स्वास्थ्य रेखा (Health Line) | Palmistry
स्वास्थ्य रेखा (Health Line) का हस्तरेखा में महत्वपूर्ण स्थान है। इससे व्यक्ति के स्वास्थ्य के बारे में जानकारी मिलती है। इसे जिगर रेखा (Liver Line), बुध देखा (Mercury Line) आदि नामों से भी जाना जाता है।
स्वास्थ्य रेखा (The Line of Health)
जीवन की सार्थकता स्वास्थ्य पर विशेष होती है। प्राचीन कहावत भी है-
प्रथम सुख निरोगी काया, द्वितिय सुख घर में माया।
तृतिय सुख पुत्र आज्ञा कारी, अन्तिम सुख सुलक्षणी नारी ॥
अतः इस कहावत के अनुसार जो जीवन के कठोर सत्य पर निर्धारित है अगर हम मनन करें तो हमें सहज ही ज्ञात होगा कि शरीर का निरोग होना कितना आवश्यक है। क्योंकि अगर प्राणी स्वस्थ है तब ही वह जीवन को सुचारू रूप से व्यतीत कर सकता है अगर वह रोगी है तो हमेशा खीझता रहेगा और परेशान रहेगा।
आपका स्वास्थ्य आपके हाथ (Your Health in Your Hand)
मनुष्य अपने जीवन को स्वयं ही निर्माण करता है और इसलिये उसे उच्च कर्म करने चाहिये। बिना अच्छे कर्म किये वह कुछ नहीं कर सकेगा और हमेशा परेशान तथा निर्धन ही रहेगा। अतः प्राणी मात्र का धर्म है कि वह अपने स्वास्थ्य पर विशेष ध्यान दे और जहां तक हो सके अपने स्वास्थ्य को ठीक रखें।
स्वास्थ्य रेखा (Lines indicate about healt and diseases)
स्वास्थ्य रेखा से प्राणी अपने आगामी जीवन के स्वास्थ्य के विषय में काफी कुछ ज्ञात कर सकता है। यदि आगामी जीवन में स्वास्थ्य को खतरा है तो बुद्धिमानी तो यही होगी कि प्राणी आगामी जीवन के लिये तैयार हो जाये और आने वाली आपदाओं से अपनी रक्षा करने का प्रयास करे।
स्वास्थ्य रेखा के निकास के सम्बन्ध में अनेकों मतभेद हैं। इसके विषय में सबसे पहली बात तो यह है कि अनेकों प्राणियों के हाथ में स्वास्थ्य रेखा बिलकुल ही नहीं होती है। बहुत के हाथ में अस्पष्ट और बहुत के हाथ में गहरी लम्बी और स्पष्ट होती है।
वैसे तो देखा जाय तो स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा का माप है और यह अक्सर बदला करती है। जब मनुष्य रोग ग्रस्त होता है तो यह गहरी और भयानक होती है और जैसे-2 प्राणी निरोग होता जाता है वैसे-2 यह गायब होती जाती है। अब स्वाथ्य रेखा का उद्गम स्थल बताते है..
