Hanuman: हनुमान जी को चोला चढ़ाने की विधि और लाभ
Hanuman Chola: हनुमान जी शीघ्र प्रसन्न होने वाले भगवान है। हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए बहुत से तरीके है जिनमे से एक है चोला चढ़ाना। हनुमान जी को चोला चढ़ाने से समस्त मनोकामनाएं पूर्ण होती है। आइए जानते हैं हनुमानजी को चाला चढ़ाने के लाभ और सही विधि क्या हैं।
हनुमान जी को चोला क्यों चढ़ाया जाता है | Why do we offer the ‘chola’ of ‘sindoor’ to Hanuman Ji?

पौराणिक कथा अनुसार एक बार हनुमानजी ने त्रेतायुग में माता सीता को अपनी मांग में सिंदूर भरते देखा और उनसे इसका कारण पूछा। सीता ने हनुमान को बताया कि ये आपके प्रभु श्री राम की लंबी आयु के लिए है और इससे वे प्रसन्न भी होंगे। (और पढ़ें: रामायण के प्रमुख पात्रों का परिचय
हनुमान ने सोचा कि चुटकी भर सिंदूर से प्रभु श्रीराम इतने प्रसन्न होते हैं तो मैं अपने पूरे शरीर पर इसे लगाऊँगा तो प्रभु हमेशा प्रसन्न रहेंगे। यह विचार मन में आते ही उन्होंने सिंदूर को पूरे शरीर पर लगाया।
जब भगवान राम ने उन्हें देखा, वे मुस्कराकर बोले, “हनुमान ये क्या किया?” प्रभु, हनुमान ने कहा कि यह आपकी लंबी आयु के लिए है। भगवान राम ने उनकी ऐसी भक्ति देखकर कहा कि आज से जो भी तुम्हें सिंदूर चढ़ाएगा, उसके सारे कष्ट दूर होंगे और उस भक्त पर मेरी भी सदा कृपा रहेगी।
हनुमान चोला सामग्री (Hanuman Chola Kit)
Hanuman Chola Kit: हनुमान जी वाला सिंदूर, गाय का घी या चमेली का तेल , कुंकुम और चावल (तिलक करने के लिए), एक गुलाब की माला, शुद्ध ताजा पानी गंगाजल मिला हुआ (स्न्नान कराने के लिए), माली पन्ना (चमकीला कागज होता है), धुप व् दीप।
हनुमान को चोला चढ़ाने की विधि (How to Offering offering Chola to Hanuman)
Method of offering Chola: मंगलवार का दिन हनुमानजी को समर्पित हैं। इस दिन हनुमान जी को यदि चोला चढ़ाया जाए तो वह बहुत प्रसन्न होते हैं। इसके अलावा शनिवार को भी चोला चढ़ाया जा सकता है।
हनुमान जी को चोला सिर्फ उसी मूर्ति पर चढ़ाया जाता है जो सिंदूरी रंग की हो इसलिये सबसे पहले ऐसा मंदिर देखे जिसमे सिंदूरी रंग की मूर्ति स्थापित हो। मंदिर में पहुँचने पर हनुमान जी को प्रणाम करें। अगर हनुमान जी की मूर्ति पर पहले से कोई चोला चढ़ा हुआ हो तो उसे उतारे फिर स्नान कराये।
इसके बाद सिंदूर को गाय के घी या चमेली के तेल में घोले मूर्ति के साइज अनुसार । घोल तैयार होने पर हनुमान के पैर से सिंदूर लगाना शुरू करे “ॐ हं हनुमते नमः” मन्त्र का जाप करते हुए इसी प्रकार ऊपर बढ़ते हुए पूरी मूर्ति पर सिंदूर लगाये। सिंदूर लगने के बाद मूर्ति पर माली पन्ना चिपकाये पैर और हाथों पर, फिर धुप दीप जलाये कुंकुम चावल से तिलक करें, गुलाब की माला पहनाये ये सब कार्य पूर्ण होने पर 11 बार हनुमान चालीसा का पाठ करे, पाठ पूर्ण होने पर हनुमान से जो प्राथना करनी है करे और आज्ञा लेकर घर आ जाये इस प्रकार विधि विधान से चोला चढ़ाने की विधि पूर्ण होती है ।
1.स्त्री चोला नही चढ़ा सकती और ना ही चोला चढ़ाते टाइम कोई भी स्त्री हनुमान को देख सकती है इसलिए कोई भी स्त्री वहा ना हो। इस बात का विशेष ध्यान रखे ।
2.सिंदूर हमेशा सवा के हिसाब से लाये जैसे सवा पाव ,सवा किलो।
3. हनुमान जी को चोला चढ़ाते समय लाल या पीले रंग के वस्त्र धारण करे।
4.जिस पर शनिदेव जी की दशा चल रही हो ढैया या साढ़े सती उनके लिए चोला चढ़ाना अत्यंत लाभकारी है ।
5.पुराना जो चोला उतारते है उसे पानी में प्रवाहित करदे।
6.संकट या रोग दोष दूर करने के लिए चोला शनिवार को चढ़ाये और घर की सुख शांति के लिए मंगलवार को चढ़ाये।
7. मूर्ति पर सिंदूर लगाते समय हमारी स्वास मूर्ति पर ना लगे इसके लिए मुख पर कोई कपड़ा रख ले।
हनुमानजी को चोला चढ़ाने से लाभ (Benefits of Offering Chola to Hanuman ji)
Hanumanji Chola Benefits: मान्यता है कि मंगलवार को हनुमान जी को चोला चढ़ाने से हर मनोकामना पूर्ण होती है साथ ही मंगल ग्रह के अशुभ प्रभाव कम होते है। जो हनुमान जी की उपासना करता है बुरी शक्तियां उसके आसपास भी नहीं भटकती। हनुमान जी अपने सच्चे भक्तों की हर पीड़ा दूर कर देते हैं।
मंगलवार के दिन व्रत रखकर सिंदूर से हनुमानजी की पूजा करने से कुंडली में उपस्थित मंगल दोष भी दूर होता है। शनिवार के दिन हनुमानजी को चोला चढ़ाने या सिंदूर अर्पित करने से शनि ग्रह अशुभ प्रभाव नही देते है।