Faridkot (Punjab): History & Places to Visit in Hindi
फरीदकोट (Faridkot) भारत के पंजाब राज्य में स्थित एक शहर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी हैं। शहर का नाम स्वयं फ़रीदुद्दीन गंजशकर पर रखा गया था, जो एक सूफ़ी संत थे।
Faridkot History & Tourist Places in Hindi
राज्य | पंजाब |
क्षेत्रफल | 1,472 वर्ग किमी. |
भाषा | पंजाबी, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | किला मुबारक, गुरूद्वारा गुदड़ी साहिब, गुरू की ढाब गुरुद्वारा, राजमहल आर्ट गैलरी आदि। |
कब जाएं | नवम्बर से मार्च। |
सिखों का प्रसिद्ध तीर्थस्थल फरीदकोट पंजाब का एक छोटा सा शहर है। यह जिला उत्तर-पश्चिम में फिरोजपुर, दक्षिण-पश्चिम में मुक्तसर, दक्षिण में भटिंडा और पूर्व में मोगा जिले से घिरा हुआ है। माना जाता है कि फरीदकोट की स्थापना 12वीं शताब्दी में राजा मोकाल्सी ने करवाया था।
इस नगर को पहले ‘मोखलपुर’ के नाम से जाना जाता था। इस शहर का नाम प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फरीद के नाम पर पड़ा। एक बार प्रसिद्ध सूफी संत बाबा फरीद यहां से गुजर रहे थे तो राजा मोकाल्सी के सैनिकों ने उनको बंदी बना लिया। उस समय वहां एक किले का निर्माण कार्य चल रहा था।
सैनिकों ने बाबा फरीद से भी मजदूरी करवाई। कुछ समय के बाद राजा को अपनी गलती का अहसास हुआ और राजा ने बाबा फरीद के चरण छूकर अपनी गलती के लिए उनसे माफी मांगी थी। उल्लेखनीय है कि बाबा फरीद के विचार सिखों के प्रसिद्ध ग्रंथ गुरु ग्रंथ साहिब में अंकित है। (और पढ़ें: सिख धर्म से जुड़े सवाल जवाब
फरीदकोट के पर्यटन स्थल (Best Places to visit in Faridkot)
Faridkot Tourist Places: फरीदकोट में कई पर्यटन स्थल जैसे किला मुबारक, दरबार गंज, गुरूद्वारा गुरू की ढाब, विक्टोरिया क्लॉक टॉवर आदि विशेष रूप से प्रसिद्ध है।
1. किला मुबारक (Qilla Mubarak)
इस किले की वास्तुकला काफी आकर्षक एवं प्रभावशाली है। माना जाता है कि इसकी नींव राजा मोकलसी द्वारा 1732 ई में रखी थी, राका हमीर सिंह ने इसका जीर्णोद्धार कराया और इसे आगे बढ़ाया।
राजा बलबीर सिंह ने कई नए भवनों का निर्माण करवाया। किले की चार दीवारों के भीतर एक बगीचा है। सभी इमारतें बहुत अच्छी तरह से निर्मित और अच्छी तरह से सुसज्जित हैं।
2. गुदड़ी साहिब गुरुद्वारा (Gurudwara Shri Godri Sahib)
यह गुरूद्वारा फरीदकोट-कोटकपुर मार्ग पर स्थित है। ऐसा माना जाता है कि जब बाबा शेख फरीद ने फरीदकोट में प्रवेश किया था तो उन्होंने अपनी गुदड़ी (जैकेट) उतार दी थी। प्रत्येक गुरूवार को इस गुरूद्वारे में काफी संख्या में लोग आते हैं।
3. गुरू की ढाब गुरुद्वारा (Guru Ki Dhab Gurdwara)
माना जाता है कि सिखों के दसवें गुरू श्री गुरू गोविन्द सिंह यहां घूमने के लिए आए थे। पहले इस जगह को ढोढा ताल के नाम से जाना जाता था। यह स्थान कोट कपूर से 12 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। और पढ़ें
4. राजमहल (Rajmahal)
इस खूबसूरत महल का निर्माण 1885 ई. में किया गया था। इस महल का इस्तेमाल फरीदकोट राज्य का शाही परिवार अपने आवास के रूप में किया करता था। यह महल फ्रैंच शैली में बना हुआ है। यह महल 14 एकड़ की भूमि में फैला हुआ है। वर्तमान समय में इस महल को शाही परिवार के वंशज अपने निजी आवास के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं।
5. आर्ट गैलरी (Art museum)
