दुर्गा सप्तशती : Durga Saptashati Book Review & PDF [Hindi]
Durga Saptashat: दुर्गा सप्तशती हिंदू धर्म में एक महत्वपूर्ण ग्रंथ है, जो देवी दुर्गा की स्तुति में लिखा गया है। यह ग्रंथ न केवल धार्मिक महत्व रखता है, बल्कि इसमें जीवन के विभिन्न पहलुओं के बारे में गहन ज्ञान भी निहित है।
दुर्गा सप्तशती क्या है? | Whast is Durga Saptashati
दुर्गा सप्तशती, जिसे “चण्डी पाठ” के नाम से भी जाना जाता है, ‘मार्कण्डेय पुराण’ का एक हिस्सा है और इसमें कुल 700 श्लोक हैं। ‘सप्तशती’ का शाब्दिक अर्थ है ‘सात सौ’ और इसी कारण इसे दुर्गा सप्तशती कहा जाता है। इस ग्रंथ में मुख्य रूप से देवी दुर्गा के तीन रूपों—महाकाली, महालक्ष्मी, और महासरस्वती—का विस्तार से वर्णन किया गया है और उनके द्वारा असुरों का संहार किया गया है।
बीज दुर्गा सप्तशती (Beej Durga Saptashati)
यह दुर्गा सप्तशती के संक्षिप्त और अत्यधिक शक्तिशाली रूप में माना जाता है। जो प्राचीन समय से गोपनीय रूप से तांत्रिकों द्वारा प्रयोग में लाता जय रहा है। बीज मंत्र साधारण मंत्रों से अलग होते हैं, क्योंकि इनमें कुछ विशेष ध्वनियाँ या शब्द होते हैं जो गहन आध्यात्मिक शक्ति को जागृत करते हैं।
दुर्गा बीज सप्तशती में इन बीज मंत्रों का प्रयोग किया जाता है ताकि साधक को देवी की कृपा और ऊर्जा अधिक तीव्रता से प्राप्त हो सके। हमने बीज दुर्गा सप्तशती की पाठ विधि पर अलग से लेख लिखा है। जिसमें बीज सप्तशती के साथ पाठ विधि भी दी है।
दुर्गा सप्तशती का महत्व (importance of Durga Saptashati)
importance of Durga Saptashati: दुर्गा सप्तशती को हिन्दू धर्म में अत्यधिक पवित्र माना जाता है। नवरात्रि के दौरान विशेष रूप से इस ग्रंथ का पाठ किया जाता है। इसे शक्तिपूजा और देवी की कृपा प्राप्त करने का साधन माना जाता है। कहा जाता है कि इसके पाठ से मनोकामनाएँ पूर्ण होती हैं, भय का नाश होता है, और व्यक्ति को आध्यात्मिक शांति प्राप्त होती है।
दुर्गा सप्तशती में भगवती की कृपा के सुन्दर इतिहास के साथ ही बड़े-बड़े गूढ़ साधन रहस्य भरे हैं। राजा सुरथसे महर्षि मेधाने कहा था- ‘तामुपैहि महाराज शरणं परमेश्वरीम्। आराधिता सैव नृणां भोगस्वर्गापवर्गदा ॥महाराज! आप उन्हीं भगवती परमेश्वरीकी शरण ग्रहण कीजिये। वे आराधनासे प्रसन्न होकर मनुष्यों को भोग, स्वर्ग और अपुनरावर्ती मोक्ष प्रदान करती हैं।’
Durga Saptashati Book PDF Free Download in Hindi
दुर्गा सप्तशती पर अनेक विद्वानों और प्रकाशकों ने अपनी-अपनी व्याख्याएं प्रस्तुत की हैं। हम यहां अपने ज्ञान के आधार पर सर्वश्रेष्ठ पुस्तकों का परिचय दे रहे है। साथ ही उसका ऑनलाइन खरीदारी और डाउनलोड लिंक उपलब्ध करवा रहे है।
दुर्गा सप्तशती (Code- 118) गीता प्रेस, गोरखपुर [PDF]
गीता प्रेस द्वारा प्रकाशित दुर्गा सप्तशती (कोड 118) अपने सुंदर प्रस्तुति और उच्च गुणवत्ता के कारण प्रसिद्ध है। इस पुस्तक में चंडी पाठ करने की प्रामाणिक विधि, कवच, अर्गला, कीलक, वैदिक, तान्त्रिक रात्रिसूक्त, देव्यथर्वशीर्ष, नवार्ण विधि, मूलपाठ, दुर्गाष्टोत्तर शतनाम स्तोत्र, श्रीदुर्गामानस पूजा, तीनों रहस्य, क्षमा-प्रार्थना सिद्धि कुञ्जिका स्तोत्र, पाठके विभिन्न प्रयोग तथा आरती दी गयी है।
दुर्गाचना पद्धति, शिव दत्त मिश्र शर्मा [PDF]
पंडित श्री शिवदत्त मिश्रा जी शास्त्री द्वारा संपादित ‘दुर्गार्चन-पद्धति’ नामक ग्रंथ में पंचांग पूजन, दुर्गा षोडशोपचार पूजन एवं पीठ पूजन से लेकर उत्तरपूजन, हवनांत-तिलक आशीर्वाद पर्यंत के सभी विषय तो समाविष्ट हैं, साथ ही दुर्गा सप्तशती, सच्चंडी-सहस्रचंडी प्रयोग, हवन विधान एवं अनुष्ठान विधान आदि विषय भी दे देने से यह ग्रंथ बहुत ही उपयोगी हो गया है।
दुर्गा सप्तशती पर आधारित अन्य पुस्तक [PDF]
Durga Saptashati | Publisher: Sampurnanad Sanskrit Vishvidhyaly, Varanasi Language: Sanskrit with Hindi Commentry Writer: Girjesh Kumar Dixit Page: 918 | Download |
Durga Saptashati | Publisher: Geeta Press Language: Sanskrit Code: 117 Page | Download |
Durga Saptashati | Publisher: Khemraj Prakahan Writer: Pt Rameshwar Bhatt Language: Sanskrit to Hindi Page: 211 | Download |
Subodha Durga Saptashati Evam Yagya Vidhanam | Publisher: venketshwar Prees Writer: Pt Ramesh Chandra Sharma Language: Sanskrit to Hindi: Page: 576 | Download |
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