Dindori (M.P): History & Tourist Places in Hindi
डिंडौरी या डिण्डौरी भारत के मध्य प्रदेश राज्य का एक नगर है यह जिले का मुख्यालय भी है। ज़िले की स्थापना 25 मई 1998 को की गई थी।
Dindori: History, Facts & Tourist Places | Wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 7,470 वर्ग किमी |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | लक्ष्मण मांडव, कुकरामठ, कलचुरी काली मंदिर लोकप्रिय आध्यात्मिक केन्द्र, कान्हा राष्ट्रीय पार्क, बांधवगढ़ राष्ट्रीय पार्क, घुंघुआ राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क और दगोना झरना आदि। |
सम्बंधित लेख | मध्य प्रदेश के प्रमुख दर्शनीय स्थल |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
महाकौशल क्षेत्र में नर्मदा नदी के तट पर डिंडोरी जिला बसा हुआ है। पूर्वी मध्य प्रदेश में सतपुड़ा श्रृंखला में स्थित डिंडोरी 7427 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला है। जबलपुर, मांडला, शहडोल और उमरिया जिलों से घिरे इस जिले में ऐतिहासिक और धार्मिक दृष्टि से महत्वपूर्ण अनेक स्थल देखे जा सकते हैं। लक्ष्मण मांडव, कुकरामठ, कलचुरी काली मंदिर यहां के लोकप्रिय आध्यात्मिक केन्द्र हैं।
जिले के नजदीक ही कान्हा राष्ट्रीय पार्क, बांधवगढ़ राष्ट्रीय पार्क, घुंघुआ राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क और दगोना झरना प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। डिंडोरी जिले को 25 मई 1998 को मांडला जिले से अलग करके गठित किया गया था। प्राचीन काल में यहां लोधी और गोंड वंश का शासन था और इसे गोंडवाना क्षेत्र के रूप में जाना जाता था।
डिंडोरी के प्रमुख दर्शनीय स्थल (Best Places To visit in Dindori)
लक्ष्मण मांडवा- यह लोकप्रिय तीर्थस्थल डिंडोरी मुख्यालय से 7 किमी. की दूरी पर है। माना जाता है कि भगवान राम और लक्ष्मण अपने वनवास के दौरान यहां ठहरे थे। यहां हमेशा लोगों को आना-जाना लगा रहता है।
कलचुरी काली मंदिर- यह प्राचीन मंदिर डिंडोरी मुख्यालय से 15 किमी. पूर्व में है। इस मंदिर के बारे में कहा जाता है कि इसका निर्माण एक रात में हुआ था। इस मंदिर के निकट ही भगवान शिव का एक मंदिर स्थित है, जो वास्तुकारी के दृष्टि से अद्वितीय है।
दगोना झरना- बुदना नदी पर बना यह झरना डिंडोरी से 85 किमी. की दूरी पर है। दगोना शब्द का अर्थ एक छलांग में नदी को पार करना होता है। झरने के नजदीक ही बुदी भाई का मंदिर देखा जा सकता है।
मालवा- मेहदवानी के निकट स्थित यह गांव डिंडोरी से 24 किमी. दूर है। रानी वघेलिन की मूर्ति यहां का मुख्य आकर्षण है। शाहपुरा का पार्श्वनाथ मंदिर भी इसके निकट स्थित लोकप्रिय दर्शनीय स्थल है।
घुंघुवा राष्ट्रीय जीवाश्म पार्क- यह पार्क भारत की नहीं बल्कि एशिया के दुर्लभ वृक्ष जीवाश्म पार्को में प्रमुख है। 75 एकड़ भूमि में फैला यह पार्क डिंडोरी से 70 किमी. उत्तर पूर्व दिशा में है। पार्क में अनेक दुर्लभ पत्तियों और वृक्षों के जीवाश्म देखे जा सकते हैं।
कान्हा राष्ट्रीय पार्क- एशिया के बेहतरीन राष्ट्रीय पार्को में शुमार कान्हा राष्ट्रीय पार्क मध्य प्रदेश के मांडला, बालाघाट, कावर्धा और डिंडोरी जिलों में फैला हुआ है। 1945 वर्ग किमी. में फैला यह पार्क जबलपुर से 165 किमी. दूर है। सतपुड़ा की मैकाल पहाड़ियों में स्थित इस स्थान को 1933 में अभ्यारण्य, 1955 में राष्ट्रीय पार्क और 1975 में टाईगर रिजर्व घोषित किया गया था।
जीव जंतुओं से समृद्ध इस पार्क में टाईगर, बिसन, गौर, सांभर, चीतल, बारहसिंहा, बार्किंग डीयर, काला हिरन, तेंदुए आदि जानवर देखे जा सकते हैं। दलदली हिरन की अंतिम प्रजाति भी यहां देखी जा सकती है। इसके अलावा लगभग 200 पक्षियों का विभिन्न प्रजातियां भी यहां पाई जाती हैं।
डिंडोरी कैंसे पहुंचे (How To Reach Dindori)
वायु मार्ग- जबलपुर डिंडोरी का नजदीकी एयरपोर्ट जो यहां से करीब 144 किमी. की दूरी पर है। देश के अनेक शहरों से यह एयरपोर्ट नियमित फ्लाइटों के माध्यम से जुड़ा है।
रेल मार्ग- पाली और शहडोल यहां के करीबी रेलवे स्टेशन है। यह रेलवे स्टेशन डिंडोरी को मध्य प्रदेश और पड़ोसी राज्यों के कई शहरों से जोड़ता है।
सड़क मार्ग- डिंडोरी शाहपुरा, उमरिया, बालाघाट, मांडला, जबलपुर आदि शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा है। मध्य प्रदेश के अनेक शहरों से राज्य परिवहन निगम की बसें चलती हैं।
कहां ठहरें- डिंडोरी में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। इसके निकटतम एयरपोर्ट जबलपुर में ठहरने के लिए होटलों की समुचित व्यवस्था है।