Diwali Pujan: दिवाली शुभ मुहूर्त और पूजन विधि
Diwali Pujan: दिवाली, जिसे दीपावली के नाम से भी जाना जाता है, भारत का सबसे महत्वपूर्ण और प्रमुख त्योहार है। यह पर्व अच्छाई की बुराई पर विजय, अंधकार पर प्रकाश की जीत, और जीवन में सुख, समृद्धि और शांति का प्रतीक है।
दिवाली के अवसर पर माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की विशेष पूजा-अर्चना की जाती है। इस लेख में हम आपको दिवाली पूजन की विधि के बारे में विस्तार से जानकारी देंगे, ताकि आप सही तरीके से इस शुभ दिन का लाभ उठा सकें।
दिवाली 2024 का शुभ मुहूर्त कब है?
दिवाली कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की अमावस्या तिथि को मनाया जाता है। इस वर्ष अमावस्या तिथि का प्रारम्भ 31 अक्टूबर 2024 दोपहर 03:52 बजे से 01 नवम्बर 2024 को शाम 06:17 बजे तक है। दिवाली पूजन प्रदोष काल में करना उत्तम रहता है। सूर्यास्त के बाद के तीन मुहूर्त तक प्रदोष काल कहलाता है। इस वर्ष अमावस्या तिथि (31 अक्टूबर और 1 नवंबर) दोनों ही तारीख को प्रदोष काल पड़ रहा है। इसलिए दिवाली मनाने को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है। (और पढ़े: दिवाली से जुड़ी रोचक जानकारी
दिवाली 31 अक्टूबर को है या 1 नवंबर को?
लेखक का मत: हिंदू धर्म में पर्व उदित तिथि अनुसार निर्धारित होता है। 1 नवंबर को सूर्योदय के समय अमावस्या तिथि है। इसलिए दिवाली का पर्व 1 नवम्बर को प्रदोष काल के दौरान मनाया जाना चाहिए। 1 नवंबर को सूर्यास्त 5.32 में होगा। अर्थात 5.32 से 6.17 मिनट तक दिवाली पूजन किया जा सकता है।
लेकिन मीडिया द्वारा 31 अक्टूबर को दिवाली मनाने की सलाह दी जा रही है। इस मत से मुहूर्त 31 अक्टूबर 2024 को शाम 5 बजे से रात्रि 10 बजकर 30 मिनट तक है। अब क्या ही कहे, ऐसे लोगों के बारे में। जिन्हें ज्योतिष का “ज” नहीं पता वो ज्ञान दे रहे है। तथाकथित विद्वानों ने 31 तारीख को दिवाली सिद्ध कर दिया है। सरकारी छुट्टी भी 31 को घोषित हो चुका है। अब निर्णय आपका है, आप सत्य का साथ देते है या भेड़ चाल का।
दिवाली पूजन का महत्व (Importance of Diwali Puja)
दिवाली पूजन का मुख्य उद्देश्य माता लक्ष्मी का आह्वान करना है, जो धन, समृद्धि और सुख-शांति की देवी मानी जाती हैं। इसके साथ ही भगवान गणेश की भी पूजा की जाती है, जो विघ्नहर्ता और शुभकामनाओं के देवता माने जाते हैं। मान्यता है कि दिवाली के दिन विधिपूर्वक पूजन करने से घर में सुख, समृद्धि और धन का आगमन होता है।
दिवाली पूजन के लिए आवश्यक सामग्री (Essential Items for Diwali Puja)
दिवाली पूजन के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
- मूर्ति/चित्र: भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की प्रतिमा या चित्र।
- दीपक: घी के दीपक, तेल के दीपक।
- फूल: विशेष रूप से कमल (लक्ष्मी प्रिय), गुलाब, गेंदे इत्यादि पुष्प।
- धूप, अगरबत्ती: पूजन के दौरान वातावरण को शुद्ध और पवित्र रखने के लिए।
- चंदन और रोली: तिलक और पूजा सामग्री के लिए।
- कपूर: आरती के लिए।
- पंचामृत: दूध, दही, घी, शहद, और शक्कर से बना पंचामृत।
- चावल (अक्षत): पूजा के दौरान देवी-देवताओं को अर्पित करने के लिए।
- नैवेद्य (प्रसाद): मिठाई, फल, और अन्य भोजन।
- सुपारी, पान के पत्ते: पूजन की समाप्ति पर अर्पित करने के लिए।
- सिक्के या नोट: धन की देवी लक्ष्मी के समक्ष अर्पित करने के लिए।
सरल दिवाली पूजन विधि (Step-by Step Guide to Diwali Puja)
Diwali Pujan Vidhi: दिवाली का पर्व विशेष रूप से माँ लक्ष्मी और भगवान गणेश की पूजा के लिए मनाया जाता है। लक्ष्मी पूजन विधि सरल होती है और इसे सच्चे मन और श्रद्धा के साथ करना महत्वपूर्ण होता है। यहाँ दिवाली पूजन की सरल विधि दी जा रही है..
