देश के पहले CDS थे, जनरल बिपिन रावत
CDS Bipin Rawat Chopper Crash: देश के चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल (CDS) बिपिन रावत का हेलिकॉप्टर 8 दिसम्बर 2021 को तमिलनाडु में नीलगिरि जिले के कुन्नूर में दुर्घटनाग्रस्त हो गया। इस हेलीकॉप्टर में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) जनरल बिपिन रावत सहित उनकी पत्नी, डिफेंस असिस्टेंट, सुरक्षा कमांडोज और भारतीय वायुसेना के जवान मिलाकर कुल 14 लोग सवार थे। जिसमे से 13 लोगों की मौत हो गयी थी। जानें, पूरी खबर…
हेलिकॉप्टर हादसे में जनरल बिपिन रावत समेत 13 का निधन
8 दिसम्बर 2021 को, जनरल रावत, उनकी पत्नी और उनके निजी स्टाफ़ के अन्य सदस्यों समेत कुल 10 यात्री और चालक दल के 4 सदस्य भारतीय वायुसेना के मिल MI-17 हैलिकॉप्टर पर सवार थे, जो सुलुरु वायुसेना हवाई अड्डे से वेलिंगटन स्थित रक्षा सेवा स्टाफ़ कॉलेज जा रहा था। जहाँ जनरल रावत को व्याख्यान देना था।
स्थानीय समय अनुसार अपराह्न 12:10 बजे के आसपास, नीलगिरि जिले के कुन्नूर तालुके के बांदीशोला ग्राम पंचायत में स्थित एक निजी चाय बागान की आवासीय कॉलोनी के समीप दुर्घटनाग्रस्त हो गया।दुर्घटना का स्थान उस जगह से लगभग 10 किलोमीटर की दूरी पर था जहाँ हेलिकॉप्टर को उतरना था।
शवों का किया गया DNA टेस्ट (Identify of dead bodies)
चौपर के क्रैश होने के बाद उसमें आग लग गई थी, इसलिए कुछ मृतकों के शव बुरी तरह से जल गए थे, ऐसे में शवो की पहचान करने के लिए डीएनए टेस्ट किया गया।
दुर्घटना में जान गंवाने वालों की सूची:-
जनरल बिपिन रावत,
मधुलिका रावत (जनरल रावत की पत्नी),
ब्रिगेडियर एल. एस. लिद्दर,
लेफ्टिनेंट कर्नल हरजिंदर सिंह,
विंग कमांडर पी. एस. चौहान,
स्क्वॉड्रन लीडर के. सिंह,
जेडब्ल्यूओ दास,
जेडब्ल्यूओ प्रदीप ए.,
हवलदार सतपाल,
नायक गुरसेवक सिंह,
नायक जितेंद्र कुमार,
लांस नायक विवेक कुमार,
लांस नायक साइ तेजा।
हादसे में देवरिया के रहने वाले ग्रुप कैप्टन वरुण जिंदा बचे एकमात्र व्यक्ति है।
अंतिम संस्कार: शुक्रवार, 10 दिसम्बर को, जनरल रावत का अंतिम संस्कार हिन्दू रीतियों अनुसार एवं पूरे सैन्य सम्मान के साथ 17 तोपों की सलामी देते हुए, बरार चौक पर संपन्न हुआ। कोई पुत्र न होने के कारन दाह संस्कार की रस्म उनकी दो बेटियों कीर्तिका और तारिणी द्वारा पूर्ण की गयी। निधन के समय रावत की उम्र 63 वर्ष थी।
जानें, CDS बिपिन रावत की पत्नी के बारे में (Bipin Rawat Wife in Hindi)
बिपिन रावत की पत्नी मधुलिका रावत फिलहाल AWWA यानी आर्मी वाइव्स वेलफेयर एसोसिएशन की अध्यक्ष हैं. यह एसोसिएशन सेना के अधिकारियों/जवानों की पत्नियों, बच्चों और आश्रितों के कल्याण के लिए काम करने वाली नोडल संस्था है.
पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे हेलिकॉप्टर (Prithvi Singh Chauhan was flying the helicopter)
सीडीएस बिपिन रावत सहित 14 लोगों को लेकर जा रहे Mi-17V5 चौपर को विंग कमांडर पृथ्वी सिंह चौहान उड़ा रहे थे। वह 109 हेलिकॉप्टर यूनिट के कमांडिंग ऑफिसर हैं।
विपिन रावत जीवनी (Biography of Bipin Rawat in Hindi)
बिपिन लक्ष्मण सिंह रावत का जन्म 16 मार्च 1958 को पौड़ी गढ़वाल (उत्तराखण्ड) में हुआ। इनके पिता लक्ष्मण सिंह रावत पौड़ी गढ़वाल जिले के सैंजी गाँव से थे और लेफ्टिनेंट जनरल के पद से सेवानिवृत्त हुए। इनकी माता उत्तरकाशी जिले से थीं और उत्तरकाशी विधान सभा से विधायक रह चुके किशन सिंह परमार की पुत्री थीं।
रावत ने ग्यारहवीं गोरखा राइफल की पांचवी बटालियन से 1978 में अपने करियर की शुरुआत की थी। उन्होंने मद्रास विश्वविद्यालय से डिफेंस स्टडीज में एमफिल, प्रबंधन में डिप्लोमा और कम्प्यूटर स्टडीज में भी डिप्लोमा किया है। 2011 में, उन्हें सैन्य-मीडिया सामरिक अध्ययनों पर अनुसंधान के लिए चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा डॉक्टरेट ऑफ़ फिलॉसफी से सम्मानित किया गया।
रावत ने देहरादून में कैंबरीन हॉल स्कूल, शिमला में सेंट एडवर्ड स्कूल और भारतीय सैन्य अकादमी , देहरादून से शिक्षा ली, जहां उन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर ‘ दिया गया। वह फोर्ट लीवनवर्थ , यूएसए में डिफेंस सर्विसेज स्टाफ कॉलेज, वेलिंगटन और हायर कमांड कोर्स के स्नातक भी हैं।
विपिन रावत की शिक्षा (Education of Bipin Rawat)
- बिपिन रावत ने भारतीय सैन्य अकादमी से स्नातक उपाधि प्राप्त की है।
- आई एम ए देहरादून में इन्हें ‘सोर्ड ऑफ़ ऑनर’ से सम्मानित किया गया था।
- देवीअहिल्या विश्वविद्यालय से रक्षा एवं प्रबन्ध अध्ययन में एम फिल की डिग्री।
- मद्रास विश्वविद्यालय से स्ट्रैटेजिक और डिफेंस स्टडीज में भी एम फिल।
- 2011 में चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय से सैन्य मीडिया अध्ययन में पीएचडी।
सैन्य सेवाएं (military services)
- जनवरी 1979 में सेना में मिजोरम में प्रथम नियुक्ति पाई।
- नेफा इलाके में तैनाती के दौरान उन्होंने बटालियन की अगुवाई की।
- कांगो में संयुक्त राष्ट्र की पीसकीपिंग फोर्स की भी अगुवाई की।
- 01 सितंबर 2016 को सेना के उप-प्रमुख का पद संभाला।
- 31 दिसंबर 2016 को सेना प्रमुख का पद।