देवशयनी एकादशी : व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को शयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से अधूरी मनोकामनाएं विष्णु भगवान अवश्य पूरी करते है। इस वर्ष अर्थात 2021 मेँ देव शयनी एकादशी 20 जुलाई को है।
देवशयनी एकादशी व्रत
आधिकारिक नाम | देवशयनी एकादशी व्रत |
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अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | व्रत त्योहार |
उद्देश्य | सर्वकामना पूर्ति |
तिथि | आषाढ़ के शुक्ल पक्ष की एकादशी |
सम्बंधित लेख | एकादशी व्रत |
देवशयनी एकादशी व्रत कथा
युधिष्ठिर ने पूछा भगवन्! आषाढ़ के शुक्लपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? उसका नाम और विधि क्या है? यह बतलाने की कृपा करें ।
भगवान श्रीकृष्ण बोले राजन्! आषाढ शुक्लपक्ष की एकादशी का नाम ‘शयनी’ है। मैं उसका वर्णन करता हूँ। वह महान पुण्यमयी, स्वर्ग और मोक्ष प्रदान करने वाली, सब पापों को हरने वाली तथा उत्तम व्रत है। आषाढ शुक्लपक्ष में शयनी एकादशी के दिन जिन्होंने कमल पुष्प से कमललोचन भगवान विष्णु का पूजन तथा एकादशी का उत्तम व्रत किया है, उन्होंने तीनों लोकों और तीनों सनातन देवताओं का पूजन कर लिया।
‘हरिशयनी एकादशी’ के दिन मेरा एक स्वरूप राजा बलि के यहाँ रहता है और दूसरा क्षीरसागर में शेषनाग की शैय्या पर तब तक शयन करता है, जब तक आगामी कार्तिक की एकादशी नहीं आ जाती, अतः आषाढ़ शुक्ल पक्ष की एकादशी से लेकर कार्तिक शुक्ल एकादशी तक मनुष्य को भलीभाँति धर्म का आचरण करना चाहिए।
जो मनुष्य इस व्रत का अनुष्ठान करता है, वह परम गति को प्राप्त होता है. इस कारण यत्नपूर्वक इस एकादशी का व्रत करना चाहिए। एकादशी की रात में जागरण करके शंख, चक्र और गदा धारण करने वाले भगवान विष्णु की भक्ति पूर्वक पूजा करनी चाहिए। ऐसा करने वाले पुरुष के पुण्य की गणना करने में चतुर्मुख ब्रह्माजी भी असमर्थ हैं।
राजन जो इस प्रकार भोग और मोक्ष प्रदान करनेवाले सर्व पापहारी एकादशी के उत्तम व्रत का पालन करता है, वह जाति का चाण्डाल होने पर भी संसार में सदा मेरा प्रिय रहनेवाला है। जो मनुष्य दीपदान, पलाश के पत्ते पर भोजन और व्रत करते हुए चौमासा व्यतीत करते हैं, वे मेरे प्रिय हैं।
चौमासे में भगवान विष्णु सोये रहते हैं, इसलिए मनुष्य को भूमि पर शयन करना चाहिए। सावन में साग, भादों में दही, क्वार में दूध और कार्तिक में दाल का त्याग कर देना चाहिए। जो चौमसे में ब्रह्मचर्य का पालन करता है, वह परम गति को प्राप्त होता है।
राजन्! एकादशी के व्रत से ही मनुष्य सब पापों से मुक्त हो जाता है, अतः सदा इसका व्रत करना चाहिए। कभी भूलना नहीं चाहिए। ‘शयनी’ और ‘बोधिनी के बीच में जो कृष्णपक्ष की एकादशीयाँ होती हैं, गृहस्थ के लिए ये ही व्रत रखने योग्य हैं अन्य मासों की कृष्णपक्षीय एकादशी गृहस्थ के रखने योग्य नहीं होती। शुक्लपक्ष की सभी एकादशी करनी चाहिए।
जुलाई 2021 एकादशी व्रत कब है? (Dev Shayani Ekadashi Vrat Date and Muhurat in 2021)
