ज्यामिती (Geometry) का इतिहास
ज्यामिति क्या है? (What is Geometry in Hindi)
ज्यामिती को इंग्लिश में Geometry कहते है। ज्यामिती शब्द संस्कृत के ‘ज्या’ तथा ‘मिति’ से मिलकर बना है। ज्या का अर्थ भूमि और मिति का परिणाम होता है। अतः जिस शास्त्र द्वारा भूमि के परिणाम, रेखा, कोण आदि का अध्यन किया जाता है उसे ज्यामिती कहते है। इसका एक अन्य नाम रेखा गणित भी है।
ज्यामिती का इतिहास (History of Geometry in hindi)
ज्यामिती गणित की एक शाखा है। जिसका प्रयोग भारत में प्राचीन समय से किया जाता रहा है। हिन्दू के प्राचीन धार्मिक ग्रंथ वेदो पुराणो में ज्यामिती के श्लोक मिलते है। ज्यामिती की प्रथम पुस्तक ‘शुल्व सूत्र’ भारत के बोधायन ने ईसा से लगभग 800 पूर्व लिखी थी। इसमे यज्ञवेदियों और पूजा स्थल आदि बनाने की विधि ज्यामिती द्वारा समझाई गयी थी। इससे पता चलता है, कि भारतीय ने ज्यामिती का आविष्कार इमारत निर्माण और देवी देवता के पूजन के उदेश्य से किया था। ज्यामिती भारत से होता हुआ मिश्र देश पहुंचा, ओर फिर धीरे धीरे विश्व भर में फैलता चला गया।
ज्यामिती को विज्ञान के रूप में विकसित करने का अलेक्जेंड्रिया के ‘यूक्लिड’ (Euclid) को जाता है, उन्होने ईसा से लगभग 300 वर्ष पूर्व ज्यामिती के सभी परिणामो को एकत्रित करके पुस्तक रूप में संकलित किया।
ज्यामिती मुख्य रूप से दो प्रकार मे बांटा जा सकता है-
- समतल ज्यामिति (Plane Geometry)
- ठोस ज्यामिती (Solid Geometry)
समतल ज्यामिति (Plane Geometry) में उन आकृति का अध्यन किया जाता है जिसमे लबाई और चौड़ाई होती है जबकी ठोस ज्यामिती (Solid Geometry) में उन आकर्ति का अध्यन किया जाता है जिसमे लंबाई चौड़ाई ओर मोटाई तीनों होते है।