हरदोई (Hardoi)
हरदोई (Hardoi) उत्तर प्रदेश राज्य का एक प्रमुख जिला है। यह जिला शाहजहांपुर और लखीमपुर-खीरी जिले के उत्तर, लखनऊ और उन्नाव जिले के दक्षिण, कानपुर और फरुखाबाद जिले के पश्चिम और सीतापुर जिला के पूर्व से घिरा हुआ है
हरदोई: भक्त प्रह्लाद की नगरी
राज्य | उत्तर प्रदेश |
क्षेत्रफल | 5947 वर्ग किलोमीटर |
ऊंचाई | समुद्र तल से 500 |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
पर्यटन स्थल | संडी पक्षी अभ्यारण, बालामऊ, माधोगंज, पिहानी, संडीला और बेहता गोकुल आदि। |
समय | अक्टूबर से फरवरी |
हरदोई का इतिहास और पौराणिक कथा (History and Mythological Story of Hardoi)
स्थानीय लोगों का मानना है कि पहले इस जगह को ‘हरिद्रोही’ के नाम से जाना जाता था। हिन्दी में जिसका अर्थ ‘ईश्वर का विरोधी’ होता है। पौराणिक कथा के अनुसार, पूर्व समय में यहां पर राजा हिरणकश्यप का शासन था। राजा की भगवान के प्रति बिल्कुल भी आस्था नहीं थी। लेकिन वह स्वयं को भगवान मानता था।
वह चाहता था कि सब लोग उसकी पूजा करें, मगर स्वयं राजा का पुत्र प्रह्लाद ने उनका विरोध किया। जिस कारण हिरणकश्यप अपने पुत्र को कई बार मारने की कोशिश की। लेकिन वह सफल नहीं हो पाया। बाद में प्रह्लाद को बचाने के लिए स्वयं भगवान ने नरसिंह का अवतार लिया और हिरण्यकश्यप का वध किया।
एक अन्य कथा के अनुसार, हरदोई की उत्पत्ति हरिद्रव्य से हुई है। जिसका अर्थ दो भगवान होता है। यह दो भगवान, बामन भगवान और नरसिम्हा भगवान है जिन्हें हरिद्रव्य कहा जाता है। जिसके पश्चात् इस जगह का नाम हरदोई पड़ा। ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। और पढें: भगवान विष्णु के दशावतार
इस जिले में मुगल और अफगान शासकों के बीच कई युद्ध हुए है। बिलग्राम और सांदी शहर के मध्य हुए युद्ध में हुमायू को शेरशाह सूरी ने हराया था। जिसके बाद, फरवरी 1856 ई. में हरदोई उध का हिस्सा बन गया। इसका जिला मुख्यालय हरदोई शहर है।
हरदोई के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places to visit in Hardoi)
संडी पक्षी अभ्यारण, बालामऊ, माधोगंज, पिहानी, संडीला और बेहता गोकुल आदि यहां के दर्शनीय स्थलों में से है।
1. संडी बर्ड सैंक्चुरी (Sandi Bird Sanctuary)
हरदोई जिला स्थित संडी पक्षी अभ्यारण की स्थापना 1990 ई. में हुई थी। यह अभ्यारण लखनऊ से लगभग 150 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह अभ्यारण लगभग तीन किलोमीटर के क्षेत्र में फैला हुआ है। यहां पक्षियों की अनेक प्रजातियां देखी जा सकती है। यहां घूमने के लिए सबसे उचित समय दिसम्बर से फरवरी है।
2. बालामऊ (Balamau)
बालामऊ, हरदोई जिला के प्राचीन शहरों में से है। माना जाता है कि इस शहर की स्थापना अकबर काल के अन्तिम समय में बामी मिरमी ने की थी। वर्तमान समय में इस जगह को बामी खेरा ने नाम से जाना जाता है। यह शहर जिला मुख्यालय के दक्षिण की ओर तथा सांदिला के उत्तर-पूर्व से लगभग 20 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। शहर के समीप ही सीतापुर जिला है जो निमीसरायना के लिए प्रसिद्ध है। यह जगह धार्मिक स्थल के रूप में जानी जाती है।
3. माधोगंज (Madhoganj)
राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित माधोगंज, हरदोई जिले का एक प्राचीन शहर है। यह शहर ऐतिहासिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण माना जाता है। इस शहर की स्थापना स्वतंत्रता सेनानी श्री नरपति सिंह ने की थी। इन्होंने देश को स्वतंत्रता दिलाने में अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया था।
यहां स्थित रुइया गढ़ी किला, जो कि वर्तमान में नष्ट हो चुका है, भारतीय स्वतंत्रता संग्राम के ऐतिहासिक क्षणों का गवाह रहा है। वर्तमान समय में यह किला पुरातात्विक विभाग, उत्तर-प्रदेश की देख-रेख में है। माधोगंज हरदोई के दक्षिण से लगभग 34 किलोमीटर, कानपुर से 75 किलोमीटर और लखनऊ से 90 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
4. पिहानी (Pihani)
हरदोई जिला स्थित पिहानी एक ऐतिहासिक जगह है। यह जगह हरदोई, जिला मुख्यालय के उत्तर-पूर्व से 27 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यह जगह का नाम पर्शियन शब्द पिनहानी से लिया गया है। जिसका अर्थ होता रहने की जगह।
माना जाता है कि पूर्व समय में यह स्थान सघन जंगलों से घिरा हुआ था। शेर शाह ने हुमायू के साथ हुए युद्ध में उनसे बचने के लिए यह जगह पर शरण ली थी। सदारजहां, अकबर शासक के मंत्री का पिहानी से नजदीकी सम्बन्ध रहा है। उनका मकबरा और चित्रकला यहां के प्रमुख आकर्षण केन्द्रों में से हैं।
5. संडीला (Sandila)
संडीला हरदोई जिला का एक खूबसूरत शहर है। यह शहर हरदोई के दक्षिण से लगभग 50 किलोमीटर और लखनऊ के उत्तर-पश्चिम से 55 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इस जगह की स्थापना ऋषि शाण्डलिय ने की थी। उन्हीं के नाम पर इस जगह का नाम रखा गया है।
कई प्राचीन इमारतें, मस्जिद और बाराखम्भा आदि इस शहर का प्रमुख आकर्षण है। इसके अलावा, हत्याहरण यहां का प्रमुख धार्मिक स्थल है।
6. बेहता गोकुल (Behta Gokul)
हरदोई जिला स्थित यह एक छोटा सा गांव है। यह गांव हरदोई के उत्तर से 16 किलोमीटर और शाहबाद के दक्षिण से 17 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है।
हरदोई कैसे पहुंचे औऱ कहा ठहरे (How to Reach and Where to Stay in Hardoi)
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा लखनऊ स्थित अमौसी राष्ट्रीय एयरपोर्ट है।
रेल मार्ग: यहां सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन हरदोई जंक्शन है। यह जगह भारत के कई प्रमुख शहरों जैसे मुरादाबाद, बरेली और लखनऊ आदि कई प्रमुख शहरों से जुड़ी है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख शहरों से हरदोई सड़कमार्ग द्वारा पहुंचा जा सकता है।
कहां ठहरें: हरदोई में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। इसलिए यहां आने वाले पर्यटक इसके नजदीकी शहर लखनऊ में ठहरते हैं।
विभिन्न शहरों से दूरी: लखनऊ 110 किलोमीटर, कानपुर: 140 किलोमीटर, नई दिल्ली 394 किलोमीटर।