्रीनाथ यात्रा की शुरूआत मानी जाती है। बद्रीनाथ यात्रा भारत की सबसे पवित्र चार धाम यात्रा में से एक मानी जाती है।

औली घूमने के लिए तैयारियां (Preparations for visiting Auli)


औली बहुत ही विषम परिस्थितियों वाला पर्यटक स्थल है। यहां घूमने के लिए पर्यटकों को शारीरिक और मानसिक रूप से स्वस्थ होना चाहिए। इसके लिए आवश्यक है कि औली आने से पहले शारीरिक व्यायाम करें और रोज दौड लगाएं।

औली में बहुत ठंड पडती है। यहां पर ठीक रहने और सर्दी से बचने के लिए उच्च गुणवत्ता के गर्म कपडे पहनना बहुत आवश्यक है। गर्म कपडों में कोट, जैकेट, दस्ताने, गर्म पैंट और जुराबें होनी बहुत आवश्यक है। इन सबके अलावा अच्छे जूते होना भी बहुत जरुरी है। घूमते समय सिर और कान पूरी और अच्छी तरह से ढ़के होने चाहिए। आंखो को बचाने के लिए चश्में का प्रयोग करना चाहिए।

यह सामान जी.एम.वी.एन. के कार्यालय से किराए पर भी लिए जा सकते हैं। जैसे-जैसे आप पहाडों पर चढ़ते जाते हैं वैसे-वैसे पराबैंगनी किरणों का प्रभाव बढता जाता है। यह किरणों आंखों के लिए बहुत हानिकारक होती है। इनसे बचाव बहुत जरूरी है। अत: यात्रा पर जाते समय विशेषकर बच्चों के लिए उच्च गुणवत्ता वाले चश्मे का होना बहुत जरूरी है। वहां पर ठंड बहुत पडती है। अत्यअधिक ठंड के कारण त्वचा रूखी हो जाती है। त्वचा को रूखी होने से बचाने के लिए विशेषकर होंठो पर लिप बाम का प्रयोग करना चाहिए।

ठंड मे ज्यादा देर रहने से शरीर की नमी उड जाती है और निर्जलीकरण की समस्या आमतौर पर सामने आती है। इस समस्या से बचने के लिए खूब पानी पीना चाहिए और जूस का सेवन करना चाहिए। अपने साथ पानी की बोतल रखना लाभकारी है। शराब और कैफीन का प्रयोग न करें।

कहां रूकें (Where to stay in Auli)

औली में रूकने के लिए क्ल्फि टॉप रिसोर्ट (Cliff Top Club) सबसे अच्छा स्थान है। यहां से नंदा देवी, त्रिशूल, कमेत, माना पर्वत, दूनागिरी, बैठातोली और नीलकंठ का बहुत ही सुन्दर दृश्य दिखाई देता है। यह स्की क्षेत्र की ढलान पर टावर न. 8 के नीचे स्थित है। यहां पर खाने-पीने की अच्छी सुविधा है।

यह चारों तरफ से बर्फ से घिरा हुआ है। जो पर्यटक ज्यादा पैसे खर्च नहीं करना चाहते औली में उनके लिए GVMN स्किंग और टूरिस्ट रिसोर्ट सबसे बेहतर विकल्प है। जोशीनाथ से GMVN होटल तक केबल कार की अच्छी सुविधा है।

अगर कार से यात्रा करनी हो तो कार को बहुत ही सावधानीपूर्वक चलाना चाहिए। स्की के शौकीन लोगों के लिए औली स्वर्ग है। जो पर्यटक स्की नहीं करना चाहते और जल्दी थक जाते हैं वह औली की सुन्दरता का आनंद ले सकते हैं।

औली में स्किंग के अलावा रॉक क्लाइम्बिंग, फॉरस्ट कैम्पिंग और घोडे की सवारी आदि भी सुविधा है। इन सबके लिए ज्यादा पैसे चुकाने पडते है। इसके अलावा यहां पर जंगलों में भी घूमा जा सकता है। इन जंगलों में खूबसूरत बलतु और कॉनीफर के वृक्ष पाए जाते हैं।

औली में जब बर्फ पडती है तो बहुत पर्यटक आते हैं। पर्यटकों की बढी संख्या के फलस्वरूप सभी होटल भर जाते हैं। इस स्थिति में पर्यटक जोशीमठ में रूक सकते हैं। जोशीमठ में कई अच्छे होटल है।

क्या खाएं (What to eat in Auli)


औली नंदा देवी के बहुत पास है। यहां पर अस्थायी ढाबों और कूडा़ बिखेरने पर प्रतिबंध है। यहां पर मांसाहार और शराब नही मिलता है। जिन पर्यटकों को शराब पीने की आदत है वह अक्सर अपनी बोतल खुद लेकर आते है। लेकिन हमें इस बात का ध्यान रखना चाहिए की यह एक तीर्थस्थल भी है और ऐसी जगहों पर शराब का सेवन तीर्थयात्रियों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचा सकता है।

औली कैंसे पहुंचे (How to Reach Auli)

औली, यह नंदा देवी राष्ट्रीय पार्क के पास गढवाल के ऊपरी क्षेत्र में लगभग 9,500 से 10,500 फीट की ऊंचाई पर स्थित है। यह ऋषिकेश से उत्तर पूर्व में 268 किमी. और दिल्ली से उत्तर पूर्व में 492 किमी. की दूरी पर स्थित है। दिल्ली से सडक मार्ग द्वारा औली पहुंचने के लिए लगभग 15 घंटो का समय लगता है।

दिल्ली से औली जाते समय रास्ते में रूद्रप्रयाग पडता है। यहां पर रात को रूका जा सकता है। रूद्रप्रयाग से औली पहुंचने के लिए साढे चार घंटे का समय लगता है। रूद्रप्रयाग में रात को ठहरने की अच्छी व्यवस्‍था है।

सड़क मार्ग: राष्ट्रीय राजमार्ग 58 से मेरठ, रूड़की, ऋषिकेश, देवप्रयाग, श्रीनगर और रूद्रप्रयाग होते हुए आसानी से औली पहुंचा जा सकता है।

वायु मार्ग: औली के सबसे नजदीक जौलीग्रांट हवाई अड्डा है यह देहरादून में है। देहरादून से औली पहुंचने के लिए टैक्सी किराए पर ली जा सकती है।

रेल मार्ग: औली के सबसे नजदीक हरिद्वार जंक्शन है।

औली उत्तराखंड पर्यटन वीडियो (Auli Uttrkhanad Tourism video)

कब जाएं: स्कीइंग के शौकीनों के लिए जनवरी से मार्च का समय घूमने का सबसे अच्छा समय है। इस समय यहां पर बर्फ पडती है। यह मौसम स्की करने के लिए बिल्कुल आदर्श है। प्रकृति प्रेमियों के लिए अक्टूबर से मार्च का समय सबसे उपयुक्त है।

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Post Tags: #Auli#travel#Uttarakhand#Uttarakhand Tourism

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