हस्त रेखा द्वारा रोग निर्णय | Medical Palmistry
हस्तरेखा द्वारा रोग निर्णय (Madical Palmistry Hindi)
हस्त रेखा द्वारा रोग निर्णय, यदि समय रहते रोग को पहचान लिया जाए तो हम जल्द खोए स्वास्थ्य को पुनः प्राप्त कर सकते है और यदि कोई वर्षो पहले हमे बता दे, हम इस रोग का शिकार हो सकते है। तो काफी हद तक बचाव भी किया जा सकता है।
हृदय रोग (Heart Disease)
अगर हृदय रेखा पर काला बिन्दु हो तो जातक को हृदय सम्बन्धी बीमारियां तथा मूर्च्छा रोग होता है। अगर हृदय रेखा पर द्वीप चिन्ह हों तो भी जातक हृदय रोगों का शिकार बनता है।
उदर रोग (Abdominal Disease)
- अगर चन्द्र क्षेत्र के ऊपर तारक चिन्ह युक्त जातक उदर रोग से पीड़ित रहता है।
- अगर हथेली कोमल हो, रेखाएं पीले रंग की हों, नाखून लाल रंग के तथा चिन्ह दार हों और स्वास्थ्य रेखा टूटी हुई हो तो जातक को आंतों से संबंधित रोग होता है।
रीढ़ का रोग (Spine Disease)
अगर शनि क्षेत्र के नीचे हृदय रेखा पर “द्वीप” का चिन्ह हो तो ऐसे व्यक्ति को रीढ़ से सम्बन्धित बीमारियां हो सकती है। ऐसे व्यक्ति को ज्यादा नर्म गद्दे में नही सोना चाहिए।
गुरदे का रोग (Kndeny Diaease)
किसी व्यक्ति के दोनों हाथों में हृदय रेखा टूटी हो तथा मंगल क्षेत्र पर मस्तक रेखा के ऊपर बिन्दु का चिन्ह हो तो प्रायः गुर्दा रोग होने की सम्भवना रहती है।
पानी अधिक पिए मगर कम-कम मात्रा में। ऐसे व्यक्ति को शराब से भी दूर रहना चाहिए।
वंशानुगत रोग (Genetic Disorder)
अगर जीवन रेखा पर द्वीप का चिन्ह उपस्थित हो तो व्यक्ति को वंशानुगत में रोग होता है।
इस प्रकार का लक्षण किसी के हाथ मे देखे तो उसके परिवार का हेल्थ बैकग्राउंड देखे। यदि किसी को मधुमेह, अस्थमा, हृदय घात, एलर्जी, डिप्रेशन आदि वंशानुगत रोग है तो जातक को सचेत कर दे।
श्वास रोग (Respiratory Disease)
अगर हथेली में चुतुष्कोण का आकार छोटा, दोषपूर्ण स्वास्थ्य-रेखा मस्तक रेखा से मिल गई हो तथा शुक्र क्षेत्र से एक रेखा निकल कर जीवन-रेखा को काटती हुई मंगल-क्षेत्रत पर पहुंच रही हो तो जातक को श्वास की समस्या होती है।
गठिया (Arthritis)
गठिया (Arthritis) हड्डीयो का रोग है, इसमे हड्डियों में भयंकर पीड़ा होती है।
- अगर जीवन-रेखा के अंत से एक शाखा निकलकर चन्द्र क्षेत्र पर चली गई हो तो जातक को गठिया रोग होता है।
- अगर स्वास्थ्य रेखा घिसी हुई-सी दिखलाई दे तो गठिया रोग होने की संभावना बनती है ।
पीलिया रोग (Jaundice Disease)
अगर स्वास्थ्य रेखा पर कहीं तारक चिन्ह और द्वीप दोनों हों तथा वह जगह एक भी हो तो जातक को पीलिया होता है।
लकवा रोग (Paralysis)
अगर शनि क्षेत्र पर तारक चिन्ह हो, हृदय रेखा अपर अनेक रेखाएं हों, हथेली की त्वचा गुदगुदी हो तथा नाखून चपटे हों तो पीलिया अथवा लकवा रोग होता है।
मस्तिष्क रोग (Brain Disease)
- अगर मस्तक-रेखा छोटी-छोटी रेखाएं हों और उस पर चिन्ह बन रहे हों तो जातक को मस्तक रोग होते हैं।
- यदि हृदय रेखा छोटी हो, अनुष्ठ पतला और छोटा हो तो मष्तिष्क कमजोर होता है।
- मस्तिष्क रेखा लहरदार हो, उसमें द्वीप, क्रॉस तिल का चिन्ह हो।
- अगर मस्तक रेखा पर अनेक दाँते दिखलायी देते हों तो जातक बहरेपन की बीमारी होती है।
त्वचा रोग (Skin Disease)
अगर करतल की त्वचा अत्यधिक कोमल हो तथा नख पतले हों तो जातक को त्वचा सम्बन्धी रोग होते हैं।
दन्त रोग (Dental Diseases)
अगर शनि क्षेत्र विकसित हो तथा उस पर अधिक रेखाएं हों, स्वास्थ्य रेखा एवं भाग्य रेखा लहरदार तथा अंगुलियों के द्वितीय पर्व लम्बे हों तो जातक को दांत रोग होता है।
यकृत (जिगर) रोग (Liver Problem)
हाथ के मूल से निकलकर बुद्ध क्षेत्र तक जाने वाली रेखा अगर खण्डित अथवा अशुभ चिन्हों से युक्त है तो जातक को जिगर रोग हो जाता है ।
मूत्राशय रोग (Bladder Disease)
अगर जीवन रेखा को काटने वाली रेखा चन्द्र क्षेत्र के निचले हिस्से में जाकर समाप्त हो और उस जगह “कास’ चिन्ह हो तो जातक को मूत्राशय सम्बन्धी रोग होता है।
रक्त विकार (Blood Related Problem)
अगर जीवन रेखा को काटने वाली कोई रखा मंगल क्षेत्र पर समाप्त हो और वहां जाल भी हो तो जातक को रक्त पित्त होते हैं।
यकृत रोग (Liger Disease)
अगर जीवन रेखा सुस्पष्ट हो व स्वास्थ्य रेखा लहरदार हो तो जातक को यकृत सम्बन्धी बीमारियां होती हैं।
अकाल मृत्यु (Premature Death)
जीवन रेखा मे तारे का चिन्ह आकस्मिक दुर्घटना का योग बनता है। ऐसे चिन्ह युक्त व्यक्ति व्यक्ति की अचानक मृत्यु होती है, चाहे वजह जो हो। महाकाल ही रक्षा कर सकते है।
स्त्री रोग (Female Disease)
- जिस स्थान पर स्वास्थ्य रेखा तथा मस्तक रेखा मिली हों, वहां अगर तारक हो तो वह स्त्री रोगों से ग्रस्त रहती है।
- अगर जीवन रेखा चन्द्र क्षेत्र के नीचे गई हो तो मासिक धर्म सम्बन्धी रोग होते हैं।
- स्त्री की हथेली की त्वचा कोमल हो, हाथ में जंजीर जैसी आकृति हो तो उसे “हिस्टीरिया” की बीमारी होती है।
- निम्न चन्द्र स्थल में आड़ी रेखा हो।
नोट:– रेखा निरीक्षण करते समय हाथ की बनावट, अन्य रेखाओं की स्थिति, रूप-रंग आदि सभी बातों पर विचार करने के बाद जो निष्कर्ष निकले, उसी के आधार पर फल कहे।