इन्दिरा गाँधी (Indira Gandhi)
इन्दिरा गाँधी, भारत की प्रथम और अब तक एकमात्र महिला प्रधानमंत्री रहीं है। इंदिरा गांधी दूरदर्शी, कल्पनाशील और दृढ़ संकल्प वाली महान महिला थीं।
बैंकों का राष्ट्रीयकरण, भूमि सुधार, पोखरण में आणविक विस्फोट, बंगलादेश की स्वतंत्रता के लिए पाकिस्तान से युद्ध कुछ प्रमुख कार्य है।
Indira Gandhi Quick Info & Facts
पूरा नाम | इंदिरा प्रियदर्शनी गाँधी |
जन्म | 19 नवंबर, 1917 इलाहाबाद (उत्तरप्रदेश) |
मृत्यु | मृत्यु 31 अक्टूबर, 1984 दिल्ली |
मृत्यु कारण | हत्या |
पिता | जवाहरलाल नेहरू |
माता | कमला नेहरू |
पति | फिरोज़ गांधी |
बच्चे | राजीव गांधी, संजय गांधी |
शिक्षा/ विद्यालय | शांति निकेतन, विश्वभारती विश्वविद्यालय बंगाल, इंग्लैंड ऑक्सफ़ोर्ड यूनिवर्सिटी |
पार्टी | कांग्रेस |
व्यवसाय | राजनेता |
उपलब्धि | भारत की तृतीय और प्रथम महिला प्रधानमंत्री |
कार्यकाल | 19 जनवरी, 1966 से 24 मार्च, 1977, 14 जनवरी, 1980 से 31 अक्टूबर, 1984 |
अन्य जानकारी | इंदिरा गाँधी अपनी प्रतिभा और राजनीतिक दृढ़ता के लिए ‘लौह-महिला’ के नाम से संबोधित किया जाता है। |
इंदिरा गांधी जीवनी (Biography / History In Hindi)
इंदिरा जी का जन्म 19 नवंबर, 1917 को उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद (वर्तमान प्रयागराज)में हुआ था। इंदिरा का परिवार देश का प्रतिष्ठित परिवार था। दादा मोतीलाल नेहरू देश के प्रसिद्ध वकील व जानी-मानी हस्ती थे।
पिता जवाहरलाल नेहरू और माता कमला देवी भारतीय स्वतंत्रता आन्दोलन प्रमुख व्यक्तित्व थे। जवाहरलाल नेहरू बाद में आज़ाद भारत के प्रथम प्रधानमंत्री भी रहे। इन्दिरा को उनका “गांधी” उपनाम फिरोज़ गाँधी से विवाह के पश्चात मिला था।
जवाहरलाल का जेल में आना जाना लगा रहता था, इसलिए इंदिरा का अधिकतर बचपन मां के साए में ही बीता था। सन् 1936 में उनकी माँ कमला नेहरू तपेदिक से एक लंबे संघर्ष के बाद अंततः स्वर्गवासी हो गईं। इंदिरा तब 18 वर्ष की थीं।
जवाहर नियमित रूप से जेल से पुत्री को पत्र लिखते थे। वे उन्हें पत्रों द्वारा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय महत्त्व की घटनाओं की जानकारी देते थे। उन्होंने इंदिरा को यह भी बताया कि उन्हें कौन-कौन सी अच्छी पुस्तकें पढ़नी चाहिए।
शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन (Early Life & Education)
1934–35 में अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के पश्चात, इन्दिरा ने रवींद्रनाथ टैगोर द्वारा निर्मित विश्व-भारती विश्वविद्यालय में प्रवेश लिया। रवीन्द्रनाथ टैगोर ने ही इन्हे “प्रियदर्शिनी” नाम दिया था।
