बेल्लारी (Ballari)
बेल्लारी (Ballari) कर्नाटक राज्य के पूर्व में स्थित एक प्रमुख जिला है। इस स्थान का नाम देवी दुर्गा के ही एक अन्य नाम बलारी पर पड़ा है। माना जाता है कि इस स्थान पर देवी दुर्गा प्रकट हुई थीं। पर्यटक की दृष्टि से यह एक आदर्श स्थान है।
Ballari: History & Place to visit in Hindi
राज्य | कर्नाटक |
क्षेत्रफल | 8447 वर्ग किमी. |
भाषा | कन्नड़, अंग्रेज़ी, हिंदी |
आकर्षण | तुगभद्रा बांध, हेमकुटा पहाड़ी, मातंगा पहाड़ी, दरबार हॉल, हाउस ऑफ विक्ट्री, सुग्रीव गुफा, उग्र नरसिम्हा मंदिर आदि। |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च |
सातवाहन, कल्याण के चालुक्य, कलचुरिया, सेवुन और होयसल काल में इस स्थान का बहुत अधिक महत्व था। अत: यहां उन वंशों के बहुत से अवशेष आज भी देखे जा सकते हैं। 8447 वर्ग किमी. में फैले इस जिले में बालकृष्ण का प्रसिद्ध मंदिर भी है।
रामायण की कई प्रमुख घटनाएं इसी ऐतिहासिक स्थान पर घटित हुई थी। धार्मिक स्थलों के अतिरिक्त यहां रॉक क्लाइमिंग जैसे रोमाचंक खेलों और ऐतिहासिक स्थलों को देखने का आनंद भी लिया जा सकता है।
1. तुगभद्रा बांध
तुंगभद्रा बांध होसपेट से 15 किमी. दूर है। इस बांध का निर्माण कृष्णा नदी की मुख्य सहायक नदी तुंगभद्रा पर किया गया है। यह विशाल बांध 590 मीटर लंबा और 49 मीटर गहरा है। बांध के पास स्थित जापानी गार्डन पर्यटकों को बहुत भाता है। यह उपयुक्त पिकनिक स्पॉट है। बांध के समीप ही होटल मौर्य विजयनगर है।
2. हेमकुटा पहाड़ी
हेमकुटा पहाड़ी वीरुपक्ष मंदिर के उत्तर में स्थित है। पुराणों के अनुसार देवी पार्वती से विवाह करने से पूर्व भगवान शिव ने यहां तपस्या की थी और यहीं पर उन्होंने कामदेव को भस्म किया था। यह पहाड़ी चट्टानों की अद्भुत संरचना है और यहां पर पूर्व-विजयनगर काल के मंदिरों का समूह भी है जिनका निर्माण 1309-1310 के बीच किया गया था।
यह स्थान रॉक क्लाइमिंग के लिए बिल्कुल उपयुक्त है। यहां से हम्पी बाजार का खूबसूरत नजारा भी दिखलाई पड़ता है। पहाड़ी के ढलान पर भगवान नरसिम्हा की भव्य मूर्ति और भगवान गणेश की दो प्रतिमाएं स्थापित की गई हैं।
3. मातंगा पहाड़ी
मातंगा पहाड़ी हंपी के पूर्व में स्थित है। तुंगभद्रा नदी यहां से होकर गुजरती है। पहाड़ी के आस-पास का पथरीला रास्ता और चट्टानें रॉक क्लाइमिंग की संभावनाएं उपलब्ध कराते हैं। पहाड़ी की चोटी से प्राचीन शहर के अवशेषों और प्राकृतिक नजारों को देखा जा सकता है।
4. दरबार हॉल
विजयनगर राजाओं के शासनकाल में बना दरबार हॉल हंपी के प्राचीन स्मारकों में से एक है। ऊंचाई पर स्थित इस इमारत में 100 स्तंभ बनाए गए थे। हॉल और स्तंभों के अवशेषों को आज भी देखा जा सकता है। वर्तमान में इसका 40 वर्ग मीटर का भूतल पूरी तरह सुरक्षित अवस्था में है।
5. हाउस ऑफ विक्ट्री
इसका निर्माण तब किया गया था जब कृष्णदेव राय उड़ीसा के राजा के साथ हुए युद्ध में विजयी होकर लौटे थे। यहां बारीकी से उकेर गए पत्थरों की खूबसूरती देखते ही बनती है। हाउस ऑफ विक्ट्री के पश्चिम में प्रसिद्ध हजारा रामस्वामी मंदिर है। इस स्थान पर शाही परिवार पूजा करता था। यहां के अन्य प्रमुख आकर्षणों में कमल महल, पुष्करिणी सरोवर और महानवमी डिब्बा शामिल हैं।
6. पुरातत्व संग्रहालय
