Chiplun (Maharashtra): History & Tourist Places in Hindi
चिपलून (Chiplun) भारत के महाराष्ट्र राज्य के रत्नागिरि ज़िले में स्थित एक शहर है। यह वाशिष्ठी नदी के किनारे बसा हुआ है। जो भी पर्यटक मुंबई से गोवा जाते हैं वो यहां जरूर आते हैं।
Chiplun History & Tourist Places in Hindi
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 24.73 km² |
भाषा | मराठी, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | पशुराम मंदिर, वाशिष्ठी नदी |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च। |
एक पिकनिक स्थान के रुप में चिपलुन के जन्म की कहानी बड़ी ही रोचक है। हुआ यूं कि 80 के दशक में मुंबई से गोवा जाने के लिए प्रतिदिन उड़ाने संचालित नहीं होती थी। उस समय सप्ताह में एक या दो उड़ाने संचालित होती थी। इसलिए पर्यटकों ने सड़क मार्ग द्वारा गोवा जाना आरंभ कर दिया।
लेकिन यह रास्ता काफी लंबा पड़ता था। इसलिए रास्ते में एक ऐसे स्थान की जरुरत महसूस की गई जहां पर्यटक आराम कर सकें। ऐसे स्थान को चुनने के लिए होटल ताज ग्रुप ने समाचारपत्रों में विज्ञापन दिया और पर्यटकों से विभिन्न स्थानों के लिए वोटिंग करने को कहा। वोटिंग में 80 प्रतिशत दर्शकों ने चिपलुन के पक्ष में मतदान किया। इस प्रकार एक पर्यटक स्थल के रुप में चिपलुन का जन्म हुआ।
चिपलून के पर्यटन स्थल (Places to visit in Chiplun in Hindi)
पूरे चिपलुन शहर को एक दिन में आराम से घूमा जा सकता है। अगर कार या टैक्सी की व्यवस्था हो जाय तो एक ही दिन में इसके आसपास के स्थानों को भी घूमा जा सकता है।
परशुराम मंदिर और गांव (Parshuram Temple, Chiplun)
पिथे परशुराम गांव चिपलुन के नजदीक ही स्थित है। इस गांव के संबंध में कई अनुश्रुतियां फैली हुई हैं। एक अनुश्रुति के अनुसार परशुराम जोकि गुस्सैल संत थे, अपने को गुरु के सामने सच्चा संन्यासी सिद्ध करने के लिए अपनी पूरी भूमि दान कर दी। इसके बाद वह पिथे परशुराम आ गए।
एक बार गुस्से में उन्होंने अपना फरसा (एक प्रकार का हथियार) समुद्र में फेंक दिया। उस समय समुद्र चिपलुन के निकट था। अनुश्रुति के अनुसार परशुराम के गुस्से के कारण समुद्र ने अपने को पीछे खींच लिया। जहां फरसा गिरा वह स्थान परशुराम ने अपने निवास के लिए चुन लिया।
पिथे परशुराम वर्तमान में एक पयर्टक स्थल के रुप में विकसित हो चुका है। यहां एक 700 वर्ष पुराना मंदिर है जो कि भव्य तो नहीं है लेकिन इसकी महत्ता काफी अधिक है।
वाशिष्ठी नदी (Vashishti River)
वितस्ता नदी में मोटरबोटिंग का आनंद उठाया जा सकता है। इस नदी में कभी-कभी घडियाल भी दिख जाता है। इसके अलावा मछली पकड़ने का भी लुत्फ उठाया जा सकता है।
चिपलून के आसपास के अन्य दर्शनीय स्थान Tourist places near Chiplun
वालवलकर शिवाजी संग्रहालय (15 किलोमीटर) – यह संग्रहालय मुंबई-गोवा राजमार्ग पर स्थित है। इस संग्रहालय में शिवाजी के जीवन में घटित विभिन्न घटनाओं को चित्रित किया गया है।
