भीमाशंकर मंदिर, महाराष्ट्र
भीमाशंकर मंदिर, महाराष्ट्र राज्य में सह्याद्री पहाड़ियों में स्थित एक प्राचीन मंदिर है। भीमाशंकर मंदिर शिव के पवित्र बारह ज्योतिर्लिंगों में से एक है। भीमाशंकर को वन्य जीवन अभ्यारण्य (Wild Life Sanctuary) के रूप में घोषित किए जाने के बाद से श्रद्धालु की संख्या में काफी वृद्धि हुई है।

भीमाशंकर मंदिर, पुणे (Bhimashankar Temple Pune, Maharashtra )
भगवान शिव को समर्पित यह मंदिर महाराष्ट्र राज्य में पुणे से करीब 100 किलोमीटर दूर सह्याद्रि नामक पर्वत पर स्थित है। यह शिव के पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंगों में से एक है। यहीं से भीमा नामक एक नदी बहती है जो कृष्णा नदी में जाकर मिलती है। इस मंदिर का शिवलिंग काफी मोटा है। इसलिए इसे मोटेश्वर महादेव के नाम से भी जाना जाता है।
महात्म्य (Legend)
पुराणों में ऐसी मान्यता है कि जो भक्त श्रद्वा से प्रतिदिन प्रातःकाल 12 ज्योतिर्लिगों का नाम जापते हुए भीमाशंकर मंदिर के दर्शन करता है, उसके सात जन्मों के पाप नष्ट हो जाते हैं तथा उसके लिए स्वर्ग के मार्ग खुल जाते हैं।
पौराणिक कथा (Story of Bhimashankar Temple hindi)
इस ज्योतिर्लिंग की स्थापना के पीछे कुंभकर्ण पुत्र “भीम” की एक कथा प्रसिद्ध है। क्या है पूरी कथा चलिए विस्तार से जानते है-
एक समय यात्रा के दौरान रावण के भाई कुंभकर्ण को कर्कटी नाम की एक महिला पर्वत पर मिली थी, जिसे देखकर कुंभकर्ण उस पर मोहित हो गया और उससे विवाह कर लिया। विवाह के बाद कुंभकर्ण लंका लौट आया, लेकिन कर्कटी पर्वत पर ही रहने लगी। कुछ समय बाद कर्कटी को भीम नाम का एक पुत्र प्राप्त हुआ।
जब उसे अपने पिता की मृ्त्यु भगवान श्री राम के हाथों होने की जानकारी प्राप्त हुई तो वह भगवान राम और देवताओं को सबक सीखने के लिए शक्ति अर्जित करने लगा।
अनेकों वर्षो के कठोर तप से उसने ब्रह्मा जी को प्रसन्न कर विभिन्न विंध्वंसकारी शक्ति अर्जित कर ली। वरदान पाने के बाद राक्षस निरंकुश हो गया। युद्ध में उसने देवताओं को भी परास्त करना प्रारंभ कर दिया। उसने देताओं के पूजन करने को भी बंद करवा दिया।
उस समय कामरूपेश्वप नाम के एक शिव भक्त राजा थे। एक दिन भीम ने राजा को शिवलिंग की पूजा करते हुए देख लिया। भीम ने राजा को भगवान शिव की पूजा छोड़ उसकी पूजा करने को कहा। राजा के बात न मानने पर भीम ने उन्हें बंदी बना लिया। राजा ने बंदीग्रह में ही शिवलिंग बना कर उनकी पूजा करने लगा। जब भीम ने यह देखा तो क्रोध मे आकर उसने शिवलिंग को तोड़ने के लिए जैसे ही अपनी अपनी उठाई। भगवान शिव प्रकट हो गए और भगवान शिव और भीम के बीच घोर युद्ध हुआ, जिसमें भीम की मृत्यु हो गई।
फिर देवताओं के विनती पर भगवान शिव ने हमेशा के लिए उसी स्थान पर लिंग रूप मे रहने की प्रार्थना स्वीकार कर ली। और देवताओं के कहने पर शिव लिंग के रूप में उसी स्थान पर स्थापित हो गए। इस स्थान पर भीम से युद्ध करने की वजह से इस ज्योतिर्लिंग का नाम भीमशंकर पड़ गया।
मंदिर की संरचना (Temple Complex & Architecture)