स्वास्थ्य रेखा का उद्गम स्थल (Health Line Location And Meaning Hindi)
Where is the health line located? भारतीय ज्योतिष के अनुसार स्वास्थ्य रेखा मणिबन्ध रेखा के ऊपर से प्रारम्भ होती है और बुध के स्थान की ओर अग्रसर होती है। सबसे अच्छा स्थान इसका तब है जब यह नीचे की ओर स्पष्ट हो और जीवन रेखा को बिलकुल भी न छुये।
जिन प्राणियों के हाथों में स्वास्थ्य रेखा विलकुल ही नहीं होती वह निरोग और बलिष्ट होते हैं। जिनके हाथ में स्पष्ट स्वास्थ्य रेखा होती हैं उसका प्रभाव होता है कि उनके शरीर में धीरे 2 रोज घर करने लगता है अत: इन्हें सचेत हो जाना चाहिए।
जिनके हाथ में यह स्वास्थ्य रेखा गहरी होती है वह भयानक रोग में फंस जाते हैं और जिनके हाथ में स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा से मिल जाये उसी स्थान पर आयु की अवधि आने से प्राणी मृत्यु-मृत्यु तुल्य कष्ट पाता है।
स्वास्थ्य रेखा की एक विशेषता है कि यह रेखा से अन्त तक सीधी होती है। इसमें हेर फेर नहीं होता है और न इसमें मोड़ तोड़ ही होता है।
हृदय रेखा से मिलने वाली स्वास्थ्य रेखा (When your health line touches your Heart Line)
जिस प्राणी के हाथ में स्वास्थ्य रेखा हो और वह मणियन्ध रेखा या उसके ऊपर से प्रारम्भ होकर कनिष्ठा उंगली की ओर अग्रसर होती हुई हृदय रेखा से मिल जाये तो उसका फल यह होता है कि इस रेखा युक्त हाथ वाला प्राणी हृदय रोगों का अवश्य शिकार होता है।
इससे बचने के लिए सहज उपाय है कि उसे चाहिए कि वह व्यायाम, चिन्ता, मादक वस्तुओं का सेवन आदि वन्द कर दे तब ही उसके जीवन की रक्षा हो सकती है।
जंजीर दार स्वास्थ्य रेखा (Chained Life Line Hindi)
यदि स्वास्थ्य रेखा जंजीर-दार होती है उसका फल यह होता है कि प्राणी को पेट के अनेकों रोग सताते रहते हैं। वायु गोला, जिगर, जलन्धर आदि रोग उसे सताते रहते है। ऐसी रेखा वाले प्राणी के यदि हाथ के नाखून चौड़े हों और उन पर लाल रंग के साथ ही साथ सफेद दाग भी हों तो प्राणी भयंकर रोगों से पीड़ित रहता है। उसका स्वास्थ्य कदापि अच्छा नहीं रह सकेंगा।
स्वास्थ्य रेखा में द्वीप (Island on Life Line Hindi)
जिन प्राणियों की हाथ की उंगलियों के नाखून चौड़े हों ‘और उनके हाथ की स्वास्थ्य रेखा में स्थान पर द्वीप विद्यमान हो तो एसी दशा में उन प्राणियों को गले रोग अवश्य सतायेंगे और वह हमेशा गले की बीमारियों में ही घिरे रहेंगे। इस के साथ ही जिन लोगों के नाखून लम्बे हों और हाथ की स्वास्थ्य रेखा में द्वीप हों तो एसे प्राणी सीने के रोग से दुखी होगे। उन्हें गुर्दे का दर्द, दिल धड़कने की बीमारी आदि सताती रहेंगी।
स्वास्थ्य रेखा का अभाव (Absence Of Health Line)
जैसा की पूर्व में बताया जा चुका है। हथेली में स्वास्थ्य रेखा का न होना एक शुभ लक्षण ही है। जिस प्राणी के हाथ में स्वास्थ्य रेखा का सर्वथा अभाव रहता है वह पूर्णतया स्वस्थ होता है। सामान्यतः उसे कोई बड़ी बीमारी नही रहती है।
स्वच्छ, दोष रहित और लंबी स्वास्थ्य रेखा
जिन प्राणियों की स्वास्थ्य रेखा लम्बी और साफ होती है वह प्रसन्न चित्त होते हैं। वह अच्छे आचरण वाला होगा। उसकी बुद्धि कुशाग्र होगी, वह कुशल कारीगर होगा और अगर उसे व्यापार का चस्का होता है।