यह आर्ट गैलरी फरवरी 1992 ई. के दौरान बनाई गई थी। एक करोड़ की लागत से बनी यह आर्ट गैलरी 12 एकड़ भूमि में फैली हुई है। इस परिसर में एम्यूजमेंट पार्क, जिला पुस्तकालय, ओडिटोरियम (दर्शक दीर्घा), ओपन एयर थियेटर, सौर ऊर्जा पार्क और वनस्पतिक बगीचा आदि स्थित है।
वर्तमान समय में यह आर्ट गैलरी डिपोर्टमेंट ऑफ कल्चरल अफेयर, पंजाब के अधीन है। इसके अलावा इस आर्ट गैलरी में कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक वस्तुओं को भी प्रदर्शित किया गया है।
6. फेरी कॉटेज (Fairy cottage Faridkot)
यह खूबसूरत झोपड़ी फरीदकोट से 7 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस कॉटेज को महाराजा बिजेन्द्र सिंह ने 1910-11 ई. में बनवाया था।
7. विक्टोरिया क्लॉक टॉवर (Victoria Clock Tower, Faridkot)
फ्रैंच आकार में बना विक्टोरिया क्लॉक टॉवर का निर्माण 1900 ई. में किया गया था। इस क्लॉक टॉवर का निर्माण इंग्लैंड की महारानी विक्टोरिया की याद में करवाया गया था। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम विक्टोरिया क्लॉक टॉवर रखा गया है।
इस टॉवर के चारों ओर स्थित स्वीस घड़ियां इस टॉवर की खूबसूरती को और अधिक बढ़ाती है। इन घड़ियों में से आने वाली आवाज को अधिक दूरी से भी सुना जा सकता है।
8. गुरूद्वारा गंगसर, जेतू (Gurdwara Gangsar Sahib)
श्री गुरू गोविन्द सिंह 1704 ई. के दौरान यहां घूमने के लिए आए थे। इसी स्थान पर सितम्बर 1923 ई. में अकालियों ने ब्रिटिश सरकार के विरूद्ध आन्दोलन शुरू किया था। 21 फरवरी 1924 ई. को पुलिस ने 22 सिख समर्थकों को मार दिया था। इसके अलावा यहां एक अन्य ऐतिहासिक स्थल है जिसे गुरूद्वारा अग्निथा साहिब के नाम से जाना जाता है।
9. गुरूद्वारा टीला बाबा फरीद (Gurudwara Tilla Baba Farid, Faridkot)
गुरुद्वारा टिल्ला बाबा फरीद एक लोकप्रिय पर्यटन स्थल है। ऐसा माना जाता है कि सूफी संत बाबा फरीद ने इस जगह पर 40 दिनों तक ध्यान साधना की थी। इस गुरुद्वारे में गरीबों को भोजन दिया जाता है और प्रत्येक गुरूवार को यहाँ बड़ी संख्या में भक्त सूफी संत की पूजा करने आते हैं।
10. पंचवटी (Panchavati)
पंचवटी का मैदान काफी खूबसूरत है। यहां पुराना शिव मंदिर, भगवान कृष्ण मंदिर, देवी मंदिर और राम मंदिर स्थित है। इसके परिसर में एक पुराना हनुमान मंदिर भी है। इसके अलावा एक गोशाला भी तैयार की गई है जहां गायों को देखभाल की जाती है।
11. गुरूद्वारा तिब्बी साहिब (Gurudwara Tibbi Sahib Road)
ऐसा कहा जाता है कि 15 अप्रैल 1706 ई. में श्री गुरू गोविन्द सिंह इस स्थान पर आए थे। जेतू गांव के समीप स्थित सेंड दूने में गुरू जी कुछ समय के लिए ठहरे थे। यहां पर गुरू जी अन्य सिखों के साथ मिलकर तीर चलाने का अभ्यास किया करते थे।
प्रत्येक वर्ष 10वीं फागुन के अवसर पर काफी संख्या में लोग यहां एकत्रित होते है। यहां लोग उन सिखों की याद में एकत्रित होते हैं जो जेतू मोर्चे के दौरान शहीद हो गए थे। इसे शहीदी जोर मेला कहा जाता है।
फरीदकोट कैंसे पहुंचे (How to Reach Faridkot)
वायु मार्ग: सबसे निकटतम एयरपोर्ट अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा है।
रेल मार्ग: फरीदकोट रेलमार्ग द्वारा कई महत्वपूर्ण शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: फरीदकोट सड़कमार्ग द्वारा कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।