How to Please Shani Dev: जानिए शनिदेव को प्रसन्न करने वाली आदतें..
How to please Saturn: शनि देव को कठिनाइयों, कार्मिक दोषों का देवता माना जाता है। वैदिक ज्योतिष और हिन्दू धर्म के अनुसार, शनि देव की दशा और साढ़े साती की वजह से जीवन में कठिनाइयाँ या आपत्तियाँ आ रही है तो ऐसे में आप शनि देव को प्रसन्न आकर के लिए निम्न आदतों को अपने दैनिक जीवन में लागू कर सकते है।
15 ways to Please Saturn (Lord Shani)
15 ways to please Saturn: शनि देव हिंदू धर्म में एक प्रमुख देवता हैं। वैदिक ज्योतिष के अनुसार, सूर्य के बाद शनि सबसे प्रमुख ग्रह है। शनि देव को हिंदू धर्म में कर्म का अधिकारी और न्याय का प्रतीक माना जाता है। जो लोग जीवन भर इस नियम का पालन करेंगे, वे कभी शनि देव की कृपा से वंचित नहीं रहेंगे।
1.शनि देव को प्रसन्न करने के लिए करें नियमित दान
अगर आप नियमित रूप से गरीबों को दान देते है। तो आप पर शनिदेव की विशेष कृपा बनी रहेगी। इसलिए समय समय पर गरीबों को काले चने, तिल, उड़द दाल और कपड़े दान करते रहे।
2. शनिवार का रखें उपवास
शनिवार शनिदेव का दिन है। इसलिए शनिवार को शनि देव का व्रत रखा जाता है। शनि मंत्रों का जाप करने से भी शनि देव प्रसन्न होते हैं। “ॐ शं शनैश्चराय नमः” या “ॐ प्रां प्रीं प्रौं सः शनैश्चराय नमः” जैसे मंत्रों का जाप किया जाता है। (और पढ़ें: शनिवार व्रत कथा और पूजन विधि
3. शनिवार को करें छाते का दान
धूप और बारिश से बचने के लिए छाते दान करने वालों पर शनि की छत्र-छाया हमेशा बनी रहती है। अगर आप इसे पहले नहीं कर चुके हैं, तो इसे अपनी अच्छी आदतों में तुरंत शामिल कर लीजिए।
4. बड़ने ना दे नाखून
अगर आप रोज अपने नाखून काटते हैं (निषेध दिनों को छोड़कर) और उन्हें साफ सुधरा रखते हैं। तो शनि देव इससे प्रसन्न रहते है। इसके विपरित अगर आपके नाखून लंबे और गंदे रहते है, तो शनि ग्रह अशुभ फल देने लगते हैं।
5. काले कुत्ते को भोजन करवाए
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, काले कुत्ते पर शनि और केतु दोनों ही ग्रहों का प्रभाव रहता है। इस वजह से दोनों ग्रह शांत रहते हैं। शनि दोष से बचने के लिए कुत्तों को सरसों के तेल से चुपड़ी रोटी खिलानी चाहिए। कुत्ते को पालने या उसकी सेवा करने से काल भैरव भी प्रसन्न होते हैं और आर्थिक स्थिति मजबूत होती है।
6. नेत्रहीन को राह दिखाएं
नेत्रहीन लोगों की मदद करना शनि को खुश करता है। दृष्टिहीन लोगों की नि:स्वार्थ मदद करने वाले लोगों से शनिदेव हमेशा प्रसन्न रहते हैं और उनकी सफलता का मार्ग प्रशस्त करते हैं।
7. मछली को दाना डालना
शनिवार में नियमित रूप से मछली को दाना डालने अथवा शनिवार को मछली खरीदकर उसे नदी, तालाब, झील में डालने से शनि देव की कृपा प्राप्त होती है। यह प्रथा विशेष रूप से हिन्दू और जैन धर्म में प्रचलित है। धार्मिक त्यौहारों और उत्सवों में जैसे कि दुर्गा पूजा, गणेश चतुर्थी, नवरात्रि, और विवाह आदि में भी आप यह उपाय कर सकते हैं।
8. साफ सफाई का ध्यान रखें
