Bhai Dooj: कब और कैसे मनाए भाई दूज का पर्व?
Bhai Dooj: दीपावली हिन्दुओं का सबसे बड़ा त्योहार है और इस 5 दिवसीय त्योहार के पांचवे दिन भाई दूज का पर्व मनाया जाता है। भाई दूज को यम द्वितीया भी कहा जाता है। इस दिन बहन अपने भाई को अपने घर बुलाकर टीका लगाती हैं और भोजन कराकर भाई के लम्बे और खुशहाल जीवन की प्रार्थना करती हैं। इस दौरान भाई अपनी बहनों को उपहार देता है।
भाई दूज का पर्व भाई-बहन के रिश्ते पर आधारित पर्व है, जिसे बड़ी श्रद्धा और परस्पर प्रेम के साथ मनाया जाता है। रक्षाबंधन के बाद, भाईदूज ऐसा दूसरा त्योहार है, जो भाई बहन के अगाध प्रेम को समर्पित है। जितना महत्व रक्षा बंधन को दिया जाता है उतना ही महत्व भाई दूज को भी दिया जाना चाहिए, तभी यह पर्व सार्थक होगा।
भाई दूज तिलक शुभ मुहूर्त 2024

भाई दूज का पर्व हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की द्वितीया तिथि को मनाया जाता है। “इस वर्ष भाई दूज 03 नवंबर 2024 रविवार को मनाया जाएगा। तिलक एवं भोजन मुहूर्त: दोपहर में 01:10 से 03:22 के बीच रहेगा।“
Sunrise | November 03, 6:37 AM |
Sunset | November 03, 5:43 PM |
Dwitiya Tithi Timings | November 02, 08:22 PM – November 03, 10:05 PM |
Bhai Dooj Tika Muhurat | November 03, 01:17 PM – 03:30 PM |
भाई दूज का त्योहार क्यों मनाया जाता है?
भाई दूज की इस कथा के अनुसार, भगवान सूर्य देव की पत्नी छाया के गर्भ से यमराज और यमुना का जन्म हुआ। यमुना अपने भाई यमराज से बहुत स्नेह करती थीं और उन्हें अपने घर आकर भोजन करने का निमंत्रण देती थीं, परंतु यमराज अपनी व्यस्तताओं के कारण यमुना की बात टाल जाते थे।
एक दिन, कार्तिक शुक्ल द्वितीया के दिन, यमराज अचानक यमुना के घर पहुंचे। यमुना उन्हें अपने द्वार पर देखकर अत्यधिक प्रसन्न हो गईं और अपने भाई का स्वागत-सत्कार किया और उन्हें भोजन कराया। (और पढ़ें: यमुना नदी काली क्यों है?
इससे प्रसन्न होकर यमराज ने यमुना से वर मांगने के लिए कहा। यमुना ने कहा कि वे हर साल इस दिन उनके घर भोजन के लिए आएं और जो बहन इस दिन अपने भाई को तिलक कर भोजन कराए, उसे आपके भय से मुक्ति मिले। यमरान ने ऐसा सुनकर तथास्तु कहा और यमपुरी लौट गए। तभी से कार्तिक मास की शुक्ल द्वितीया को बहनों द्वारा अपने भाई को भोजन कराकर तिलक लगाया जाता है।
भाई दूज पूजा और तिलक विधि (Worship method of Bhai Dooj)
प्रातः पूजा: सर्वप्रथम प्रातःकाल स्नान आदि कर अपने ईष्ट देव और विष्णु एवं गणेशजी का पूजन करें। तत्पश्चात भाई दूज के मुहूर्त अनुसार आगे का क्रम करे।
तिलक विधि: भाई दूज पर्व के पूर्व ही पहले भाई को न्योता दे। तिलक मुहुर्त के समय सर्वप्रथम चावल के आटे से चौक तैयार करने के बाद इस चौक पर भाई को बैठाएं। आप चाहे तो आसान में चावल के कुछ दाने भी रख सकते है। तत्पश्चात उनके हाथों की पूजा करें।
हस्त पूजन के लिए भाई की हथेली पर चावल का घोल लगाएं, उसके ऊपर थोड़ा सा सिन्दूर लगाकर कद्दू के फूल, सुपारी, मुद्रा आदि हाथों पर रखकर हाथों पर पानी छोड़ें। भाइयों के माथे पर तिलक लगाकर उनकी आरती उतारती हैं और फिर कलाइयों में कलावा बांधे। कालवा बांधते समय यमराज से भाई की रक्षा करने का आशीर्वाद मांगे।
भोजन: इसके बाद माखन-मिश्री, मिष्ठान से भाई का मुंह मीठा करें। फिर भोजन कराएं। भोजन के बाद पान खिलाएं। मान्यता है कि पान भेंट करने से बहनों का सौभाग्य अखण्ड रहता है।
यम दीपम: संध्या के समय बहनें यमराज के नाम से चौमुख दीया जलाकर घर के बाहर दीये का मुख दक्षिण दिशा की ओर करके रखें।
चील दर्शन: अब घर की छत में जाकर चील दर्शन करे। मान्यता है कि इस दिन बहनें आसमान में उड़ती हुई चील देखकर अपने भाईयों की लंबी आयु के लिए जो प्रार्थना करती हैं।
यमुना स्नान: यदि आपके घर के पास यमुना नदी है भाई और बहन यमुना नदी में स्नान कर इसके तट पर यम और यमुना का पूजन करते हैं। कहते हैं कि इस दिन जो भाई-बहन इस रस्म को निभाकर यमुनाजी में स्नान करते हैं, उनको यमराजजी यमलोक की यातना नहीं देते हैं।
Bhai Dooj festival dates between 2024 to 2030
Year | Date |
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2024 | Sunday, 3rd of November |
2025 | Thursday, 23rd of October |
2026 | Wednesday, 11th of November |
2027 | Sunday, 31st of October |
2028 | Thursday, 19th of October |
2029 | Thursday, 8th of November |