Skip to content

imvashi

  • Home
  • HindusimExpand
    • Vrat Tyohar
    • Devi Devta
    • 10 Mahavidya
    • Pauranik katha
  • TempleExpand
    • Jyotirlinga
    • ShaktiPeeth
  • AstrologyExpand
    • Jyotish
    • Face Reading
    • Shakun Apshakun
    • Dream
    • Astrologer
    • Free Astrology Class
  • BiogpraphyExpand
    • Freedom Fighter
    • Sikh Guru
  • TourismExpand
    • Uttar Pradesh
    • Delhi
    • Uttarakhand
    • Gujarat
    • Himachal Pradesh
    • Kerala
    • Bihar
    • Madhya Pradesh
    • Maharashtra
    • Manipur
    • Kerala
    • Karnataka
    • Nagaland
    • Odisha
  • Contact Us
Donate
imvashi
Donate

Hasta Nakshatra: हस्त नक्षत्र की सम्पूर्ण जानकारी

Byvashi Nakshatra
4.9/5 - (54162 votes)

Hasta Nakshatra: हस्त नक्षत्र 27 नक्षत्रों मे तेहरावा नक्षत्र है। राशिपथ में यह 180.00 से 173.20 अंशों के मध्य स्थित नक्षत्र है। इस नक्षत्र के चारों चरण कन्या राशि में आते हैं, जिसका स्वामी बुध है। हस्त नक्षत्र के देवता सूर्य एवं स्वामी ग्रह चंद्र है। इसके चरणाक्षर पू, ष, ण, ठ है।

हस्त का शाब्दिक अर्थ – हस्त मतलब होता है हाथ। यह नक्षत्र आशीर्वाद देते हुए हाथ का प्रतीक है। आकाश मे हस्त के पांच तारे 5 उंगलियों से बने आशीर्वाद मुद्रा से प्रतीत होता है।

हस्त नक्षत्र (पौराणिक मान्यता)

इसके देव सविता (सूर्य) है। सविता संस्कृत मे सवितृ है, सवितृ का अर्थ उत्पादक, फल देने वाला होता है। पुराणों के अनुसार सूर्य को अदिति और कश्यप पुत्र माना जाता है। ये सात घोड़े (1 गायत्री, 2 सम्वृहती, 3 उष्णिक, 4 जगति 5 विश्तुभ, 6 अनुष्टुभ 7 पंक्ति) के रथ पर आरुढ सारथि अरुण के साथ शुभाशुभ भ्रमण करते है।

विशेषताएँ

इस नक्षत्र में जन्मा जातक छोटा मुख, ऊँचे कंधे, कोमल हथेली, भूरे केश, तीव्र पाचन शक्ति, बड़ा पेट वाला होता है। ऐसे व्यक्ति पारावारिक मामलो मे दक्ष होता है। ये उद्यमी, परिश्रमी, उत्पादक, मनोरंजक, जादूगर तथा अच्छे अभिभाषक होते है।

हस्त नक्षत्र के कुछ प्रमुख उदाहरण निम्न है..

  • भगवान गणेश
  • रामभक्त हनुमान
  • विवेकानंद (आर्य समाज)
  • बिल क्लिंटन (अमेरीकी राष्ट्रपति)

हस्त नक्षत्र के दिन क्या करे क्या न करें?

अनुकूल कार्य: यह सब प्रकार की गतिविधि, कला, उद्योग, हास्यजनक क्रिया, बर्तन उद्यम, आभूषण, भाषाविज्ञान, आरोग्य रीति, जादू, हाथ की सफाई, बच्चो से व्यवहार, यात्रा, गृह परिवर्तन के अनुकूल है।

प्रतिकूल कार्य: यह लम्बी अवधि की योजना और उद्देश्य यौन क्रियाएं, अकर्मण्यता, विश्राम, वयस्कता प्रदर्शन, रात्रिकालिन कार्य के प्रतिकूल है।

वृत्ति या पेशा

इस नक्षत्र के जातक चित्रकार, प्रबंधक, मशीन मजदूर, ज्योतिषी, भविष्यवक्ता, वास्तुविद्, हास्य कलाकार, वाणिज्यिक, व्यापारी, लेखक, पाकेटमार, डिजाईनर, अन्वेषक इत्यादि कार्य अधिक करते देखें जाते है।


प्रस्तुत फल जन्म नक्षत्र के आधार पर है। कुंडली में ग्रह स्थिति अनुसार फल में अंतर संभव है। अतः किसी भी ठोस निर्णय में पहुंचने के लिए सम्पूर्ण कुंडली अध्यन आवश्यक है।

Related Posts

  • Mercury in Vedic Astrology: वैदिक ज्योतिष में ” बुध ग्रह” की भूमिका

  • Sun in Vedic Astrology: वैदिक ज्योतिष में “सूर्य ग्रह” की भूमिका

  • जानिए, पूजा घर में क्यों नहीं लगाई जाती हैं पूर्वजों की तस्वीर

  • Amavasya Upay: अमावस्या पर जरूर करें ये ज्योतिषीय उपाय

  • Navagraha Plants: नवग्रहों के पेड़-पौधे और उनके ज्योतिषीय उपाय

Post Tags: #Astrology#Hast Nakshatra#nakshatra

All Rights Reserved © By Imvashi.com

  • Home
  • Privacy Policy
  • Contact
Twitter Instagram Telegram YouTube
  • Home
  • Vrat Tyohar
  • Hinduism
    • Devi Devta
    • 10 Maha Vidhya
    • Hindu Manyata
    • Pauranik Katha
  • Temple
    • 12 Jyotirlinga
    • Shakti Peetha
  • Astrology
    • Astrologer
    • jyotish
    • Hast Rekha
    • Shakun Apshakun
    • Dream meaning (A To Z)
    • Free Astrology Class
  • Books PDF
    • Astrology
    • Karmkand
    • Tantra Mantra
  • Biography
    • Freedom Fighter
    • 10 Sikh Guru
  • Astrology Services
  • Travel
  • Free Course
  • Donate
Search