Datia (M.P): History & Tourist Places in Hindi
दतिया (Datia) भारत के मध्य प्रदेश राज्य में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। भौगोलिक रूप से यह बुंदेलखंड क्षेत्र में है।य
Datia: History & Tourist Attraction in Hindi | Wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 2,902 km² |
भाषा | हिंदी, क्षेत्रीय भाषा औऱ इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | पीताम्बरा पीठ, सोनागिरि मंदिर, गोविंद महल, उनाव बालाजी मंदिर, बडोनी, सिओंधा आदि। |
विशेष | यहां का शक्तिपीठ भारत के श्रेष्ठतम और महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में एक है |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के दर्शनीय स्थल, पीताम्बरा शक्तिपीठ पीठ |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
दतिया पर्यटन स्थल (Places to visit in datia)
Datia Tourist Places: ग्वालियर के निकट उत्तर प्रदेश की सीमा पर स्थित दतिया मध्य प्रदेश का लोकप्रिय तीर्थस्थल है। दतिया का ओल्ड टाउन चारों ओर से पत्थर की दीवार से घिरा हुआ है, जिसमें बहुत से महल और गार्डन बने हुए हैं।
17वीं शताब्दी में बना बीर सिंह महल उत्तर भारत के सबसे बेहतरीन इमारतों में माना जाता है। यहां का शक्तिपीठ भारत के श्रेष्ठतम और महत्वपूर्ण शक्तिपीठों में एक है। प्रतिवर्ष यहां बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं को आवागमन लगा रहता है।
1. श्री पीताम्बरा पीठ (Shri Pitambara Peeth Datia)
दतिया में स्थित पीताम्बरा शक्तिपीठ देश के सबसे लोकप्रिय शक्तिपीठों में एक है। यह मंदिर श्मशान के ऊपर बना है। श्री गोलकवासी स्वामीजी महाराज ने इस स्थान पर बगला मुखी देवी और धूमावती माई की प्रतिमा स्थापित करवाई थी।
यहां बना वनखंडेश्वर मंदिर महाभारत कालीन मंदिरों में अपना विशेष स्थान रखता है। यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है। इसके अलावा इस मंदिर परिसर में अन्य बहुत से मंदिर भी बने हुए हैं। देश के विभिन्न हिस्सों से श्रद्धालुओं का यहां आना जाना लगा रहता है।
2. सोनागिरि मंदिर (Sonagiri Jain Temple)
सोनगिरी के मंदिर जैन धर्म के दिगंबर सम्प्रदाय का पवित्र तीर्थस्थल है। इसी स्थान पर राजा नंगनाग ने अपने 15 मिलियन अनुयायियों के साथ मोक्ष प्राप्त किया था। भक्तगणों और संतों के बीच यहां के मंदिर बहुत लोकप्रिय है। वे यहां आकर मोक्ष प्राप्ति और आत्मानुशासन का अभ्यास करते हैं।
सोनगिरी के पहाड़ी पर 77 मंदिर और पास के गांव में 26 जैन मंदिर हैं। पहाड़ी पर बना 57 नंबर का मंदिर यहां का मुख्य मंदिर है। इस मंदिर में भगवान चन्द्रप्रभु की 11 फीट ऊंची आकर्षक प्रतिमा स्थापित है। यहां भगवान शीलतनाथ और पार्श्वनाथ की भी सुंदर प्रतिमाएं स्थापित हैं। सोनगिरी दतिया से 15 किमी. की दूरी पर है।
3. गोविन्द महल (Govind Mahal)
सात खंड का यह पूरा महल पत्थरों से बना हुआ है। गोविन्द महल को 1614 ई. में राजा बीर सिंह देव ने बनवाया था। बुन्देल शासकों द्वारा बनवाए गए सबसे बेहतरीन इमारतों में इसकी गणना की जाती है। महल में आकर्षक भित्तिचित्र बने हुए हैं। महल में कुछ सुंदर मूर्तियों भी स्थापित की गई हैं और महल के ऊपरी मंजिल से आसपास के क्षेत्र का सुंदर नजारा देखा जा सकता है।