शनि ग्रह अनुशासन, कर्म, और सफाई का प्रतीक है। इसलिए साफ-सफाई और व्यवस्थित रहना शनि के प्रति समर्पण और सम्मान का प्रदर्शन करता है। एक साफ और सुंदर वातावरण से शनि ग्रह के अशुभ प्रभावों को कम करने में मदद मिलती है।
इसलिए अपने घर और कार्यस्थल को साफ और सुंदर रखें। नियमित रूप से सफाई करें और अवश्यकता अनुसार वस्त्र, सामग्री और सामग्री की व्यवस्था करें।
9. जरूरतमंद, परेशान और मेहनतकश लोगों की मदद करें
जरूरतमंद, परेशान और मेहनतकश लोगों की मदद करने वालो से शनि देव बेहद प्रसन्न होते है। अगर आप सफाईकर्मियों का सम्मान करते हैं तो यह आदत कभी न बदलें, क्योंकि यही आदत भाग्यशाली बनने की राह बनाएगी।
10. माता पिता, वृद्ध और स्त्री का सम्मान करें
शनि देव के उपासकों में माता पिता और बुजुर्गों की सेवा को एक महत्वपूर्ण प्रतीक माना जाता है और इसके द्वारा शनि देव प्रसन्न होते हैं।
हिंदू धर्म में बुजुर्गों का सम्मान करना और उनकी सेवा करना धार्मिक और आध्यात्मिक मान्यताओं का महत्वपूर्ण अंग है। आप बुजुर्गों की आवश्यकता को समझे और उन्हे सहयाता प्रदान करें। उनकी सुनें, उनके साथ समय बिताएं और उनके जीवन की मूल्यवान बातों से प्रेरणा लें।
11. पौधरोपण और पीपल की सेवा करें
शनि देव को प्रसन्न करने के लिए बरगद, पीपल का पूजन बहुत महत्वपूर्ण है। पीपल और बरगद की पूजा करने वाले लोगों पर शनि की कृपा निरंतर बनी रहती है।
12. शिव की पूजा से प्रसन्न होते है शनि
शनि देव, शिव भक्त हैं और शिव उनके प्रिय देवता हैं। शिव की पूजा से शनि देव को भक्ति और प्रसन्नता मिलती हैं। इसलिए शनि देव को प्रसन्न करने के लिए आप शिव जी की पूजा आराधना को नियमित दिनचर्या में शामिल कर सकते हैं।
13. पिता का श्राद्ध करें
यदि आपके माता पिता जीवित नही है तो आपको श्राद्ध अवश्य करना चाहिए। श्राद्ध करने का मुख्य उद्देश्य पितृदेवों के आत्मिक शांति और सुख के लिए प्रार्थना करना होता है।
हिन्दू धर्म अनुसार पितरों की आत्मा को उनके संतान की सेवा और पुण्य कर्मों के माध्यम से उन्हें आराम मिलता है और उनकी प्रगति होती है। श्राद्ध कर्म करने से कुंडली में उपस्थित पितृ दोष में कमी तो आती ही है। साथ ही शनि ग्रह भी शुभ फल देते है।
14. ईमानदारी से आजीविका चलाएं
व्यक्ति को नैतिक साधनों से कमाए गए धन पर ही निर्भर रहना चाहिए। ईश्वर भी नैतिकता और ईमानदारी से कमाए गए धन से बना भोजन ही स्वीकार करते है। इसका एक बड़ा उदाहरण है- श्री कृष्ण का विदुर के यहां भोजन करना।
कभी-कभी पूर्वज के द्वारा अनैतिक साधनों से कमाए गए सीधन के कारण संतान को दुष्परिणाम भुगतना पड़ते हैं। जो लोग ब्याजखोरी करते हैं, उनसे भी शनि नाराज़ होते है। कहा भी जाता है जैसी करनी वैसी भरनी।
15. हनुमान की पूजा से मिलता है शुभ फल
ज्योतिष में शनि देव को क्रूर ग्रह माना जाता है जो कष्ट, दुःख, आपत्तियों, और बाधाओं का प्रतीक है। हनुमान जी को श्रद्धा और बल का प्रतीक माना जाता है। हनुमान को ईष्ट या देवता बनाने वाले शनिदेव सदा उनकी रक्षा करते हैं।
यदि कोई व्यक्ति शनि के दशा या साढ़ेसाती के कारण कष्ट या परेशानी में है, तो हनुमान पूजा उन्हें सहायता प्रदान कर सकती है।