बागेश्वर (Bageshwar)
बागेश्वर (Bageshwar) उत्तराखण्ड राज्य में सरयू और गोमती नदियों के संगम पर स्थित एक नगर है। अल्मोड़ा से 80 कि.मी. की दूरी पर स्थित “बागेश्वर” एक महत्वपूर्ण धार्मिक एवं पर्यटन स्थल है।
राज्य | उत्तराखंड |
क्षेत्रफल | 8.2 वर्ग कि.मी |
भाषा | कुमांऊनी, हिंदी और अंग्रेजी और। |
पर्यटन स्थल | बागनाथ टेम्पल, श्री हरू मंदिर, कांडा, पिंडारी ग्लेशियर आदि। |
तापमान | 43 डिग्री सेल्सियस, न्यूनतम-3 डिग्री |
समय | नवंबर से फरवरी। |
बागेश्रवर को ”देवताओं का घर” के रूप में भी जाना जाता है। यहाँ बागेश्वर नाथ का प्राचीन मंदिर है, जिसे स्थानीय जनता “बागनाथ” या “बाघनाथ” के नाम से जानती है।
बागेश्वर का इतिहास (History of Bageshwar in Hindi)
एक पौराणिक कथा के अनुसार अनादिकाल में महर्षि वशिष्ठ अपने कठोर तपबल से ब्रह्मा के कमंडल से निकली मां सरयू को ला रहे थे।परंतु ब्रह्मकपाली के समीप ऋषि मार्कण्डेय तपस्या में लीन थे। ऋषि मार्कण्डेय की तपस्या भंग ना हो, इसलिए सरयू वहां ही रुक गयी और देखते देखते वहां जल भराव होने लगा।
मुनि वशिष्ठ ने तुरंत शिवजी की स्तुति करी। मुनि वशिष्ठ की स्तुति से प्रसन्न शिवजी ने बाघ का रूप धारण कर पार्वती को गाय बना दिया, और ब्रह्मकपाली के समीप गाय पर झपटने का प्रयास किया।गाय के रंभाने की आवाज़ से मार्कण्डेय मुनि की आंखें खुल गई।
गाय को व्याघ्र से बचाने के लिए जैसे ही वह दौड़े तो शिव और पार्वती अपने वास्तविक रूप में आ गए और मार्कण्डेय ऋषि को इच्छित वर प्रदान किया। इसके बाद ही सरयू आगे बढ़ सकी। भगवान शिव के व्याघ्र का रूप लेने के कारण इस स्थान को “व्याघ्रेश्वर” कहा जाने लगा। जो कालान्तर में बदलकर बागीश्वर तथा फिर बागेश्वर हो गया।
बागेश्रवर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best places to visit in Bageshwar)
यह स्थान प्रमुख रूप से बाघनाथ मंदिर (Baghnath Temple) के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा यह स्थान जनवरी माह में लगने वाले उत्तरायनी मेले के लिए भी प्रसिद्ध है। यह खूबसूरत शहर रोमांचकारी खेल प्रेमियों के लिए विशेष रूप से प्रसिद्ध है। वहीं बागेश्वर में पिंदारी, सुंदरदुंगा और कफनी ग्लैशियर भी स्थित है।
1. बागनाथ मंदिर, बागेश्वर (Bagnath Temple, Bageshwar)
यह एक ऐतिहासिक और धार्मिक स्थान है। बागेश्रवर का यह नाम यहां स्थित पुराने शिव मंदिर के नाम पर रखा गया है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यहां पर ऋषि मार्कंडे रहा करते थे और इस स्थान पर भगवान शिव बाघ के रूप में घूमा करते थे। इस पवित्र मंदिर का निर्माण चंद शासन के दौरान बनवाया गया।
ऐसा माना जाता है कि इस स्थान पर कोई भी शिवलिंग को स्थापित नहीं कर पाया था। तब आखिर में श्री मनोरथ पांडे जो पलायन गांव में रहते थे उन्होंने यहां पर तपस्या की और सफलता पूर्वक इस स्थान पर शिवलिंग को स्थापित किया। तभी से यहां शिवरात्रि के अवसर पर मेले का आयोजन किया जाता है और बहुत ही धूमधाम के साथ मनाया जाता है।
