बृहज्जातकम् : Brihat Jatak by Acharya Varahamihira Book PDF [Hindi]
BRIHAT JATAK: बृहत् जातकम, भारतीय ज्योतिष शास्त्र की सबसे महत्वपूर्ण और प्राचीन पुस्तकों में से एक है। यह ग्रंथ वराहमिहिर द्वारा रचित है। यह ना केवल ज्योतिष में रुचि रखने वालों के लिए, बल्कि पेशेवर ज्योतिषियों के लिए भी एक अनमोल ग्रंथ है। इस ग्रंथ के अध्ययन से ज्योतिष के मूल सिद्धांतों को समझने में मदद मिलती है।
आचार्य वराहमिहिर का परिचय
वराहमिहीर, गणितज्ञ, खगोलशास्त्री और ज्योतिषी थे। वाराहमिहिर ने ही सबसे पहले बताया कि अयनांश का मान 50.32 सेकेण्ड के बराबर है। बृहत् जातकम या बृहज्जातकम वराहमिहिर द्वारा लिखे गए पाँच प्रमुख ग्रंथों में से एक है। अन्य चार ग्रंथ- पंचसिद्धांतिका , बृहत् संहिता , लघु जातक और योगयात्रा है। वृहद जातक के एक श्लोक के अनुसार, वे अवंती के निवासी और आदित्य-दास के पुत्र थे, और सूर्य देव के वरदान से कपित्तका में शिक्षा प्राप्त की थी। वराहमिहिर बाद में उज्जैन चले गए और राजा चंद्रगुप्त विक्रमादित्य के दरबार मेंनवरत्नों में से एक रत्न नियुक्त किए गए।
BRIHAT JATAK: Prachin Bhartiya Phalit Shastra
Name | Brihat Jatakam |
Author | Varahamihir |
Translater | Dr. Suresh Chandra Mishra |
Quality | Good |
Page | 397 |
Size | 600 MB |
Lable | Astrology |
Brihat Jatak By Varahamihira Ebook Download [PDF]
“वृहद जातक” पुस्तक को खरीदने के लिए नीचे दिए गए Amazone या Flipkart Buton कर क्लिक करे। यह लिंक आपको सीधे पुस्तक के अधिकृत विक्रेता की Website पर ले जाएगा।” यदि आप इस पुस्तक को PDF प्रारूप में डाउनलोड करना चाहते हैं, तो ‘Download‘ बटन पर क्लिक करें।
हम केवल पाठकों की सुविधा के लिए इंटरनेट पर उपबंध पुस्तकों का लिंक साझा करते हैं, किसी PDF का निर्माण नही करते। हम कॉपीराइट नियमो का सख्ती से पालन करते हैं और आपको भी ऐसा करने की सलाह देते हैं।
किसी भी प्रकार की सलाह, शिकायत अथवा कॉपीराइट संबंधित मामले के लिए आप हमसे संपर्क कर सकते है।