Dhanteras: कब और कैसे मनाएं धनतेरस का पर्व?
Dhanteras: धनतेरस, 5 दिवसीय दीपावली त्यौहार (धनतेरस, नरक चतुर्दशी, दिवाली, गोवर्धन और भाई दूज) पहला दिन है। यह दिवाली से दो दिन पहले मनाया जाता है। इस दिन लोग नए बर्तन, सोना, चांदी या अन्य धातु की वस्तुएं खरीदते हैं। यह माना जाता है कि इन वस्तुओं को खरीदना शुभ होता है और इससे घर में धन और समृद्धि आती है।
धनतेरस क्यों मनाते है?
धनत्रयोदशी से दीपावली पर्व का प्रारंभ हो जाता है। ऐसी मान्यता है कि समुद्र मंथन के उपरांत धनत्रयोदशी के दिन ही भगवान धन्वंतरि अपने हाथों में अमृत-कलश लिए प्रकट हुए थे। धन्वंतरि भगवान विष्णु के अंशांश अवतार और आयुर्वेद के जनक कहे जाते हैं।
धनतेरस कब और कैसे मनाएं?

हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने में कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाने वाला यह त्यौहार आमतौर पर अक्टूबर के मध्य से नवंबर के बीच पड़ता है। इस वर्ष धनतेरस 2024 मंगलवार, 29 अक्टूबर को है।
Sunrise | October 29, 06:34 AM. |
Sunset | October 29, 05:46 PM. |
Trayodashi Tithi Timing | October 29, 10:32 AM – October 30, 01:16 PM |
Pradosh Kaal Timing | October 29, 05:46 PM – 08:20 PM |
धनतेरस की लक्ष्मी पूजा करने का मुहूर्त प्रदोष काल के दौरान है, जो सूर्यास्त के बाद शुरू होता है। प्रदोष काल शाम 05:46 बजे शुरू होगा और रात 08:20 बजे समाप्त होगा और त्रयोदशी तिथि का समय 29 अक्टूबर को सुबह 10:32 बजे शुरू होगा और 30 अक्टूबर को दोपहर 01:16 बजे समाप्त होगा।
धनतेरस के दिन प्रात:काल
धनतेरस के दिन प्रातःकाल स्नान आदि से निवृत होकर भगवान धन्वंतरि का पूजन करें। धनतेरस का पर्वधन्वंतरि के जन्मोत्सव के रूप में भी मनाया जाता है। इस दिन लोग भगवान धन्वंतरि की पूजा करते हैं और अच्छे स्वास्थ्य तथा रोगों से मुक्ति की कामना करते हैं।
भगवान धन्वंतरि हिन्दू धर्म में आयुर्वेद के देवता और स्वास्थ्य के संरक्षक माने जाते हैं। उन्हें चिकित्सा और औषधि के जनक के रूप में पूजा जाता है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, भगवान धन्वंतरि समुद्र मंथन के दौरान अमृत कलश के साथ प्रकट हुए थे। यह माना जाता है कि उन्होंने देवताओं को अमृत पिलाकर उन्हें अमरत्व प्रदान किया। और
धनत्रयोदशी के दिन मध्याह्न काल
भगवान धन्वंतरि की पूजा के उपरांत अपराह्न (दोपहर) में नवीन वस्तुओं का क्रय करें। मान्यता है कि धनतेरस के दिन कोई धातु खरीदने से घर में सुख-समृद्धि आती है। आप चांदी, सोना, बर्तन या इलेक्ट्रॉनिक्स आदि खरीद सकते हैं।
धनतेरस के दिन सायंकाल/ प्रदोष काल
धनत्रयोदशी के दिन सायंकाल घर के मुख्य द्वार के बाहर गोबर का लेपन करें तत्पश्चात् मिट्टी के दो दीयों में तेल डालकर प्रज्ज्वलित करें। इसे ‘यम-दीपदान’ कहा जाता है। दीये प्रज्ज्वलित करते समय ‘दीपज्योति नमोस्तुते’ मंत्र का जाप करते रहे एवं अपना मुख दक्षिण दिशा की ओर रखें। इसे शुभ माना जाता है और यह नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है। साथ ही पूजन कक्ष में लक्ष्मी जी की पूजा करे।
Dhanteras festival dates between 2024 to 2030
Year | Date |
---|---|
2024 | Tuesday, 29th of October |
2025 | Saturday, 18th of October |
2026 | Friday, 6th of November |
2027 | Wednesday, 27th of October |
2028 | Sunday, 15th of October |
2029 | Saturday, 3rd of November |
You Might Also Like: