Haryana Tourism: हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थल
हरियाणा (Hariyana) उत्तर भारत का एक राज्य है जिसकी राजधानी चण्डीगढ़ है। इसकी सीमायें उत्तर में पंजाब और हिमाचल प्रदेश, दक्षिण एवं पश्चिम में राजस्थान से जुड़ी हुई हैं। हरियाणा धार्मिक और ऐतिहासिक घटना की दृष्टि से एक समृध्द राज्य है।
हमने हरियाणा के प्रमुख पर्यटन स्थल को 2 भागों में विभाजित किया है-
- आधुनिक पर्यटन स्थल
- जिलेवार पर्यटन स्थल
हरियाणा के आधुनिक पर्यटन स्थल (Modern Tourist Places of Haryana)
ऐतिहासिक विरासत तथा धार्मिक स्थानों के कारण हरियाणा पर्यटन की दृष्टि से एक महत्त्वपूर्ण राज्य है। हरियाणा राज्य में धार्मिक स्थलों, प्राचीन स्मारकों, किले, महल, संग्रहालय आदि के रूप में कई सांस्कृतिक धरोहरे विद्यमान है।
पिंजौर का यादवेन्द्र उद्यान (Yadavindra Gardens, Pinjore)
यादवेन्द्र उद्यान अम्बाला से लगभग 70 किमी की दूरी पर पिंजौर में चण्डीगढ़-शिमला राजमार्ग पर स्थित है। यह 17 वीं शताब्दी में वास्तुकार नवाब फिदाई खान द्वारा अपने पालक भाई औरंगजेब (1658-1707) के प्रारंभिक शासन के दौरान बनाया गया था।
हाल के दिनों में, इसे महाराजा यादविन्द्र सिंह की याद में ‘यादविन्द्र गार्डन’ नाम दिया गया है। यह उद्यान चार तलों में विभाजित है। प्रथम तल पर शीशमहल, द्वितीय पर रंगमहल, तृतीय पर गुलदस्ता तथा चतुर्थ पर जलमहल है।
तिलियार पर्यटन स्थल (Tilyar Lake)
तिल्यार झील (Tilyar Lake) भारत के हरियाणा राज्य के रोहतक ज़िले में स्थित एक झील है। यह लगभग 123 एकड़ में फैला हुआ है। झील का पानी शैवालों के कारण हरा दिखता है। यहाँ मल्टीमीडिया लेजर शो भी आयोजित किया जाता है।
काला अम्ब (Kala Amb)
काला अम्ब पार्क (Kala Amb Park) पानीपत से 5 किमी दूर सनौली रोड पर स्थित है। इसे पर्यटन विभाग द्वारा उन मराठों की याद में बनवाया गया था जिन्होंने 1761 में अहमद शाह दब्दाली के साथ पानीपत की तीसरी लड़ाई लड़ी थी।
सुल्तानपुर पक्षी विहार (Sultanpur National Park)
सुल्तानपुर राष्ट्रीय उद्यान (Sultanpur National Park) भारत में गुरुग्राम, हरियाणा से 15 किमी और दिल्ली से 50 किमी दूर यह गुरुग्राम-फर्रूखनगर राजमार्ग पर सुल्तानपुर गांव में स्थित है। यह लगभग 142.52 हेक्टेयर क्षेत्र में फैला हैं। यहाँ अक्टूबर से फरवरी के मध्य असंख्य प्रवासी पक्षी आते हैं। इस पक्षी विहार स्थल की खोज पीटर जैक्सन नामक पक्षी प्रेमी ने की थी।
सोहना (Sohna)
सोहना, दिल्ली-अलवर मार्ग पर अरावली पर्वत की खूबसूरत पहाड़ियों के मध्य स्थित है। यह स्थान कुदरती गर्म पानी के कुण्ड के लिए विख्यात है। सोहना में पर्यटन के पाँच आकर्षक गंतव्य मौजूद हैं-
दमदमा झील- दमदामा झील सोहना से 8 किमी दूर स्थित एक सुन्दर पर्यटक स्थल है। यहाँ बोटिंग, जोरबिंग तथा अन्य एडवेंचर गतिविधियों की सुविधा मिलती है।
सूरजकुण्ड- यह दिल्ली से लगभग 20 किमी दूर स्थित है। यहाँ पर मयूर झील स्थित है। इस कुण्ड का निर्माण तोमर वंश के राजा सूरजमल ने किया था। इसकी आकृति सूर्य के उदय जैसी होती है।
कैक्टस गार्डन- यह हरियाणा के पंचकुला जिले में स्थित है तथा यहाँ एशिया का सबसे बड़ा कैक्टस गार्डन है। यहाँ 3,500 विलक्षण प्रजातियों के कैक्टस हैं।
डबचिक- यह दिल्ली-आगरा राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित प्रमुख पर्यटन केन्द्र है। हरियाणा पर्यटन विभाग ने 14 अगस्त 1975 को डबचिक केंद्र की नींव रखी थी। 23 एकड़ में फैला डबचिक पर्यटन केंद्र किसी समय पर्यटकों के लिए आकर्षण का केंद्र हैं।
अरावली का गोल्फ मैदान- यह फरीदाबाद जिले में स्थित है। इसका डिजाइन अमेरिका के स्टीफन गोल्फ मैदान की भाँति बनाया गया है।
मोरनी हिल्स- यह अम्बाला जिले में शिवालिक गिरिमाला की गोद में स्थित पर्यटक स्थल है। यह भीड़-भाड़ से बचने व प्राकृतिक सौन्दर्य के पिपासु पर्यटकों के लिए एक आदर्श पर्यटन स्थल है।
जिलेवार पर्यटन स्थल (District Wise Tourist Places)
कुरुक्षेत्र (Kurukshetra)
कुरुक्षेत्र (Kurukshetra) भारत के पवित्र स्थानों में से एक है। यही महाभारत का युद्ध हुआ था। यहाँ कौरवों और पाण्डवों का एक मन्दिर है। यहाँ काली के मन्दिर में नरबलि में उल्लासित होती देवी की प्रतिमा है। निकट ही ज्योतिसर है, जहाँ कृष्ण ने गीता का प्रेरणात्मक उपदेश दिया था।
प्रमुख आकर्षण- ब्रह्मसरोवर, सन्निहित सरोवर, शक्तिपीठ श्री भद्रकाली मन्दिर, ज्योतिसर (श्रीमद्भागवतगीता उपदेश स्थली) पिहोवा, श्री स्थानेश्वर महादेव मन्दिर, बिड़ला मंदिर, हर्ष का टीला, शेख चेहेली का मकबरा आदि प्रमुख है।
रोहतक (Rohtak)
रोहतक (Rohtak) भारत के हरियाणा राज्य के रोहतक ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। इसका सम्बन्ध महाभारत में उल्लिखित ‘रोहितका’ से जोड़ा जाता है। यहाँ प्राप्त पुरातत्त्वीय वस्तुओं की खोज से सिन्धु घाटी के अवशेषों का पता चलता है। और पढें: महाभारत के प्रमुख पात्र
झज्जर (Jhajjar)
जन श्रुति के अनुसार, छाजू नाम के व्यक्ति द्वारा छाजूनगर की स्थापना की थी। जो नाम बिगड़कर बाद में झज्जर हो गया। इसकी व्युत्पत्ति झरनाघर (प्राकृतिक झरना) से भी बताई जाती है।
भिंडावास पक्षी अभ्यारण- भिंडावास पक्षी अभ्यारण झज्जर से 15 कि॰मी॰ की दूरी पर है। यह अभ्यारण लगभग 1074 एकड़ क्षेत्र में फैला हुआ है। इस अभ्यारण में 250 से अधिक प्रजातियों के पक्षियों को देखा जा सकता है। इन पक्षियों में स्थानीय और प्रवासी दोनों होते हैं।
भीमेश्वरी देवी मन्दिर- झज्जर के बेरी गांव में पर्यटक भीमेश्वरी देवी मन्दिर के दर्शन के लिए जा सकते हैं। यह मन्दिर महाभारत काल का है। नवरात्रि में यहां पर मेले का आयोजन भी किया जाता है।
बुआ का गुम्बद- इसका निर्माण मुस्तफा कलोल की बेटी बुआ ने कराया था। उन्होंने इसका निर्माण अपने प्रेमी की याद में कराया था। गुम्बद के पास ही एक तालाब का निर्माण भी किया गया है।
संग्रहालय- यह हरियाणा का सबसे बड़ा संग्रहालय है। इसका निर्माण 1959 ई. में किया गया था। संग्रहालय के निर्देशक स्वामी ओमानंद सरस्वती ने पूरे विश्व से वस्तुएं एकत्र करके संग्रहित की हैं।
गुरुग्राम (Gurugram)
गुरुग्राम (Gurugram) राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली से सटा हुआ है। दिल्ली के निकट होने के कारण यह उन्नतशील शहर के रूप में विकसित हो गया है। चण्डीगढ़ और मुम्बई के बाद यह भारत का तीसरा सबसे ज्यादा प्रति व्यक्ति आय (Per capita income) वाला नगर है। और पढ़ें: दिल्ली के प्रमुख पर्यटन स्थल
महाभारत अनुसार ‘द्रोणाचार्य’ ने यहाँ कौरवों और पाण्डवों को शिक्षा प्रदान की थी, इसलिए इसका नाम गुरुग्राम पड़ा। इसी स्थान पर गुरु द्रोणाचार्य ने महान गुरु भक्त एकलव्य से उसका अंगूठा मांगा था।
प्रमुख आकर्षण- गुरुग्राम न केवल एक आईटी हब है बल्कि यहां नेचर लवर्स के लिए बर्ड सेंचुरी, आर्ट प्रेमियों के लिए म्यूजियम और एग्जीबिशन हॉल, पार्टी लवर्स के लिए पब्स और क्लब्स और एडवेंचर लवर्स के लिए स्पोर्ट्स से जुड़ी कई एक्टिविटीज मौजूद हैं।
साइबर हब- शाम के वक्त तो यहां का नजार बेहद शानदार होता है। यहां जमने वाली महफिल के लिए पूरे दिल्ली-एनसीआर में प्रसिद्ध है।यहां विदेश में घूमने जैसी फीलिंग आती है।
हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम- गुड़गांव में हेरिटेज ट्रांसपोर्ट म्यूजियम में दुर्लभ और पुरानी बसों, कारों, ट्रेनों और अन्य ऑटोमोबाइल का प्रभावशाली कलेक्शन है। यहां की एंट्री फीस व्यस्क और 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चे के लिए 400 रुपए और 12 साल से कम उम्र के बच्चे के लिए 200 रुपए है। ये म्यूजियम सोमवार को बंद रहता है।
दमदाम झील- सोहना से 8 किमी दूर स्थित है और इसकी प्राकृतिक सुंदरता के बारे में पता है। मछली पकड़ने के पर्यटक शौकीन के लिए यह सुखद जगह है।
किंगडम ऑफ ड्रीम्स- देश में अपने पहले तरह के लाइव मनोरंजन की शुरुआत सेक्टर -29, गुरुग्राम में, किंगडम ऑफ ड्रीम्स में स्थापित की गई है। मनोरंजन केंद्र का उद्घाटन 29 जनवरी, 2010 को हरियाणा के मुख्यमंत्री ने किया था।
पानीपत (Panipat)
पानीपत का प्राचीन नाम ‘पाण्डुप्रस्थ’ था। यह पाण्डवों द्वारा कौरवों से माँगे गए पाँच नगरों में से एक था। आधुनिक युग में यहाँ पर तीन इतिहास प्रसिद्ध युद्ध हुए है, जिसे पानीपत का युद्ध नाम से जाना जाता है।
प्रथम युद्ध में, सन् 1526 में बाबर ने भारत की तत्कालीन शाही सेना को हराया था। द्वितीय युद्ध में, सन् 1556 में अकबर ने उसी स्थल पर अफगान आदिलशाह के जनरल हेमू को परास्त किया था। तीसरे युद्ध में, सन् 1761 में, अहमदशाह दुर्रानी ने मराठों को हराया था।
प्रमुख आकर्षण- यहाँ पर पानीपत संग्रहालय, काबुली बाग मस्जिद, काला अम्ब पार्क, इब्राहीम लोदी कब्र, सालर कुंज गेट प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं।
रेवाड़ी (Rewari)
प्राचीन भारत में महाभारत काल के दौरान, रेवत नामक एक राजा था जिसकी पुत्री का नाम रेवती था। उसे सब रेवा कहकर बुलाते थे और उसके नाम पर एक शहर ‘रेवा वाडी’ नामक एक शहर की स्थापना की थी।
जब रेवा ने श्री कृष्ण के बड़े भाई बलराम जी से शादी की, तब राजा ने अपनी बेटी को ‘रेवा वाडी’ दान दिया। समय के दौरान, ‘रेवा वाडी’ का नाम रेवाड़ी बन गया। जन अनुश्रुति के अनुसार, इसकी स्थापना 1000 ई. में पृथ्वीराज चौहान के भतीजे राजा कदमपाल द्वारा की गई थी।
प्रमुख आकर्षण- रेवाड़ी में पर्यटन के आकर्षण केंद्र में हेरिटेज स्टीम लोकोमोटिव संग्रहालय, बाग वाला तालाब, बडा तालाब, राव तुलाराम मेमोरियल, भगवती आश्रम प्रमुख है।
करनाल (Karnal)
महाभारतकालीन कर्ण द्वारा स्थापना के समय इसका नाम करनाल पड़ा। 1573 ई. में अकबर के विरुद्ध अपने विद्रोह के दौरान इब्राहिम मिर्जा ने यहाँ लूटमार की थी। 1739 ई. में यहाँ नादिरशाह ने मुहम्मद शाह को हराया था। 1805 ई. में अंग्रेजों ने इसे अपने अधिकार में ले लिया।
प्रमुख आकर्षण: कर्ण जलाशय, सीता माई मन्दिर, कुंजपुरा, तरावड़ी, बास्थली, बरसालू, कलन्दर शाह गुम्बद, छावनी चर्च (कैण्टोनमेण्ट चर्च टॉवर) करनाल के प्रमुख स्थल है।
अम्बाला (Ambala)
अम्बाला नाम की उत्पत्ति शायद महाभारत की ‘अम्बालिका’ के नाम से हुई होगी। अम्बाला की स्थापना 14वीं सदी में अम्बा राजपूत द्वारा की गई थी। 1823 ई. में यह ब्रिटिश सरकार के नियन्त्रण में आ गया। 1843 ई. में यहाँ छावनी की स्थापना की गई थी।
प्रमुख आकर्षण- भारत के वैज्ञानिक उपकरणों का लगभग चालीस प्रतिशत उत्पादन अम्बाला में ही होता है। अंबाला शहर में प्रसिद्ध अम्बिका देवी मंदिर स्थित है। जोकि अंबाला शहर बैस स्टैंड से मात्र दो किलोमीटर की दूरी पर है ।
हरियाणा की प्रमुख मस्जिदें (Famous Mosque of Hariyana)
शीशे वाली मस्जिद- रोहतक की प्रसिद्ध इस मस्जिद का प्रवेश द्वार संगमरमर से बना है। यह सम्पूर्ण रूप से कलात्मक एवं मनोहारी है।
लाल मस्जिद- भिवानी में अवस्थित इस मस्जिद को वर्ष 1939 में एक व्यापारी आशिक अली ने बनवाया था। इसका प्रवेश द्वार तराशे हुए लाल पत्थर से बना है।
सराय अलीवर्दी की मस्जिद- गुरुग्राम के सराय अलीवर्दी गाँव में स्थित इस मस्जिद का निर्माण अलाउद्दीन खिलजी के काल में हुआ था।
काजी की मस्जिद-रोहतक से 22 किमी दूर झज्जर मार्ग पर दुजाना गाँव में अवस्थित है। इस मस्जिद का निर्माण काजीजी नामक एक काजी ने करवाया था।
रेवाड़ी की लाल मस्जिद- यह रेवाड़ी की पुरानी कचहरी के समीप अवस्थित है। इसका निर्माण 1570 ई. के आस-पास अकबर के शासनकाल में हुआ