Balaghat (M.P): History & Tourist Places in Hindi
बालाघाट (Blaghat) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के बालाघाट में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
Balaghat: History & Tourist Places in Hindi
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 9245 वर्ग किमी. |
भाषा | हिंदी, क्षेत्रीय भाषा और इंग्लिश |
दर्शनिय स्थल | लांजी किला, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, रामपैली मंदिर, नहलेसर बांध आदि। |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
History of Balaghat: घने जंगलों के घिरा दक्षिणी पूर्वी मध्यप्रदेश का बालाघाट जिला 9245 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला हुआ है। बालाघाट पूर्व में राजनंदगांव, पश्चिम में सियोनी, उत्तर में मांडला और दक्षिण में महाराष्ट्र के भंडारा जिले से घिरा है।
इस जिले का गठन 1967 से 1973 के दौरान भंडारा, सियोनी और मांडला के कुछ हिस्सों को अलग कर किया गया था। वेनगंगा यहां से बहने वाली प्रमुख नदी है जो इसे सियोनी जिले से पृथक करती है। लांजी किला, कान्हा राष्ट्रीय उद्यान, रामपैली मंदिर, नहलेसर बांध आदि जिले के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
बालाघाट के पर्यटन स्थल (Best Places to visit in Balaghat, Madhya Pradesh)
Balaghat Tourist Places: बालाघाट एक रमणीय स्थल है। प्रकृति ने अपनी खूबसूरती यहां जमके बिखेरी है। बालाघाट प्राकृतिक सुंदरता के प्रमुख पर्यटन स्थलों में कान्हा राष्टीय उद्यान, नहलेसरा बांध, धुति बांध और गांगुलपार शामिल है।
बालाघाट एक उल्लेखनीय ऐतिहासिक पृष्ठभूमि भी है, जिसने शहर पर महत्वपूर्ण निशान छोड़े हैं। लांजी किला, रामपैली मंदिर, नहलेसर बांध आदि यहां के प्रमुख पर्यटन स्थल हैं।
1. धुटी डैम (Dhuty Dam)
वेनगंगा नदी पर बना यह बांध बालाघाट का सबसे प्राचीन बांध है। यह बांध बालाघाट के लमटा के निकट स्थित है। धुटी बांध को 1911-1923 के दौरान बनवाया गया था। बांध लगभग 1231 मीटर लंबा और 269 मीटर चौड़ा है। यहां उच्चतम जलस्तर 328 मीटर तक रहता है। जिले की सिंचाई के प्रमुख स्रोत इस बांध को प्रमुख पिकनिक स्थल माना जाता है।
2. लांजी किला (Lanji Fort)
यह किला बालाघाट के लांजी तहसील में है। घने जंगलों में स्थित इस किले को कलचुरी राजवंश ने बनवाया था। यहां का मंदिर और उसकी मूर्तियां खजुराहो शैली पर आधारित है। किले के आसपास बहुत से मंदिर और मूर्तियां है। महादेव, महामाया, लांजकैदेवी आदि इसमें प्रमुख हैं।
3 रामपायली मंदिर (Rampayli Temple)
यह ऐतिहासिक स्थल जिला मुख्यालय से करीब 30 किमी. की दूरी पर है। यह मंदिर चंदन नदी के किनारे बना है। मंदिर में भगवान राम, हनुमान और बालाजी की विशाल प्रतिमाएं स्थापित हैं। गोंडिया में यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है।
4. हट्टा बावली (Hatta ki Bawli)
अपने इतिहास के लिए प्रसिद्ध हट्टा गांव जिला मुख्यालय से 30 किमी. दूर है। ब्रिटिश काल में हट्टा शक्तिशाली जमींदारी का प्रमुख केन्द्र था। गांव में एक बावली और प्राचीन मंदिर स्थित है।
बावली को 17वीं शताब्दी में देवगढ़ के गोंड राजा ने बनवाया था। बावली में रानी और राजा के लिए बनवाया गया एक स्नानकक्ष भी देखा जा सकता है।
5. नहलेसरा बांध (Nahelesara Dam)
चंदन नदी पर बना यह बांध 1.5 किलोमीटर लंबा है। बालाघाट से 58 किमी. दूर स्थित इस बांध को 1960-65 के दौरान बनवाया गया था। बांध से करीब 1 किमी. की दूरी पर अम्मा माई का लोकप्रिय मंदिर है।
6. गांगुलपारा कुंड और जल प्रताप (Gangulpara Waterfalls Balaghat)
बालाघाट से लगभग 14 किमी. दूर बैहर रोड़ पर गंगुलपारा कुंड और जलप्रपात स्थित है। कुंड और झरने की आसपास की सुंदरता यहां आने वाले सैलानियों पर एक अमिट छाप छोड़ती है। यह स्थान पिकनिक स्थल के रूप में खासा लोकप्रिय है।
7. कान्हा टाइगर रिजर्व (Kanha Tiger Reserve)
एशिया के बेहतरीन राष्ट्रीय पार्को में शुमार यह राष्ट्रीय उद्यान बालाघाट और मांडला जिले में स्थित है। अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त यह उद्यान यहां पाने जाने विविध वन्यजीवों और वनस्पतियों के लिए प्रसिद्ध है। पार्क ने अनेक दुर्लभ और लुप्तप्राय पशुओं को आश्रय दे रखा है।
पार्क कुल 940 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला है। टाईगर, बिसन, गौर, सांभर, चीतल, बारहसिंहा, बार्किंग डीयर, काला हिरन, तेंदुए आदि पशुओं को यहां देखा जा सकता है। पक्षियों की लगभग 200 प्रजातियों को भी यहां पाई जाती हैं।
बालाघाट कैंसे पहुंचे (How to Reach Balaghat by Road, Train & Air)
वायु मार्ग– नागपुर में बालाघाट का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़े शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। मुंबई, जबलपुर, दिल्ली, इंदौर, भोपाल आदि शहरों से यहां के लिए नियमित फ्लाइट्स हैं।
रेल मार्ग- बालाघाट रेलवे स्टेशन जबलपुर-गोंडिया नेरो गेज रेललाइन पर स्थित है। गोंडिया में यहां का नजदीकी ब्रोड गेज रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन देश के बहुत से शहरों से रेलमार्ग द्वारा जुड़ा है।
सड़क मार्ग– बालाघाट मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है। अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती हैं।