बुलढ़ाना (Buldana)
बुलढाणा (Buldana) भारत के महाराष्ट्र राज्य का एक शहर है। यह जिले का मुख्यालय भी हैं। प्रसिद्ध लोनार झील इसी ज़िले में स्थित है।
Buldana History & Tourist Places
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 9661 वर्ग किमी |
भाषा | मराठी, हिन्दी, अंग्रेजी |
औसत वर्षा | 803 मिमी. |
दर्शनीय स्थल | लखूजी जाधव मेमोरियल, रंग महल, अम्बर झील, लोनार झील, ध्यानगंगा अभ्यारण्य आदि। |
विशेष आकर्षण | लोनार झील (उल्का पिंड के विस्फोट से बनी विश्व का सबसे बड़ा झील) |
यात्रा समय | नवंबर से फरवरी। |
पश्चिमी महाराष्ट्र में स्थित बुलढ़ाना जिला पूर्व में अकोला, दक्षिण में परभानी और पश्चिम में औरंगाबाद एवं जलगांव जिले से घिरा हुआ है। 9661 वर्ग किमी. में फैला यह जिला राजधानी मुंबई से लगभग 500 किमी. की दूरी पर है।
विदर्भ क्षेत्र के पश्चिमी सिरे पर स्थित यह जिला अमरावती मंडल के अन्तर्गत आता है। इस जिले का उल्लेख महाभारत में भी मिलता है। प्राचीन काल में यह मौर्य साम्राज्य का हिस्सा था। बाद में इस पर सातवाहन, राष्ट्रकूट, चालुक्य, वेकाटक, यादव और देवगिरी के शासकों ने शासन किया।
बुलढ़ाना पर्यटन स्थल (Place to visit in Buldana, Maharashtra)
यहां स्थित लोनार झील, उल्का पिंड के विस्फोट से बनी विश्व की सबसे बड़ी झील है। इसके अलावा यहां के अनेक मंदिर, झीलें आदि पर्यटन स्थल हैं जो पर्यटकों को आकर्षित करते हैं।
1. लखूजी जाधव मेमोरियल (Lakhuji Jadhav Memorial)
बुलढ़ाना जिले के सिंदखेद राजा में स्थित लखूजी जाधव मेमोरियल ईंटो से निर्मित एक विशाल संरचना है। मुख्य प्रवेश द्वार से भवन तक पहुंचने के लिए सीढ़ियां बनी हुई हैं। प्रवेश द्वार के साथ ही हाथी को मारते हुए शेर की मूर्ति है।
द्वार के दायीं ओर अभिलेख खुदे हैं जिन्हें अब तक पढ़ा नहीं जा सका है। मकबरे के निकट ही भगवान रामेश्वर का मंदिर है। कहा जाता है कि यह मंदिर लखूजी जाधव ने अपनी मां के कहने पर बनवाया था।
2. लोनार झील (Lonar Lake)
लोनार के निकट स्थित यह झील खारे पानी की विश्व की तीसरी सबसे बड़ी झील है। यह झील अपने लोनार केट्रर के लिए जानी जाती है। कटोरे के आकार की इस झील का निर्माण 50000 साल पहले एक उल्का पिंड के गिरने से हुआ था। उल्का पिंड से निर्मित यह विश्व की सबसे बड़ी और प्राचीन झील है। झील के निकट अनेक मंदिर बने हुए हैं।
3. अम्बर झील (Ambar Lake)
यह झील छोटे लोनार के नाम से भी जानी जाती है। बुलढ़ाना के लोनार झील से लगभग 1 किमी. की दूरी पर यह झील स्थित है। कहा जाता है कि उल्का पिंड के एक टुकड़े के गिरने से यह झील बनी थी। झील के किनारे हनुमान का एक मंदिर है। इस मंदिर में स्थापित उनकी मूर्ति शयन मुद्रा में है।
4. ध्यानगंगा अभ्यारण्य (Dnyanganga Wildlife Sanctuary)
ध्यानगंगा अभ्यारण्य बुलढ़ाना से 8 किमी. दूर स्थित है। ध्यानगंगा नदी के तट पर बना यह अभ्यारण्य 205 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां दो झीलों को भी देखा जा सकता है। तेंदुए, टाईगर, स्लोथ बीयर, बार्किंग डियर, नीलगाय, स्पोटेड डियर, हैना, जंगली बिल्ली, भेड़िए आदि जानवरों को यहां देखा जा सकता है। इसके अलावा पक्षियों की लगभग 150 प्रजातियां यहां पाई जाती हैं। जनवरी से जून तक का समय यहां आने के लिए अनुकूल माना जाता है।