वह निपुण व्यापारी भी होगा। अपने पराक्रम से वह उन्नति करेगा और धर्म के प्रति भी उदार होगा। उसके हाथ की, उसकी लम्बा स्वास्थ्य रेखा इस बात का प्रमाण है. कि उसकी आयु भी लम्बी होगी।
दोहरी स्वास्थ्य रेखा (Double Health Line)
अक्सर देखा गया है कुछ प्राणियों के हाथ में स्वास्थ्य रेखा के सामान्तर एक और रेखा उसी तरह की होती है। इस रेखा को हम सहायक स्वास्थ्य रेखा कहते हैं। इस प्रकार की सहाय स्वास्थ्य रेखा बहुधा देखने में नहीं आतीं। हजारों हाथों में से एक दो हाथ में ही यह होती हैं।
इस सहायक स्वास्थ्य रेखा का सब अच्छा प्रभाव यही हाता है कि अगर स्वास्थ्य रेखा में कोई अवगुण भी है तो उस अवगुण को स्वास्थ्य रेखा की सहायक रेखा नाश कर देती है और शुभ फल देती है।
यदि किसी प्राणी के हाथ की स्वास्थ्य रेखा सीधी लम्बी और साफ है तो उसका फल शुभ होता है। मगर इसके साथ ही यह भी ध्यान रखना चाहिए कि यह रेखा या इसकी कोई सहायक रेखा जीवन रेखा को न स्पर्श करे और काटे भी नहीं। दैवगति से यदि किसी प्राणी की जीवन रेखा किसी स्थान पर टूटी है और उस टूटी हुई जगह ही से स्वास्थ्य रेखा काटती हुई आगे चली गई है तो ऐसी दशा में उस प्राणी की मृत्यु अवश्य होगी।
जीवन रेखा को छूने वाली स्वास्थ्य रेखा (Health Line Touching on The Life Line)
यदि स्वास्थ्य रेखा किसी प्राणी की जीवन रेखा को किसी स्थान पर छूती है तो गणना करके आयु का समय निकाल लेना चाहिए क्योंकि उसी आयु में वह प्राणी किसी भयानक रोग का शिकार होगा संभव है कि उस समय वह रोग प्राण को भी हर ले।
इसके विपरीत यदि स्वास्थ्य रेखा जीवन रेखा के सामान्तर तो चलती रहे मगर मणिबन्ध रेखा की और आकर धनुषाकार हो जाये और जीवन रेखा का स्पर्श न करे तो एसी दशा में वह प्राणी भयंकर रोगों का शिकार होने के बाद भी पूर्ण आरोग्यता को प्राप्त होगा और उसकी उमर भी अधिक होगी।
स्वास्थ्य रेखा से जुड़ी अन्य महत्वपूर्ण जानकारी (Some other Thinks about Health Line)
जिन प्राणियों के नाखून गोलाकार हों और लम्बे भी हो और उनकी स्वास्थ्य रेखा हाथ की मस्तक रेखा के आस पास द्वीप बनाती हो तो उस प्राणी को राजयक्षमा अर्थात तपेदिक होने का योग है।
जब स्वास्थ्य रेखा अपने स्थान पर यथा स्थान हो और हृदय रेखा तथा मस्तक रेखा को स्पर्श तो कर रही हो और इन रेखाओं के मध्य भाग में कोई चिन्ह भी आंकिन कर रही हो तो ऐसी दशा में यह गले के रोग को व्यक्त करती है।
जो प्राणी आयु पर्यन्त रोगी रहते हैं उनके हाथ को देखने से हमेशा यह पता लगा है कि उनकी जीवन रेखा जंजीरदार होती है और उनकी स्वास्थ्य रेखा गहरी और चौड़ी होती है। इस तरह की रेखा वाले पाणी हमेशा रोग में लिप्त ही रहते हैं और उनको हमेशा तकलीफ ही होती है।
अनेकों प्राणियों के हाथ की स्वास्थ्य रेखा गहरी होती है मगर साथ ही रंग में लाल भी होती हैं। इस प्रकार की रेखाओं बाले प्राणी प्रायः रोगों का शिकार बने रहते हैं। जुकाम, खांसी और बुखार कमी उनका पीछा नहीं छोड़ते हैं। वह हर मोसम में रोग के शिकार हो जाते हैं।
स्वास्थ्य रेखा उपाय
- 7-8 घण्टे की नींद लें।
- नित्य योगभ्यास करें।
- हल्का, सुपाच्य भोजन करें।
- बीमर होने पर डॉ को दिखाए, लापरवाही न बरतें।
- जिस आयु खण्ड में स्वास्थ्य रेखा में दोष हो, कुशल ज्योतिषी से मिले। नवग्रह शांति पूजा करवाये।
ज्योतिषाचार्य भृगुराज