हिंदू पंचांग की ग्यारहवी तिथि को एकादशी कहते हैं। यह तिथि मास में दो बार आती है। पूर्णिमा के बाद और अमावस्या के बाद। पूर्णिमा के बाद आने वाली एकादशी को कृष्ण पक्ष की एकादशी और अमावस्या के बाद आने वाली एकादशी को शुक्ल पक्ष की एकादशी कहते हैं।
आषाढ़ मास के शुक्ल पक्ष की एकादशी को शयनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। इंग्लिश कैलेंडर के अनुसार यह जून-जुलाई में पड़ता है। इस वर्ष अर्थात 2021 मेँ देव शयनी एकादशी 20 जुलाई को है।
Tithi Timing and Puja Muhurat for shayani Ekadashi (Ashadhi Ekadashi 202)
सूर्योदय (Sunrise) | 20 July, 2021 05:56 AM. |
सर्यास्त (Sunset) | 20 July, 2021 07:10 PM. |
एकादशी प्रारम्भ (Tithi Begins) | 19 July, 2021 10:00 PM. |
एकादशी समाप्त (Tithi Ends) | 20 July, 2021 07:17 PM. |
हरि वासरा समाप्त (Hari Vasara End) | 21 July, 2021 12:35 AM. |
द्वादशी समाप्त (Dwadashi End) | 21 July, 2021 04:26 PM. |
पारण मुहूर्त (Parana Time) | July 21, 05:56 AM – July 21, 08:35 AM |
Shayani Ekadashi festival dates between 2021 To 2025
Year | Date |
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2021 | Tuesday, 20th of July |
2022 | Sunday, 10th of July |
2023 | Thursday, 29th of June |
2024 | Wednesday, 17th of July |
2025 | Sunday, 6th of July |
2026 | Saturday, 25th of July |
2027 | Wednesday, 14th of July |
2028 | Sunday, 2nd of July |
2021 में पढ़ने वाले एकादशी व्रत (Ekadashi Tithi Date List in 2021
त्यौहार दिनांक | व्रत |
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जनवरी 10, 2025, शुक्रवार | पौष पुत्रदा एकादशी |
जनवरी 25, 2025, शनिवार | षटतिला एकादशी |
फरवरी 8, 2025, शनिवार | जया एकादशी |
फरवरी 24, 2025, सोमवार | विजया एकादशी |
मार्च 10, 2025, सोमवार | आमलकी एकादशी |
मार्च 25, 2025, मंगलवार | पापमोचिनी एकादशी |
मार्च 26, 2025, बुधवार | वैष्णव पापमोचिनी एकादशी |
अप्रैल 8, 2025, मंगलवार | कामदा एकादशी |
अप्रैल 24, 2025, बृहस्पतिवार | वरुथिनी एकादशी |
मई 8, 2025, बृहस्पतिवार | मोहिनी एकादशी |
मई 23, 2025, शुक्रवार | अपरा एकादशी |
जून 6, 2025, शुक्रवार | निर्जला एकादशी |
जून 21, 2025, शनिवार | योगिनी एकादशी |
जुलाई 6, 2025, रविवार | देवशयनी एकादशी |
जुलाई 21, 2025, सोमवार | कामिका एकादशी |
अगस्त 5, 2025, मंगलवार | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
अगस्त 19, 2025, मंगलवार | अजा एकादशी |
सितम्बर 3, 2025, बुधवार | परिवर्तिनी एकादशी |
सितम्बर 17, 2025, बुधवार | इन्दिरा एकादशी |
अक्टूबर 3, 2025, शुक्रवार | पापांकुशा एकादशी |
अक्टूबर 17, 2025, शुक्रवार | रमा एकादशी |
नवम्बर 1, 2025, शनिवार | देवोत्थान / प्रबोधिनी एकादशी |
नवम्बर 15, 2025, शनिवार | उत्पन्ना एकादशी |
दिसम्बर 1, 2025, सोमवार | मोक्षदा एकादशी |
दिसम्बर 15, 2025, सोमवार | सफला एकादशी |
दिसम्बर 30, 2025, मंगलवार | पौष पुत्रदा एकादशी |