5. सिंदखेद राजा (Sindkhed Raja)
बुलढ़ाना से 105 किमी. दूर स्थित यह स्थान शिवाजी की मां जीजाबाई के जन्मस्थान के तौर पर जाना जाता है। यह स्थान कलकट, रंगमहल, लखूजी जाधव मेमोरियल, लखूजी महल के लिए चर्चित है। प्राचीन नीलकंठेश्वर और रामेश्वर मंदिर यहां बने हुए हैं। स्टेट हाइवे 183 पर स्थित होने के कारण यहां आसानी से पहुंचा जा सकता है।
6. श्री तिरूपति बालाजी मंदिर (Shri Tirupati Balaji Temple)
नंदूरा स्थित श्री तिरूपति बालाजी संस्थान बुलढ़ाना के सबसे लोकप्रिय दर्शनीय मंदिरों में माना जाता है। यहां स्थापित हनुमान की मूर्ति को विश्व की सबसे बड़ी मूर्तियों में शुमार किया जाता है। मूर्ति की ऊंचाई 105 फीट है, जबकि मूर्ति के सीने माप 70 फीट है। तिरूपति के वेंकटेश्वर मंदिर की तर्ज पर यह हनुमान मंदिर बना है।
7. भैरव मंदिर (Bhairav Temple)
यह मंदिर लोनार केट्रर के भीतर स्थित है। मान्यता है कि महाराष्ट्र में महानुभव संप्रदाय के संस्थापक स्वामी चक्रधर ने इसी स्थान पर तपस्या की थी। भैरव मंदिर के निकट ही देवी मंदिर है।
8. विष्णु मंदिर (Vishnu Temple)
लोनार झील के निकट स्थित यह विष्णु मंदिर यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थलों में है। मंदिर में भगवान शिव और गणेश की प्रतिमाएं भी स्थापित है। मंदिर के अंदरूनी हिस्से को सिंह की सुंदर नक्कासी के लिए जाना जाता है। किवदंतियों के अनुसार भगवान राम ने यहां अपने पिता का तर्पण किया था।
9. चिखली (Chikhli)
चिखली नगर जिले का प्रमुख बैंकिंग केन्द्र है। जिला मुख्यालय इसके उत्तर में स्थित है। पिंगलगांव में लगने वाला शरीफ सैलानी शाह मियां का उर्स यहां का मुख्य उत्सव है। चिखली-मेहकर-मालेगांव स्टेट हाइवे पर स्थित चिखली झरना भी यहां का प्रमुख दर्शनीय स्थल है।
10. शेगांव (Shegaon)
यह बुलढ़ाना जिले का म्युनिसिपल टाउन है जो श्री गनाजन महाराज की समाधि के लिए प्रसिद्ध है। भगवान राम का एक मंदिर भी यहां स्थित है। दूर-दराज से हर वर्ष यहां बड़ी संख्या में भक्तों का आगमन होता है। अप्रैल माह में आने वाली रामनवमी यहां बड़ी धूमधाम से मनाई जाती है।
11. रंग महल (Ranga Mahal)
सिंदखेद में स्थित यह महल एक ऐतिहासिक इमारत है। वर्तमान में यह महल जर्जर अवस्था में हैं। महल में एक हॉल है जो लकड़ी के खंभों के सहारे टिका हुआ है। इस हॉल में खूबसूरत नक्कासी की हुई है।
बुलढ़ाना कैंसे पहुंचे (How to Reach Buldana)
वायु मार्ग- औरंगाबाद यहां का निकटतम एयरपोर्ट है जो लगभग 122 किमी. की दूरी पर है। देश के अनेक शहरों से यह एयरपोर्ट जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग- मुंबई-भुसावल रेल लाइन पर स्थित मलकापुर यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। अनेक रेलगाड़ियां देश के अन्य हिस्सों से इसे जोड़ती हैं।
सड़क मार्ग– बुलढ़ाना देश और राज्य के अन्य हिस्सों से सड़क मार्ग के द्वारा जुड़ा हुआ है। मुम्बई-औरंगाबाद-जालना-लोनार मार्ग द्वारा आसानी से यहां पहुंचा जा सकता है। राज्य परिवहन निगम की बसें बुलढ़ाना को अन्य शहरों से जोड़ती है।