Temple Vastu: कहां, किस दिशा में और कैसा होना चाहिए पूजा घर
Temple Vastu Tips: ईश्वर को जब आस्था और विश्वास के साथ हम अपने घर में स्थान देते हैं, तो परिवार के लिए सुख समृद्धि की भी कामना करते हैं। घर पर देवी-देवताओं की कृपा बनी रहे, पूजा-पाठ का पूर्ण लाभ मिल सके, इसके लिए आवश्यक है कि पूजा घर वास्तु नियमों के अनुसार होना चाहिए।
पूजन कक्ष में सात्विक रंग, जैसे- हल्का हरा, पीला, जामुनी या क्रीम रंग का प्रयोग करने से मन को शांति मिलती है। मानसिक स्पष्टता और प्रज्ञा की दिशा उत्तर-पूर्व (ईशान) पूजा करने के लिए आदर्श स्थान है, क्योंकि यह कोण पूर्व एवं उत्तर दिशा के शुभ प्रभावों से युक्त होता है। सामान्य तौर पर पूजा करते वक्त मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करना चाहिए।
वास्तु ग्रंथों में कहा गया है कि धन प्राप्ति के लिए उत्तर दिशा एवं ज्ञान प्राप्ति के लिए पूर्व दिशा की ओर मुख करके की गई पूजा चमत्कारिक लाभ देती है।
किस दिशा में कौन से देवता रखें (which direction should we place God at home?)
यद्धपि प्रत्येक दिशा के अपने देवता हैं, जो उस दिशा का प्रतिनिधित्व करते हैं। इसलिए देवता का आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए उस दिशा विशेष में ही पूजा करना चाहिए। उत्तर या पूर्व दिशा में बैठकर पूजा करना सबसे ज्यादा लाभकारी होता है। इससे मन को शांति मिलती है और आपका ध्यान पूजा में आसानी से लगता है।
- देवी मां और हनुमान जी की पूजा दक्षिण दिशा में, गणेश, लक्ष्मी जी एवं कुबेर की उत्तर, उत्तर-पूर्व दिशा में शिव तथा राधा-कृष्ण और पूर्व दिशा में श्रीराम दरबार, भगवान विष्णु की आराधना एवं सूर्य उपासना करने से परिवार में सौभाग्य की वृद्धि होती है।
- उत्तर-पूर्व दिशा में भगवान धनवंतरि, अश्विनी कुमार एवं नदियों की आराधना करने से उत्तम स्वास्थ्य एवं सुख की प्राप्ति होती है। शिक्षा की दिशा पश्चिम-दक्षिण-पश्चिम में 5 विद्यादायिनी मां सरस्वती की आराधना करने से ज्ञान में वृद्धि होती है।
- संबंधों और जुड़ाव की दिशा दक्षिण-पश्चिम में पूर्वजों की पूजा सुख-समृद्धि प्रदान करेगी।
- पश्चिम दिशा में गुरु, महावीर स्वामी, भगवान बुद्ध, जीसस की पूजा शुभ फल प्रदान करती है।
इन बातों का रखें ख्याल (Home Temple Vastu Tips)
- पूजा घर के नीचे या ऊपर शौचालय नहीं होना चाहिए।
- मंदिर को कभी सीढ़ियों के नीचे नहीं बनवाना चाहिए।
- पूजा घर में महाभारत की प्रतिमाएं नही होने चाहिए। दिवंगतों की तस्वीरें भी यहां न रखें।
- पूजा घर में धन छुपाकर रखना शुभ नहीं माना जाता है।
- पूजा स्थल पर कभी भी खंडित मूर्तियां नहीं रखनी चाहिए
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- दक्षिण-पश्चिम दिशा में निर्मित कमरे का प्रयोग पूजा-अर्चना के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- मंदिर में जलता दीपक एवं शंख जरूर रखना चाहिए। ऐसा करने से परिवार में सुख-सौहार्द का वातावरण बना रहेगा।
- बेडरूम में भगवान की मूर्ति नहीं रखनी चाहिए।
- घर या कार्यस्थल के किसी भी भाग में गणपति जी की प्रतिमा या चित्र लगाए जा सकते हैं, लेकिन प्रतिमा का मुंह दक्षिण दिशा या नैऋत्य कोण में नहीं होना चाहिए।