पुरातत्व संग्रहालय हंपी के पास कमलनगर में स्थित है। संग्रहालय में प्राचीन मूर्तियों का संग्रह और विजयनगर काल के अवशेषों को प्रदर्शित किया गया है। पत्थर से तराशी गई मूर्तियां, सोने के सिक्के, तांबे से बनी वस्तुएं और चित्रकारी को यहां देखा जा सकता है। यहां पर पुस्तकालय और गाइड की सेवाएं उपलब्ध हैं।
समय: सुबह 10 बजे से शाम 5 बजे तक, शुक्रवार को बंद
7. सुग्रीव गुफा
हंपी में स्थित इस प्राकृतिक गुफा के बारे में माना जाता है कि यह वानरराज सुग्रीव का मूल निवास स्थान था। पुराणों के अनुसार जब रावण सीता का हरण करके ले जा रहा था तब सीता ने अपने गहने यहीं पर फेंके थे और यहीं पर भगवान राम हनुमान जी से मिले थे। गुफा के अंदर सुंदर चित्रकारी की गई है। पास ही सीता सरोवर है। (और पढ़ें: रामायण के प्रमुख पात्र
8. अच्यूतरया मंदिर
मातंगा पहाड़ी के नीचे स्थित इस विशाल मंदिर परिसर का निर्माण राजा अच्यूतरया, सलकराजू तिरुमलदेव के एक अधिकारी ने करवाया था। मंदिर में प्रवेश के दो रास्ते हैं। मंदिर के प्रमुख देवता तिरुवेंगलनाथ या भगवान वेंकटेश्वर दूसरे मार्ग पर स्थित हैं। मंदिर के सामने ही गरुड़ का मंदिर है।
मंदिर के बाहरी हिस्से में स्थित बारीकी से तराशा गया कल्याण मंडप यहां का मुख्य आकर्षण है। इसके भूतल पर हाथियों की तस्वीरें उकेरी गई हैं। हर साल यहां भगवान का विवाह समारोह आयोजित किया जाता है।
9. बालकृष्ण मंदिर
प्राचीन बालकृष्ण मंदिर का निर्माण विजयनगर शासक कृष्णदेव राय ने 1513 में उड़ीसा के राजा प्रतापरुद्र गजपति पर जीत के उपलक्ष्य में करवाया था। मंदिर में भगवान कृष्ण के बाल रूप के दर्शन किए जा सकते हैं। मंदिर के प्रमुख हिस्सों में मुख्य गर्भगृह, अर्द्ध मंडप, तीन प्रवेश द्वार वाला हॉल और स्तंभों वाला खुला मंडप तथा अन्य देवी देवताओं के मंदिर शामिल हैं।
मंदिर के आंतरिक भाग में अप्सराओं के चित्र व भगवान विष्णु के दशावतारों को देखना वास्तव में रोचक अनुभव है। बालकृष्ण की प्रतिमा चेन्नई के सरकारी संग्रहालय के सुपुर्द कर दी गई है।
10. उग्र नरसिम्हा मंदिर
उग्र नरसिम्हा मंदिर हेमकुटा मंदिर समूह के दक्षिण में स्थित है। मंदिर में सात फन वाले चार भुजाधारी भगवान नरसिम्हा की विशाल मूर्ति वास्तव में अद्भुत है। एक ही चट्टान से बनाई गई यह मूर्ति अब क्षतिग्रस्त अवस्था में है। यहां पाई गई देवी लक्ष्मी की प्रतिमा के बारे में यह पता चला है कि वास्तव में यह उग्र नरसिम्हा की मूर्ति का ही एक हिस्सा था जो टूट गया था। (और पढ़ें: भगवान विष्णु के दशावतार
11. देवरया वन्यजीव अभ्यारण्य
देवरया वन्यजीव अभ्यारण्य हैदराबाद स्थित एक संगठन द्वारा संचालित निजी अभ्यारण्य है। अभ्यारण्य का नाम विजयनगर साम्राज्य के राजाओं के नाम पर रखा गया है। यह स्थान तेंदुओं, भालू, भेड़िए, अजगर, हिरन, मोर, लंगूरों की तरह दिखने वाले बंदरों, मगरमच्छ, जंगली भालुओं आदि पशुओं तथा दुर्लभ पेड़-पौधों को संरक्षण प्रदान करता है।
बेल्लारी कैंसे पहुंचे (How to Reach Ballari)
वायु मार्ग: बेलारी में हवाई अड्डा है जहां से बंगलुरु के लिए नियमित उड़ाने उपलब्ध हैं।
रेल मार्ग: बेलारी रेलवे स्टेशन से कर्नाटक के सभी भागों के लिए ट्रेनें जाती हैं।
सड़क मार्ग: बेल्लारी में सड़कों का जाल बिछा है जो पूरे राज्य को बेल्लारी से जोड़ती हैं।