गोपालदास नीरज, जीवनी
गोपालदास नीरज एक प्रसिद्ध भारतीय कवि और हिंदी साहित्य के लेखक थे। नीरज कवि सम्मेलन के प्रसिद्ध कवि भी थे, इन्हे 1991 में पद्म श्री और 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया था।
Gopaldas Neeraj was an famous Indian poet and author of Hindi literature. He was also a famous poet of Hindi Kavi Sammelan. He was awarded the padma shri in1991 and padma Bhusan in 2007.
Gopaldas Neeraj complete Information in Hindi
पूरा नाम | गोपालदास सक्सैना ‘नीरज’ |
जन्म | 4 जनवरी 1924, पुरावली, इटावा, उत्तरप्रदेश |
मृत्यु | 19 जुलाई, 2018, दिल्ली |
पिता | बाबू ब्रजकिशोर |
पत्नी | सावित्री देवी सक्सेना, मनोरमा शर्मा |
पुत्र | मिलन प्रभात गुंजन |
कर्म भूमि | भारत |
व्यवसाय | कवि, लेखक, गीतकार, |
मुख्य रचनाएँ | दर्द दिया है, प्राण गीत, दो गीत, नदी किनारे, आसावरी, गीत जो गाए नहीं, बादर बरस गयो, नीरज की गीतीकाएँ, नीरज की पाती, लहर पुकारे, बादलों से सलाम लेता हूँ, मुक्तकी, गीत-अगीत, विभावरी, संघर्ष, अंतरध्वनी, कुछ दोहे नीरज के |
शिक्षा | स्नातकोत्तर |
पुरस्कार-उपाधि | पद्म श्री, पद्म भूषण |
गोपाल दास सक्सेना (Gopaldas Neeraj biography in Hindi)
गोपाल दास सक्सेना “नीरज” का जन्म 4 जनवरी 1925 में उत्तर प्रदेश के इटावा जिले के पुरावली गाँव में हुआ था। नीरज जी के पिता का नाम बाबू ब्रज किशोर सक्सेना था।
प्रारम्भिक जीवन और शिक्षा (Early life and education)
मात्र 6 वर्ष की आयु में नीरज के सिर से पिता का साया उठ गया था। सन 1442 में हाई स्कूल की परीक्षा उतिर्ण करने के बाद इटावा के कचहरी और दिल्ली में सफाई विभाग में टाइपिस्ट के रूप में कार्य किया। उसके पश्चात कानपूर के डी ए वी कालेज में कलर्क के रूप में नोकरी की। नौकरी के साथ साथ प्राइवेट पढ़ाई भी करते रहे और 1951 में साहित्य में एम० ए० किया।
गोपाल दास नीरज मेरठ कॉलेज मेरठ में हिन्दी प्रवक्ता के रूप में कार्यस्त रहे। लेकिन कालेज द्वारा कक्षा न लेने का आरोप लगाने पर उन्होने त्याग पत्र दे दिया और अलीगढ़ के धर्म समाज कालेज में हिन्दी विभाग के प्राध्यापक नियुक्त किए गए।
काव्य क्षेत्र में योगदान (Contribution to poetry sector)
गोपाल दास नीरज बाल्यकाल से ही कविता के प्रति रुचि रखते थे। हाईस्कूल उतिर्ण करने के बाद ही उन्होने 1944 में उनकी प्रथम पुस्तक ‘संघर्स’ प्रकाशित हुयी। राष्ट्रकवि रामधारी सिंह दिनकर ने उन्हे हिन्दी की वीणा कहा था। नीरज पहले ऐसे व्यक्ति थे जिन्हें शिक्षा और साहित्य के क्षेत्र में भारत सरकार ने दो-दो बार सम्मानित किया, पहले पद्म श्री से, उसके बाद पद्म भूषण से।
गोपाल दासनीरज ने भारतीय सिनेमा के लिए भी गाने लिखे थे। सन 1969 चाँद और बिजली, 1971 पहचान और 1972 में मेरा नाम जोकर के लिए उन्हे सर्वश्रेष्ठ गीतकार केे फिल्म फेयर अवॉर्ड से पुरस्कृत किया गया
पुस्तकों की सूची (Lists of books)
- संघर्ष (1944)
- अन्तर्ध्वनि (1946)
- विभावरी (1948)
- प्राणगीत (1951)
- दर्द दिया है (1956)
- बादर बरस गयो (1957)
- मुक्तकी (1958)
- दो गीत (1958)
- नीरज की पाती (1958)
- गीत भी अगीत भी (1959)
- आसावरी (1963)
- नदी किनारे (1963)
- लहर पुकारे (1963)
- कारवाँ गुजर गया (1964)
- फिर दीप जलेगा (1970)
- तुम्हारे लिये (1972)
- नीरज की गीतिकाएँ (1987)
पुरस्कार एवं सम्मान (Awards and honers)
गोपालदास नीरज को कई पुरस्कार व सम्मान प्राप्त हुए, जिनका विवरण इस प्रकार है:
- विश्व उर्दू परिषद पुरस्कार
- भारत सरकार द्वारा सन 1991 में पद्म श्री एवं 2007 में पद्म भूषण से सम्मानित किया गया।
- यश भारती एवं एक लाख रुपये का पुरस्कार (1994), उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, लखनऊ
मृत्यु (Death)
गोपाल दास नीरज (Gopaldas Neeraj ) की मृत्यु 94 वर्ष की आयु में 19 जुलाई 2018 को दिल्ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में हुयी।
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नोट:- गोपाल दास नीरज के विवाह और संतान के विषय मे विवाद रहा है। ऐसा कहा जाता है कि उन्होंने 2 विवाह किया था।