1. पूजा की तैयारी (Preparation for the Puja)
- सबसे पहले, पूजा स्थल को अच्छी तरह से साफ करें और गंगाजल का छिड़काव कर पवित्र करें।
- पूजा स्थल पर भगवान गणेश और माता लक्ष्मी की मूर्ति या चित्र रखें।
- पूजन थाली में सभी आवश्यक सामग्री जैसे चावल, फूल, दीपक, धूप, अगरबत्ती आदि सजा लें।
- घर के मुख्य द्वार पर दीपक जलाएं और रंगोली बनाएं। यह समृद्धि के स्वागत के प्रतीक माने जाते हैं।
2. घी का दीपक जलाना (Lighting the Ghee Lamp)
दिवाली पूजन की शुरुआत घी का दीपक जलाने से होती है। इसे घर के पूजा स्थान पर रखा जाता है। दीपक जलाने से घर में सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है और नकारात्मकता दूर होती है।
शुभम करोति कल्याणं,
आरोग्यं धन संपदाम्,
शत्रु बुद्धि विनाशाय,
दीपं ज्योति नमोस्तुते।।
3. गणेश पूजन (Worship of Lord Ganesha)
- सबसे पहले भगवान गणेश का आवाहन करें, क्योंकि वे हर शुभ कार्य की शुरुआत में पूजे जाते हैं।
गजाननं भूत गणादि सेवितं,
कपित्थ जम्बू फल चारू भक्षणम् ।
उमासुतं शोक विनाशकारकम्
नमामि विघ्नेश्वर पाद पंकजम् ॥
- भगवान गणेश को स्नान कराएं (यदि मूर्ति हो) या उनकी प्रतिमा पर गंगाजल का छिड़काव करें।
- गणेश जी को चंदन, रोली, फूल, और अक्षत अर्पित करें।
- इसके बाद गणेश जी को नैवेद्य अर्पित करें जिसमें मिठाई और फल शामिल होते हैं।
4. लक्ष्मी पूजन (Worship of Goddess Lakshmi)
- भगवान गणेश के बाद माता लक्ष्मी का पूजन करें। लक्ष्मी पूजन के लिए एक साफ चौकी पर लक्ष्मी माता की मूर्ति या चित्र रखें।
- अब माता लक्ष्मी का आव्हान करें। आवाहन के लिए हाथ में पुष्प, अक्षत लेकर निम्न मंत्र का उच्चारण करें।
हिरण्यवर्णां हरिणीं सुवर्णरजतस्रजाम् ।
चन्द्रां हिरण्मयीं लक्ष्मीं जातवेदो मम् आवह.।।
- माता लक्ष्मी को स्नान कराएं या गंगाजल छिड़कें।
- उन्हें चंदन, रोली, हल्दी, अक्षत, और फूल अर्पित करें।
- लक्ष्मी माता के सामने सिक्के और धन रखें, क्योंकि यह समृद्धि का प्रतीक है।
- लक्ष्मी माता को नैवेद्य अर्पित करें और दीपक जलाएं।
5. कुबेर पूजन (Worship of Lord Kubera)
धन के देवता कुबेर की भी दिवाली के दिन पूजा की जाती है। उन्हें विशेष रूप से धन का प्रतीक मानते हुए पूजन किया जाता है। कुबेर पूजन से घर में आर्थिक स्थिरता और समृद्धि बनी रहती है। (और पढ़े; कुबेर देव का रहस्य
ॐ यक्षाय कुबेराय वैश्रवणाय धनधान्याधिपतये,
धनधान्यसमृद्धिं मे देहि दापय स्वाहा॥
6. आरती करें (Performing the Aarti)
पूजन के बाद गणेश जी, लक्ष्मी माता की आरती करें। आरती के समय कपूर जलाएं और आरती की थाली को परिक्रमा करवाएं। आरती के बाद सभी सदस्य आरती का प्रसाद ग्रहण करें। (और पढ़े; लक्ष्मी माता आरती
7. तिजोरी पूजन (Safe Puja)
पूजन के दौरान या बाद में अपने घर की तिजोरी और धन रखने के स्थान की पूजा करें। तिजोरी के अंदर लक्ष्मी माता का चित्र या सिक्का रखें और उन पर हल्दी, चावल और फूल अर्पित करें। इससे तिजोरी में धन का आगमन होता है।
दिवाली पूजन के समय ध्यान देने योग्य बातें (Important Considerations During Diwali Puja)
- पूजन का समय: दिवाली पूजन का सबसे शुभ समय प्रदोष काल (संध्या समय) माना जाता है, जो सूर्यास्त के बाद लगभग 1.5 घंटे तक होता है।
- पूजा का स्थान: पूजा हमेशा उत्तर या पूर्व दिशा में मुख करके करनी चाहिए। पूजा स्थल को साफ और पवित्र रखना आवश्यक है।
- श्रद्धा और भक्ति: पूजा करते समय मन को शांत और एकाग्रचित्त रखें। श्रद्धा और विश्वास के साथ माता लक्ष्मी और भगवान गणेश की आराधना करें।
- दीपक जलाना: पूजा के समय घी और तेल के दीपक जलाने से सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। दीपक को पूरे घर में रखें ताकि हर कोना प्रकाशित हो सके।
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टिप्पणी: दिवाली पूजन एक महत्वपूर्ण धार्मिक अनुष्ठान है, जो घर में समृद्धि और खुशहाली लाने का प्रतीक है। इसे सही तरीके से और विधि पूर्वक करने से न केवल घर का वातावरण पवित्र होता है, बल्कि परिवार में सुख-शांति और आर्थिक समृद्धि भी आती है। आप ऊपर बताए गए चरणों अथवा PDF में दिए गए निर्देशों का का पालन करके दिवाली पूजन संपन्न कर सकते हैं और इस पवित्र पर्व का आनंद ले सकते हैं।
दिवाली की शुभकामनाएं! 🙏