Bhojpur (Bihar): History & Tourist Places in Hindi
भोजपुर (Bhojpur) भारत के बिहार राज्य का एक ज़िला है। ज़िले का मुख्यालय आरा है। बिहार की राजधानी पटना से चालीस किलोमीटर की दूरी पर बसा भोजपुर जिला ऐतिहासिक महत्व रखता है।
Bhojpur: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | बिहार |
क्षेत्रफल | 2,474 वर्ग किलोमीटर |
ऊंचाई | समुद्र तल से 174 फीट की ऊंचाई पर |
भाषा | भोजपुरी, हिंदी |
दर्शनीय स्थल | सूर्य मंदिर, जगदीशपुर, मसाध, अरण्य देवी मंदिर, महाराजा कॉलेज आदि। |
संबंधित लेख | बिहार के प्रमुख पर्यटन स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
इसका जिला मुख्यालय आरा है। इस जगह का नाम संस्कृत शब्द अनन्या से लिया गया था जिसका अर्थ जंगल होता है। माना जाता है कि प्राचीन समय में यह स्थान सघन जंगलों से घिरा हुआ था।
पौराणिक कथा के अनुसार ऋषि विश्वामित्र ने यहां कुछ समय के लिए निवास किया था। भारत के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम (1857) के महानायक बाबू कुंवर सिंह का भी संबंध इस जगह से रहा है। यह जिला उत्तर प्रदेश राज्य के छपरा और बलिया जिले के उत्तर, रोहतास जिले के दक्षिण, पटना और जहानाबाद व उरवाल जिले के पूर्व तथा बक्सर जिले के पश्चिम से घिरा हुआ है। गंगा नदी यहां कि प्रमुख नदियों में से है।
भोजपुर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places to visit in bhojpur)
भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में इस जगह की महत्वपूर्ण भूमिका रही है। सूर्य मंदिर, जगदीशपुर, महाराजा कॉलेज, शाही मस्जिद, मौलाबाग की मस्जिद तथा बिश्राम आदि यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
1. सूर्य मंदिर (Sun Temple, Bhojpur)
सूर्य मंदिर भोजपुर जिले के देव गांव में स्थित है। भगवान सूर्य को समर्पित इस मंदिर में सूर्य भगवान की प्रतिमा के साथ अन्य देवी-देवताओं की मूतियां भी स्थापित है। माना जाता है कि यह मूर्तियां लगभग 14वीं शताब्दी की या उससे भी पूर्व समय की है। (और पढ़ें: कोर्णाक का सूर्य मंदिर
2. जगदीशपुर (Jagdishpur)
बाबू कुंवर सिंह स्वतंत्रता संग्राम के एक प्रसिद्ध योद्धा और सैनिक थे। उन्होंने 1857 ई. में अंग्रेज शासकों के विरूद्ध लड़ाई लड़ी थी। उनका जन्म इसी स्थान पर हुआ था। यह जगह राष्ट्रीय राजमार्ग 35 पर स्थित अारा से लगभग 35 किलोमीटर की दूरी पर है। वह घर जहां बाबू कुंवर सिंह रहा करते थे, अब संग्रहालय में बदल दिया गया है। इस संग्रहालय में उनसे सम्बन्धित सभी वस्तुएं जैसे तलवार आदि प्रदर्शित की गई है।
3. मसाध (Masadh)
यह गांव आरा शहर के दक्षिण-पश्चिम से लगभग नौ किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां एक प्राचीन जैन मंदिर है। यह जैन मंदिर भगवान पार्श्वनाथ को समर्पित है। इस मंदिर में आठ प्रतिमाएं है जिसमें से कुछ का सम्बन्ध प्राचीन काल से है। इस मंदिर का निर्माण सन् 1819 ई. में पूरा हुआ था। पुरातात्विक प्रमाणों के अनुसार इस मंदिर में स्थापित अधिकतर मूर्तियां 1386 ई. की है।
4. अरण्य देवी मंदिर (Aranya Devi Temple)
यहां अरण्य देवी का प्रसिद्ध मंदिर है। इस मंदिर में मां आदी शक्ति की प्रतिमा स्थित है। कहा जाता है कि इसकी स्थापना पांडवों ने की थी। यह काफी प्राचीन मंदिर है। प्रतिदिन काफी संख्या में भक्त मंदिर में देवी के दर्शनों के लिए आते हैं।
5. महाराजा कॉलेज (Maharaja collage)
वर्तमान महाराजा कॉलेज का परिसर महत्वपूर्ण ऐतिहासिक स्थलों में से है। माना जाता है कि यहां पर एक गुप्तमार्ग है जिसका रास्ता वीर कुंवर सिंह किला से जुड़ा हुआ है।
6. शाही मस्जिद (Shahi Masjid)
पांच गुम्बदीय मस्जिद, भारत की इस प्रकार की दूसरी शाही मस्जिद है। इसका निर्माण 1623 ई में शाहजहां ने करवाया था। यह मस्जिद अरंया देवी मंदिर के समीप स्थित है।
7. मौलाबाग की मस्जिद (Masjid of Maulabagh, Karbala)
इस मस्जिद का निर्माण करीबन 1817 ई. में औरंगजेब के सहायक ने करवाया था। यह मस्जिद आरा स्थित मौला बाग मुहल्ला में स्थित है।
भोजपुर कैंसे पहुंचे (How To Reach Bhojpur)
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा पटना स्थित जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है। पटना से भोजपुर 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग: भोजपुर रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से सड़कमार्ग द्वारा भोजपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है।
कहां ठहरें: भोजपुर में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। इसलिए यहां आने वाले पर्यटक इसके नजदीकी शहर पटना में ठहरते हैं।