बीदर (Bidar)
बीदर (Bidar) भारत के कर्नाटक राज्य में स्थित एक नगर हैं। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। बीदर अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है।
Bidar: History & Tourist Place in Hindi
राज्य | कर्नाटक |
क्षेत्रफल | 5,448 वर्ग किलोमीटर |
ऊंचाई | समुद्र तल से 2,200 फीट |
भाषा | कन्नड़, अंग्रेजी, हिंदी |
दर्शनीय स्थल | बीदर किला, पाप नाश शिव मंदिर, गुरु नानक झीरा, मनिक प्रभु मंदिर, रंगीन महल आदि। |
यात्रा समय | अक्टूबर से फरवरी |
History of Bidar: बीदर कर्नाटक राज्य के उत्तर-पूर्व में स्थित है। यह एक ऐतिहासिक शहर है। बीदर एक छोटा सा शहर है। बीदर पहले बहमनी राज्य (1347-1526) की राजधानी था।
15वीं शताब्दी के कई ऐतिहासिक स्मारक आज भी यहां मौजूद है। ये स्मारक बहमनी शासन की परछाई को प्रतिबिम्बित करते हैं। यहां का ठंडा एवं स्वच्छ वातावरण अधिक संख्या में पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है।
बीदर के प्रमुख पर्यटन स्थल (Bidar Places to visit in hindi)
Bidar Tourist Place: बीदर अपनी ऐतिहासिक विरासतों के लिए पूरे विश्व भर में जाना जाता है। यहाँ कई प्राचीन संरचनाएं और मंदिर मौजूद हैं। बीदर मुगल शासन काल के दौरान भी एक महत्वपूर्ण गण हुआ करता था। सांस्कृतिक, ऐतिहासिक, वास्तुकला महत्व के लिए यहां की यात्रा कि जा सकती है। यह शहर एक पठारी क्षेत्र पर बसा है,
1. बीदर किला (Bidar fort)
बीदर किला यहां के प्रमुख पर्यटन स्थलों में से एक है। यह एक ऐतिहासिक किला है। बीदर किले का निर्माण 15 शताब्दी में अहमद वाली ने करवाया था। इस किले के पास खूबसूरत बगीचा और कई स्मारक है। इस किले में पांच प्रमुख दरवाजे हैँ।
कन्नड़ और बॉलीवुड फिल्म के कई दर्शय यहां फिल्माए गए हैं। 2011 की हिट बॉलीवुड फिल्म द डर्टी पिक्चर का गाना “इश्क सूफियाना” बीदर किले में ही शूट किया गया था।
2. गुरू नानक झीरा (Guru Nanak Jhira Sahib)
बीदर स्थित यह गुरूद्वारा सिखों के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। हर साल काफी संख्या में पर्यटक इस गुरूद्वारे में आते हैं। विशेष रूप से नवम्बर और मार्च माह के दौरान यहां सबसे अधिक भीड़ होती है। माना जाता है कि गुरू नानक यहां पर घूमने के लिए आए थे। (और पढ़ें: गुरु नानक के जीवन से जुड़े रहस्य
3. पापनाश शिव मंदिर (Papnash Mahadev Temple, Bidar)
इस मंदिर का निर्माण 11वीं शताब्दी में किया गया था। ऐसा माना जाता है कि जब श्री राम लंका से वापस आए थे तो उन्होंने ही यहां पर भगवान शिव की प्रतिमा स्थापित की थी। यह मंदिर घाटी पर स्थित है।
इस मंदिर के सामने ही एक प्राकृतिक जलकुंड है जिसे “पापनाश” के नाम से जाना जाता है। प्रत्येक वर्ष शिवरात्रि के अवसर पर काफी संख्या में भक्तगण इस मंदिर मे आते हैं।
4. मानिक प्रभु मंदिर (Manik Prabhu Temple)
हर साल काफी संख्या में भक्तगण इस मंदिर में दर्शन के लिए आते हैं। प्रत्येक वर्ष दिसम्बर महीने में यहां वार्षिक कार्यक्रम का आयोजन किया जाता है। इसी अवसर पर हर साल देर रात तक शास्त्रीय संगीत का कार्यक्रम भी आयोजित किया जाता है।
यह वार्षिक कार्यक्रम जात्रा महोत्सव के नाम से जाना जाता है। इस कार्यक्रम में बड़े-बड़े शास्त्रीय संगीतकार जैसे भीमसेन जोशी, जाकिर हुसैन और कई अन्य संगीतकार यहां आ चुके हैं।
5. रंगीन महल (Rangeen Mahal)
यह एक शाही महल है। माना जाता है कि इस महल का निर्माण 16वीं शताब्दी के मध्य में महमूद शाह बहमनी ने करवाया था। इस महल में लकड़ी के स्तम्भ बने हुए है जिस पर फारसी चित्रकारी की गई है।
6. सोहल खम्भ मस्जिद (Solah Khambha Masjid)
सोलह-स्तंभ मस्जिद देश की सबसे बड़ी और पुरानी मस्जिदों में से एक है। इस मस्जिद का निर्माण 1423-24 ईसवी में कुबिल सुल्तानी द्वारा किया गया था। इस मस्जिद में विस्तृत स्तंभ, गुंबद और मेहराबें हैं।
7. बसवकल्याण (Basavakalyan)
यह स्थान बीदर से 80 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। वर्तमान समय में इस जगह को कल्याणी ने नाम से जाना जाता है। यह जगह चालुक्य (10 वीं शताब्दी) साम्राज्य की राजधानी थी। यह काफी पुराना शहर है। आज भी यह जगह संत बसावेश्रवरा, अक्का-महादेवी, चन्नावसवन्ना और सिद्धारमा के लिए जाना जाती है।
बीदर कैंसे पहुंचे (How to Teacher Bidar)
हवाई अड्डा– सबसे नजदीकी हवाई अड्डा राजीव गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा, बेगमपेट है। बीदर जिला मुख्यालय से हैदराबाद सिर्फ 136 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
रेल मार्ग- बीदर के लिए बैंगलोर और हैदराबाद से रेल सुविधा उपलब्ध है।
सड़क मार्ग– बीदर सड़क मार्ग द्वारा दक्षिण भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
विभिन्न शहरों से दूरी: हैदराबाद- 136 किलोमीटर, बैंगलोंर- 669 किलोमीटर, बैजपुर- 280 किलोमीटर, बसावाकल्याण- 73 किलोमीटर।