4. उनाव-बालाजी सूर्य मंदिर (Unao Balaji Sun Temple)
उनाव दतिया मुख्यालय से 17 किमी. की दूरी पर है। यहां का बालाजी मंदिर अति प्राचीन माना जाता है। कहा जाता है कि यह मंदिर प्रागैतिहासिक काल का है। तीर्थस्थल होने की वजह से दूर-दूर से लोग दर्शन के लिए आते हैं।
मंदिर के निकट ही पवित्र जल का एक टैंक है। कहा जाता है कि इस जल से स्नान करने पर तमाम दुख दर्द मिट जाते हैं। इस स्थान को बालाजी धाम के नाम से भी जाना जाता है। राजगढ़ महल और संग्रहालय- पीताम्बरा पीठ के निकट बना राजगढ़ महल राजा शत्रुजीत बुन्देला द्वारा बनवाया गया था।
यह महल बुन्देली भवन निर्माण शैली में बना है। इस स्थान पर ही एक संग्रहालय भी है जहां भौगोलिक और सांस्कृतिक महत्व की अनेक वस्तुओं का संग्रह रखा गया है।
5. बडोनी (Badoni)
यह स्थान छोटी बडोनी के नाम जाना जाता है जो दतिया से लगभग 10 किमी. की दूरी पर है। यहां बौद्ध और जैन धर्म से संबंधित गुप्तकालीन मंदिर बने हुए हैं। साथ ही यह स्थान बुन्देली शैली में बने किले और हवेलियों के लिए भी काफी लोकप्रिय है।
6. सिओंधा (Seondha)
दतिया से 70 किमी. दूर यह स्थान सिंध नदी पर बने जलप्रपात के लिए प्रसिद्ध है। इसके अलावा कान्हागढ़ किला और नन्दनंदन महल भी लोगों को आकर्षिक करने में कामयाब होता है। सिओंधा से 15 किमी. की दूरी पर रतनगढ़ माता का लोकप्रिय मंदिर है जो एक घने जंगल के भीतर स्थित है।
7. भंडेर (Bhander)
भंडेर दतिया से 30 किमी. दूर है। हाल ही में इसे दतिया की तीसरी तहसील के रूप शामिल किया गया है। महाभारत काल में इस स्थान का नाम भंडकपुर था। यह स्थान सोन तलैया, लक्ष्मण मंदिर और प्राचीन किले के लिए प्रसिद्ध है।
मंदिर- लघु वृंदावन नाम से मशहूर दतिया शहर में अनेक खूबसूरत मंदिर बने हुए हैं। अवध बिहारी मंदिर, शिवगिर मंदिर, विजय राघव मंदिर, गोविन्द मंदिर और बिहारीजी मंदिर यहां के लोकप्रिय मंदिर हैं। श्रद्धालुओं का यहां हमेशा हुजूम लगा रहता है।
दतिया कैंसे पहुंचे (How to Reach Datia by Road, Train & Air)
वायु मार्ग– ग्वालियर दतिया का निकटतम एयरपोर्ट है। ग्वालियर पहुंचकर बस या टैक्सी के माध्यम से आसानी से दतिया पहुंचा जा सकता है।
रेल मार्ग- दतिया रेलवे स्टेशन दिल्ली-चैन्नई मुख्य रेल लाइन पर पड़ता है। दिल्ली, आगरा, मथुरा, ग्वालियर, झांसी, भोपाल आदि शहरों से अनेक रेलगाड़ियां दतिया से होकर जाती है। दतिया शहर से यह रेलवे स्टेशन करीब 3 किमी. दूर है।
सड़क मार्ग- दतिया उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश की सीमा पर स्थित है। दोनों राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसों की व्यवस्था है। झांसी, ग्वालियर, मथुरा, डबरा, आगरा, ओरक्षा आदि शहरों से यहां के लिए राज्य परिवहन निगम की नियमित बसें चलती रहती हैं।
दतिया में कहाँ ठहरे (Where to stay in Datia)
दतिया, सोनगिरी और उसके आसपास ठहरनें के लिए अनेक धर्मशालाएं बनी हुई हैं। रानीवालों की धर्मशाला, लमेन्चू जैन धर्मशाला, विशाल धर्मशाला और त्यागी आश्रम आदि में ठहरा जा सकता है। दतिया के निकट स्थित ग्वालियर अथवा झांसी में ठहरने हेतु होटलों की उचित व्यवस्था है।