इस मंदिर में भारी संख्या में श्रद्वालु विशेष रूप से शिवरात्रि के अवसर पर और श्रवण माह में हर सोमवार को काफी भीड़ रहती है।इसके अलावा यहां पर कई अन्य मंदिर भी स्थित है। सबसे प्रमुख मंदिरों में से अर्थे भैरव मंदिर, दत्तातरे महाराज, गंगामाई मंदिर, हनुमान मंदिर, दुर्गा मंदिर, कालिका मंदिर, थिंगल मंदिर,पंचम जुनाखरा और वनेश्रवर मंदिर आदि भी स्थित है। और पढें: शिव द्वादश ज्योतिर्लिंग
2. श्री हरू मंदिर (Shri Haru Temple, Bageshwar)
श्री हरू मंदिर, बागेश्रवर स्थित प्रमुख मंदिरों में से एक है। बागेश्रवर से इस स्थान की दूरी 5 कि.मी. है। ऐसा माना जाता है कि जो कोई भी भक्तगण पूरी श्रद्वा के साथ इस मंदिर में आता है और सच्चे दिल से मनोकामना मांगता है उसकी मनोकामना अवश्य पूरी होती है। विजय दशमी के अवसर पर यहां भक्तों की काफी भीड़ रहती है ।
3. पांडुस्थल (Pandusthal)
पांडुस्थल जाने के लिए बस सेवा की सुविधा उपलब्ध है। जो गरूर से झखेरा तक जाती है। झखेरा से पांडुस्थल 20 कि.मी. की दूरी पर स्थित है। मार्ग के दोनों तरफ पर्वत है। पौराणिक कथाओं के अनुसार यह वहीं युद्ध भूमि है जहां कौरव और पंडावों के बीच युद्ध हुआ था। यहां आधे कि.मी. चौड़ा एक प्राकृतिक मैदान भी स्थित है। इसके अलावा यहां से हिमालय बहुत ही नजदीक है। और पढें: महाभारत के प्रमुख पात्र
4. विजयपुर (Vijaypur)
विजयपुर उत्तराखंड राज्य के बागेश्वर जिले में स्थित एक पर्यटक स्थल है। यह बागेश्रवर चौकरी सड़क मार्ग पर बागेश्वर से 30 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह स्थान बर्फ से ढकी हिमालय की चोटियों, जैसे त्रिशूल, नंदा देवी और नंदा कोट इत्यादि के मनोरम दृश्यों के लिए जाना जाता है।
5. कांडा (Kanda)
प्रकृति प्रेमियों के लिए यह स्थान बिल्कुल सही है। इस स्थान की दूरी बागेश्वर से 25 कि.मी. पर स्थित है। कान्दा के समीप ही बहुत पुराना भद्रकाली मंदिर भी स्थित है।
6. पिंडारी ग्लेशियर (Pindari Glacier)
विश्व प्रसिद्ध पिंडारी ग्लेशियर, पिंडर शिखर पर समुद्र तल से 3353 मी. की ऊंचाई पर स्थित है। यह ग्लैशियर नंदा देवी और नंदा कोट पर्वतों के बीच स्थित है। पिंडारी ग्लेशियर हिमालय के काफी समीप है।
यह ग्लैशियर पांच किलोमीटर लम्बा, 6 मीटर ऊंचा और 2.5 मीटर तक फैला हुआ है। इस ग्लेशियर की खूबसूरती देखते ही बनती है। अपनी इस खूबसूरती के कारण ही यहां पर्यटकों की भारी संख्या में भीड़ रहती है।
बागेश्रवर कैंसे पहुंचे (How to Reach Bageshwar)
हवाई मार्ग: सबसे नजदीकी हवाई अड्डा “पंत नगर” है। जो बागेश्वर से 206 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग: सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन “काठगोदाम” है। यह बागेश्रवर से 180 कि.मी. की दूरी पर स्थित है।
सड़क मार्ग: बागेश्रवर, कुछ प्रमुख राज्यों और शहरों जैसे कुंमाऊ, गढ़वाल क्षेत्र और दिल्ली से जुड़ा हुआ है।
बागेश्रवर से अन्य स्थानों की दूरी: बागेश्वर से नैनीताल 137, अल्मोड़ा 80, चौरोरी 47 और काशीपुर 222 किलोमीटर की दूरी में अवस्थित हैं।