कोयना डैम (Koyna Dam)
कोयना डैम, चिपलून से 43 किलोमीटर दूर स्थित है। यह डैम समुद्रतल से 3000 फीट उंचा है। यह डैम पर्यटकों का पसंदीदा पिकनिक स्पॉट होता था। लेकिन अब इस डैम में सुरक्षा कारणों से प्रवेश निषेध कर दिया गया है। यह डैम भारत के सबसे बड़े डैमों में से एक है।
इस डैम के पास ही नेहरु स्मृति उद्यान है। यह डैम मीठे पानी की मछलियों के लिए भी प्रसिद्ध है। इस डैम में बोटिंग की सुविधा भी है। इन सबके अलावा यहां कुछ मंदिर तथा झरने भी हैं। इस डैम को मानसून के मौसम में घूमना चाहिए।
महाबलेश्वर मंदिर (Mahakaleshwar Temple)
चिपलुन का एक अन्य दर्शनीय स्थान महाबलेश्वर मंदिर है। यह मंदिर देवरुख रोड पर चिपलुन से 65 किलोमीटर दूर स्थित है। यह मंदिर एक गुफा में प्राकृतिक रुप से निर्मित है। अगर आप भाग्यशाली हैं तो आपको इस गुफा में निवास करने वाले सर्प दिख सकते है। यहां एक झरना भी है।
सावतसदा झरना (SawatSada Waterfall)
यह झरना चिपलुन शहर से 3 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यहां मानसून के समय में जाना चाहिए।
गणपति फूले (Ganpatipule)
यह चिपलुन से 84.8 किमी दूर स्थित है। यह प्राचीन तीर्थकेंद्र है। इस मंदिर में भगवान गणेश की प्राकृतिक रुप से निर्मित मूर्त्ति है।
गावलकोट किला (Gowalkot Fort)
गावलकोट किला, चिपलून से मात्र 4.3 km दूर स्थित हैं। यह प्राचीन किला एक छोटी सी पहाड़ी पर स्थित है। इस किले का निर्माण शिवाजी महाराज ने करवाया था। इस किले के सामने वितस्ता नदी बहती है। इस किले से घाटी तथा नदी का सुंदर नजारा दिखता है।
चिपलून से क्या खरीदे (Chiplun Is Famous For)
चिपलुन किचन के सामानों के लिए प्रसिद्ध है। ये सामान मुख्यत: पिथे परशुराम से खरीदे जा सकते है। यहां के दुकानों के बाहर ये सामान टंगे रहते हैं। स्थानीय लोगों का कहना है कि यहां का कुकम सबसे अच्छा होता है। यहां का बना कुकम शर्बत भी खरीदा जा सकता है। यह शर्बत प्लास्टिक के डिब्बों में मिलता है।
चिपलुन में ‘नचनी’ नामक एक प्रकार का अनाज होता है। यह काफी पौष्टिक होता है। इसे रोटी और पापड़ के साथ खाया जाता है। चिपलुन अल्फांसो आम के लिए भी प्रसिद्ध है। इसके अलावा चिपलुन में चमगादड़ का तेल भी मिलता है। 100 मिली लीटर चमगादड़ का तेल 37 रु. में मिलता है। यह तेल जोड़ों के दर्द तथा सूजन को दूर करने में काम आता है।
चिपलून जानें का सही समय (Right Time to Visit Chiplun)
यहां जून से सितम्बर के बीच जाया जा सकता है। चिपलुन घुमने का पूरा आनन्द मानसून में आता है। सितम्बर का पहला पखवारा यहां जाने के लिए बेहतर समय है।
चिपलून कैंसे पहुंचे (How to Reach Chiplun)
रेल मार्ग: चिपलुन में रेलवे स्टेशन है। यहां मुंबई से जन शताब्दी एक्सप्रेस तथा कोंकण कन्या एक्सप्रेस जाती है।
बस मार्ग: यह मुंबई से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। मुंबई सेंट्रल से चिपलुन के लिए सरकारी और प्राइवेट बसें जाती है।