इसके पश्चात यह इंग्लैंड चली गईं और ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय की प्रवेश परीक्षा में बैठीं, परन्तु यह उसमे विफल रहीं और ब्रिस्टल के बैडमिंटन स्कूल में कुछ महीने बिताने के पश्चात, 1937 में परीक्षा में सफल होने के बाद इन्होने सोमरविल कॉलेज, ऑक्सफोर्ड में दाखिला लिया। इंग्लैंड से वर्ष 1941 में भारत वापस आने के बाद वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन में शामिल हो गयीं।
विवाह और सन्तान
इंदिरा गांधी ने 26 मार्च 1942 को फ़िरोज़ गाँधी से विवाह किया। इंदिरा और फ़िरोज़ के 2 पुत्र राजीव गांधी और संजय गांधी हुए।
इंदिरा गांधी क्रांति के क्षेत्र में
वानर सेना का गठन
श्रीमती इंदिरा गांधी शुरू से ही स्वतंत्रता संग्राम में सक्रिय रहीं। इंदिरा जब 11 वर्ष की हुई तभी से पिता व दादा जी की तरह देश सेवा में लग गयी।
उन्होंने सन 1930 में आस-पास के साहसी बच्चों को इकट्ठा करके एक संगठन भी बनाया था। इस संगठन का नाम रखा गया ‘वानर सेना’। धीरे-धीरे करीब छ: हजार बच्चे इस संगठन से जुड़ गए थे।
इस वानर सेना ने कांग्रेस के संवेदनशील प्रकाशनों तथा प्रतिबंधित सामग्रीओं का परिसंचरण तथा बीमार व्यक्ति की सेवा कर भारतीय स्वतंत्रता संग्राम में छोटी लेकिन उल्लेखनीय भूमिका निभाई थी।
इंदिरा गांधी का राजनीतिक सफर
महात्मा गाँधी के साथ 1930 के दशक में, 1959 और 1960 के दौरान इंदिरा चुनाव लड़ीं और भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की अध्यक्ष चुनी गयीं।
नेहरू के देहांत के बाद सन् 1964 में इंदिरा की नियुक्ति एक राज्यसभा सदस्य के रूप में हुई। इसके बाद वे लालबहादुर शास्त्री के मंत्रिमंडल में सूचना और प्रसारण मत्री बनीं। लालबहादुर शास्त्री के आकस्मिक निधन के बाद तत्कालीन काँग्रेस पार्टी अध्यक्ष के. कामराज इंदिरा गांधी को प्रधानमंत्री बनाने में निर्णायक रहे। इंदिरा 1966 से मार्च 1977 तक वह भारत की प्रधानमंत्री रहीं।
साथ-ही-साथ उन्हें सितम्बर 1967 से मार्च 1977 तक के लिए परमाणु ऊर्जा मंत्री बनाया गया। उन्होंने 5 सितंबर 1967 से 14 फ़रवरी 1969 तक विदेश मंत्रालय का अतिरिक्त प्रभार संभाला। श्रीमती गांधी ने जून 1970 से नवंबर 1973 तक गृह मंत्रालय और जून 1972 से मार्च 1977 तक अंतरिक्ष मामले मंत्रालय का प्रभार संभाला। जनवरी 1980 से वह योजना आयोग की अध्यक्ष रहीं। 14 जनवरी 1980 में वे फिर से प्रधानमंत्री बनीं।
आपातकाल और चुनाव में हार
1971 के भारत-पाक युद्ध में एक निर्णायक जीत के बाद की अवधि में अस्थिरता की स्थिती में उन्होंने सन् 1975 में आपातकाल लागू किया। उन्होंने एवं काँग्रेस पार्टी ने 1977 के आम चुनाव में पहली बार हार का सामना किया।
इंदिरा गाँधी की मृत्यु कैसे हुई?
सन् 1980 में सत्ता में लौटने के बाद वह अधिकतर पंजाब के अलगाववादियों के साथ बढ़ते हुए द्वंद्व में उलझी रहीं जिसमे आगे चलकर सन् 1984 में अपने ही अंगरक्षकों द्वारा गोली मारकर हत्या कर दी गई।