Jalandhar (Punjab): History & Places to visit in Hindi
जलंधर (Jalandhar) भारत के पंजाब राज्य में स्थित एक नगर है। यह एक ऐतिहासिक और महत्वपूर्ण औद्योगिक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। इस नगर के मुख्य उत्पाद चमड़ा, खेल और हैंड टूल्स हैं।
Jalandhar: history & Tourist Places in Hindi
राज्य | पंजाब |
क्षेत्रफल | 2,632 Sq. Km. |
भाषा | पंजाबी, हिन्दी और अंग्रेजी |
दर्शनीय स्थल | देवी तलब मंदिर, शिव मंदिर, शहीद-ए-आजम सरदार भगत संग्रहालय, ईमाम नसीर मकबरा |
प्रसिद्धि | चमड़ा, खेल और हैंड टूल्स |
कब जाएं | नवम्बर स्रा फरवरी। |
जालंधर एक बड़ा औद्योगिक शहर है। यहां चमड़े और खेल की वस्तुओं का अधिक उत्पादन होता है। जिस कारण यह सम्पूर्ण विश्व में विख्यात है। जालंधर पंजाब का सबसे पुराना शहर है। जालंधर वह जगह है जिसने देश को कई वीर योद्धा दिए है।
जालंधर में ऐसे कई मंदिर, गुरूद्वारे, किले और संग्रहालय है जहां घूमा जा सकता है। जालंधर जिले का नाम राक्षस के नाम पर रखा गया है, जिसका उल्लेख पुराण और महाभारत में भी हुआ है।
जबकि कुछ का मानना है कि यह जगह राम के पुत्र लव की राजधानी थी। वही कुछ मानते हैं कि जालंधर का अर्थ पानी के अंदर होता है तथा यहां पर सतलुज और बीस नदियों का संगम होता है इसलिए इस जगह का नाम जालंधर रखा गया। जालंधर को त्रिरत्ता के नाम से भी जाना जाता है।
ईमाम नसीर मकबरा और जामा मस्जिद (Dargah Imam Nasir and jama Masjid)
ईमाम नसीर का मकबरा करीबन आठ सौ साल पुराना है। इसके नजदीक में ही जामा मस्जिद भी है। कहा जाता है कि यह मस्जिद चार सौ साल पुरानी है। इसके अलावा जामा मस्जिद अपनी वास्तुकला के लिए भी काफी प्रसिद्ध है।
देवी तलब मंदिर (Devi Talab Mandir)
देवी तलब का यह मंदिर रेलवे स्टेशन से कुछ दूरी पर स्थित है। इस मंदिर की मरम्मत दुबारा की गई है। और फिर से इस मंदिर का निर्माण किया गया। इस मंदिर की इमारत का निर्माण अमरनाथ मंदिर के मॉडल की तरह करवाया गया है।
देवी तलब मंदिर के पास ही एक अन्य मंदिर भी है। यह मंदिर मां काली का है। सोने से बना यह देवी तलब का मंदिर हरिबल्लभ संगीत सम्मेलन के लिए काफी प्रसिद्ध है। यह सम्मेलन प्रत्येक वर्ष दिसम्बर माह में होता है। इसके अलावा इस सम्मेलन का आयोजन पिछले 125 वर्षों से किया जा रहा है।
शिव मंदिर (Shiv Temple)
यह मंदिर गुरू मंडी, ईमाम नसीर मकबर के समीप स्थित है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर का निर्माण नवाब सुल्तानपुर लोदी ने करवाया था। इस मंदिर की वास्तुकला हिन्दू, मुस्लिम दोनों शैलियों से सम्मिलित है।
इस मंदिर के प्रमुख द्वार का निर्माण मस्जिद की शैली में बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि जालंधर के नवाब ने एक नववधु के साथ विवाह कर लिया था जो भगवान शिव की भक्त थी।
शहीद-ए-आजम सरदार भगत संग्रहालय, खटकर कलन (Shaheed-e-Aazam S. Bhagat Singh Museum)
खटकर कलन संग्रहालय शहीद सरदार भगत सिंह के गांव में स्थित है। इस संग्रहालय शुरूआत भगत सिंह की 150वीं पुण्यतिथि में की गई। पहले यह संग्रहालय जालंधर जिले में था, लेकिन अब यह नवाशहर जिले का हिस्सा है।
जालंधर की इस मिट्टी ने देश को ऐसे कई वीर योद्धा दिए है जो अपने वतन के लिए शहीद हो गए। उन शहीदों की याद आज भी इस जगह से जुड़ी हुई है।
वंडर लैंड (Wonderland, Jalandhar)
वंडर लैंड थीम पार्क एक एम्यूजमेंट वाटर पार्क है। यहां आप पानी में कई खेलों और झूलों का आनन्द उठा सकते हैं। यह पार्क तकरीबन 11 एकड़ में फैला हुआ है। यहां सभी उम्र के लोगों को ध्यान में रखकर झूले तैयार किए गए है।
यह पार्क जालंधर बस टर्मिनल से 6 किलोमीटर और नाकोदर रोड़ पर स्थित रेलवे स्टेशन से 8 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। पानी के झूलों के साथ बंपर कार, फ्लाइंग जेट, हॉरर हॉउस, बोटिंग, प्ले हॉउस, फ्लाइंग डेरगन और स्लॉइड स्पैलेश आदि भी है।
बाबा सोदल मंदिर (Baba Sodal Mandir)
सितम्बर माह में आने वाली आनन्द चतुदर्शी के अवसर पर हजारों की संख्या में भक्तगण यहां आते हैं। माना जाता है कि जिनकी संतान नहीं होती है वह इस मंदिर में आकर संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करते हैं।
गुरूद्वारा चेवीन पदशाही (Gurudwara Chhevin Patshahi)
गुरू गोविन्द सिंह जब दौबा क्षेत्र में यात्रा के लिए आए थे, उस दौरान वह जालंधर शहर भी आए थे। गुरूद्वारा चेवीन पदशाही जालंधर शहर के बस्ती शेख में स्थित है।
यह गुरूद्वारा उसी स्थान पर स्थित है जहां गुरूजी ने मुस्लिम संत को जिन्हं शेख दरवेश के नाम से जाना जाता है को साक्षात्कार दिया था। साक्षात्कार लेते समय संत ने अपनी आंखे बंद कर ली थी और उन्होंने गुरू को नहीं देखा था।
तुलसी मंदिर (Tulsi Temple)
यह मंदिर वृंदा के नाम पर बना हुआ है जो जालंधर की पत्नी थी। यह मंदिर कोट किशन चंद जगह पर स्थित है। जिसे अब तुलसी मंदिर के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर के एक तरफ टैंक है। ऐसा कहा जाता है कि इस जगह पर जालंधर नहाया करते थे।
मंदिर से कुछ ही दूरी पर गुफा मंदिर भी है। इस मंदिर में अन्नपूर्णा देवी की प्रतिमा स्थापित है। इसके अलावा पास ही में ब्रह्म कुंड भी है।
जालंधर कैंसे पहुंचे (How to Reach Jalandhar)
हवाई अड्डा: सबसे नजदीकी एयरपोर्ट राजासंसी है। अमृतसर से जालंधर की दूरी 90 किलोमीटर है। इसके अलावा रोजाना दिल्ली से अमृतसर और चंडीगढ़ से दिल्ली के लिए उड़ान भरी जाती है।
रेल मार्ग: जालंधर के लिए रेलवे सेवा कुछ प्रमुख शहरों से जुड़ी हुई है।
सड़क मार्ग: देश के कई प्रमुख शहरों से जालंधर के लिए बसें चलती है।