Hoshiarpur (Punjab): History & Places to visit in Hindi
होशियारपुर (Hoshiarpur) भारत के पंजाब राज्य के होशियारपुर ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है।
Hoshiarpur: History & Tourist Places in Hindi
राज्य | पंजाब |
क्षेत्रफल | 3,881 वर्ग किलोमीटर |
भाषा | पंजाबी |
दर्शनीय स्थल | गुरुद्वारा गरण साहिब, गुरूद्वारा हरिन वेलन, गुरूद्वारा जंद साहिब आलमपुर आदि। |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
होशियारपुर पंजाब राज्य का एक प्रमुख जिला है। इस जिले में काफी संख्या में गुरूद्वारें हैं। गुरूद्वारा गरण साहिब, गुरूद्वारा गुरू दीन तहलियान, गुरूद्वारा हरिन वेलन, गुरूद्वारा जंद साहिब, तखनी-रेहमपुर वन्यजीव अभ्यारण, आलमपुर और जगमोहन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल कराटे आदि यहां के दर्शनीय स्थलों में से है।
ऐतिहासिक दृष्टि से भी यह स्थान काफी महत्वपूर्ण माना जाता है। इसके साथ ही हड़प्पा सभ्यता से भी इस जगह का सम्बन्ध जोड़ा जाता है। जो कि इस स्थान के पुरातात्विक महत्व को भी दर्शाते हैं।
गुरूद्वारा गरण साहिब
होशियारपुर जिले के दासायू से लगभग चार किलोमीटर की दूरी पर बोडल गांव स्थित है। यह जगह गरण साहिब गुरूद्वार के लिए जानी जाती है। इस गुरूद्वारे का निर्माण सिक्खों के छठें गुरू, गुरू हरगोविन्द साहिब की याद में करवाया गया था। पूर्व समय में यह जगह सघन जंगलों से घिरी हुई थी।
इस गुरूद्वारे का नाम गरण वृक्ष के नाम पर रखा गया है। कहा जाता है कि इसी वृक्ष के नीचे गुरू जी ने कुछ समय के लिए विश्राम किया था। वर्तमान समय में भी यह वृक्ष गुरूद्वारे के समीप देखा जा सकता है। इस गुरूद्वारे की सुंदरता सच में अदभूत है। प्रत्येक वर्ष बैसाखी के अवसर पर गुरूद्वारे में मेले का आयोजन किया जाता है।
गुरूद्वारा गुरू दीन तहलियान
यह गुरूद्वारा होशियारपुर जिले के गौंसपुर गांव में स्थित है। इस गुरूद्वारे का निर्माण गुरू हरगोविन्द साहिब की याद में करवाया गया था। माना जाता है कि गुरू हरगोविन्द साहिब जब कीर्तपुर जा रहे थे तब कुछ समय के लिए वह इस जगह पर ठहर थे।
गुरू जी ने अपने घोड़े को एक शीशम के वृक्ष की छांव में विश्राम कराया था। तभी से इस गुरूद्वार को गुरूद्वारा गुरू डीन तहलियान के नाम से जाना जाता है। इस गुरूद्वार का निर्माण 1930 ई. में हुआ था। गुरूद्वारे में एक वर्गाकार हॉल है। इसके अलावा एक अन्य कमरा भी है जिसमें गुरू ग्रंथ साहिब रखी हुई है।
कमल के आकार में बनी गुम्बद काफी संख्या में लोगों का ध्यान अपनी ओर आकर्षित करती है। प्रत्येक वर्ष फागुन की एक और तेरह तारीख को विशेष सभा का आयोजन किया जाता है।
गुरूद्वारा हरिन वेलन
यह गुरूद्वारा होशियारपुर जिला में है। इस गुरूद्वारे का निर्माण गुरू हर राय साहिब की याद में करवाया गया था। सन् 1651 ई. में गुरू हर राव इस गांव में घूमने के लिए आए थे। यह गुरूद्वारा जिला मुख्यालय से सिर्फ 11 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। इसके समीप में ही गुरूद्वारा शहीदन स्थित है। इन दोनों ही गुरूद्वारों की देखभाल तरूणा दल निहंग कर रही है।
गुरूद्वारा जंद साहिब
गुरूद्वारा जंद साहिब होशियारपुर जिले के लाहिली कालन में स्थित है। यह काफी पुराना गांव है। इस गुरूद्वारे का निर्माण गुरू हर राय साहिब की याद में करवाया गया था। गुरूद्वारे के समीप में ही एक जंद वृक्ष है। कहा जाता है कि यह वृक्ष गुरू साहिब के समय से हैं। इस गुरूद्वारे का नाम इस वृक्ष के नाम पर ही रखा गया है।
तखनी-रेहमपुर वन्यजीव अभ्यारण
होशियारपुर जिले के शिवालिक में यह अभ्यारण स्थित है। यह जगह शुष्क पताड़ और देवदार आदि के वृक्षों से घिरी हुई है। यहां पशु-पक्षियों जैसे साम्बर, भालू, शूकर और जंगली बिल्ली आदि की विभिन्न प्रजातियां देखी जा सकती है।
आलमपुर
होशियारपुर के दौसौया के दक्षिण-पश्चिम से लगभग दस किलोमीटर की दूरी पर आलमपुर गांव है। यह एक छोटा सा गांव है। माना जाता है कि सिक्खों के छठें गुरू, गुरू हरगोविन्द जी इस गांव में आए थे और उन्होंने यहां के लोगों को आशीर्वाद दिया था। तब से यह जगह एक धार्मिक स्थल के रूप में जानी जाती है।
यहां के स्थानीय लोगों का मानना है कि गुरू जी कई दिनों तक यहां ठहरें थे। उन्होंने अपने विश्राम करने के लिए आलमपुर में एक तम्बू लगाने के लिए कहा था। इस जगह को गुरूद्वारा तम्बू साहिब पटशाही चेव्वीन कहा जाता है। वर्तमान गुरूद्वारे का निर्माण 1983 ई. में करवाया गया था।
जगमोहन इंस्टीट्यूट ऑफ ट्रेडिशनल कराटे
यह संस्थान पिछले 16 सालों से ओकिनवान गोजू रियू की, मार्शल आर्ट की ट्रेनिंग दे रहा है। जगमोहन संस्थान पंजाब राज्य के होशियारपुर जिले में स्थित है। यह संस्थान सेनसी जगमोहन विज चला रहे हैं। यह ट्रेनिंग पांच वर्ष की आयु से लेकर साठ वर्ष तक के सभी लोगों को दी जा रही है। यह क्लॉस एक घंटे की होती है। बच्चों को अलग से ट्रेनिंग दी जाती है।
होशियारपुर कैंसे पहुंचे (How to Reach Hoshiarpur)
वायु मार्ग: यहां का सबसे निकटतम हवाई अड्डा अमृतसर अंतर्राष्ट्रीय एयरपोर्ट है।
रेल मार्ग: होशियारपुर रेलमार्ग द्वारा भारत के कई प्रमुख शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग: भारत के कई प्रमुख जगहों से जैसे पंजाब, हिमाचल, दिल्ली, हरियाणा, चंडीगढ़, शिमला, डलहौजी, जम्मू और चिंतपूर्णी आदि से सड़क मार्ग द्वारा होशियारपुर आसानी से पहुंचा जा सकता है।