भीमाशंकर मंदिर नागर शैली की वास्तुकला से बनी एक प्राचीन और नई संरचनाओं का समिश्रण है। वर्तमान मंदिर का शिखर नाना फड़नवीस द्वारा 18वीं सदी में बनाया गया था।
मंदिर में हेमादपंथि संरचना में बनाया गया एक बड़ा घंटा भीमशंकर की एक विशेषता है। अगर आप यहां जाएं तो आपको हनुमान झील, गुप्त भीमशंकर, भीमा नदी की उत्पत्ति, नागफनी, बॉम्बे प्वाइंट, साक्षी विनायक जैसे स्थानों का दौरा करने का मौका मिल सकता है। भीमाशंकर मंदिर के पास माता कमलजा मंदिर स्थित है। कमलजा पार्वती जी का अवतार हैं।
भीमशंकर मंदिर जाने का समय (Best time to visit Bhimshankar Temple)
यहां आने वाले श्रद्धालु कम से कम तीन दिन जरूर रुकते हैं। यहां श्रद्धालुओं के लिए रुकने के लिए हर तरह की व्यवस्था की गई है। भीमशंकर से कुछ ही दूरी पर शिनोली और घोड़गांव है जहां आपको हर तरह की सुविधा मिलेगी। यदि आपको भीमशंकर मंदिर की यात्रा करनी है तो अगस्त और फरवरी महीने के बीच जाएं। वैसे आप ग्रीष्म ऋतु को छोड़कर किसी भी समय यहां आ-जा सकते हैं। वैसे जिन्हें ट्रैकिंग पसंद है उन्हें मानसून के दौरान बचने की सलाह दी जाती है।
भीमशंकर मंदिर कैसे पहुंचे ? (How to Reached bhimshankar Jyotirlinga)
आप बॉम्बे अथवा पुणे से बस के जरिए आसानी से भीम शंकर पहुंच सकते है। आपको शिवाजी नगर, पुणे से बसे मिल जाएगी, जहां से भीम शंकर 4-5 घन्टे की दूरी पर हैं। महाशिवरात्रि और मास शिवरात्रि के अवसर पर स्पेशल बस भी चलायी जाती है।
# Bhimashankar by Air
भीमाशंकर वायु द्वारा निकटतम अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा पुणे हवाई अड्डा है, जो भीमाशंकर से लगभग ढाई घंटे की ड्राइव पर है। जो बैंगलोर, चेन्नई, दिल्ली, हैदराबाद, इंदौर, कोलकाता, मुंबई और कोच्चि जैसे शहरों के स्पेक्ट्रम से अच्छी तरह जुड़ा हुआ है।
# Bhimashankar by Road
How to Reach Bhimashankar from Pune: पुणे से राजगुरु नगर और मंच से होते हुए भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य तक जा सकते हैं।
How to Reach Bhimashankar from Mumbai:- मुंबई से तलेगाँव और चाकन से होते हुए मांचार पहुँचे और फिर तलेघर के रास्ते भीमाशंकर वन्यजीव अभयारण्य पहुँचे। यात्री सीधे नासिक से भी मनचेर पहुँच सकते हैं और फिर उसी मार्ग से भीमाशंकर की यात्रा कर सकते हैं।
# Bhimashankar by railways
भीमाशंकर का निकटतम रेलवे स्टेशन पुणे रेलवे स्टेशन है, जो शहर से लगभग 111 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पुणे रेलवे स्टेशन देश के लगभग हर बड़े स्टेशन से अच्छी प्रकार से जुड़ा हुआ है।
Summery:- Dakinyam Bhimashankar is an ancient shrine situated in the Sahyadri hills in the state of Maharashtra. Bhimashankar templeis one of the twelve Jyotirlingas of Shiva. In recent times Bhimashankarhas gained tremendous significance since it was declared as “WILD LIFE SANCTUARY”.
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