Jalna (Maharashtra): History & Places To Visit in Hindi
जालना (Jalna) भारत के महाराष्ट्र राज्य के औरंगाबाद डिवीजन , या मराठवाड़ा क्षेत्र में स्थित एक शहर है। यह जिले का मुख्यालय भी है।
Jalna: History & Tourist Places in Hindi
राज्य | महाराष्ट्र |
क्षेत्रफल | 7612 वर्ग किमी. |
भाषा | मराठी, हिंदी और इंग्लिश |
औसत वर्षा | 763 मिमी. |
दर्शनीय स्थल | राजूर के श्रीगणेश, मत्स्यदेवी देवी मंदिर, जाम्ब समर्थ, जलीचा देव, श्री आंनदी स्वामी मंदिर, मोती बाग, काली मस्जिद, गुरू गणेश भवन आदि। |
कब जाएं | नवम्बर के फरवरी। |
मध्य महाराष्ट्र में स्थित जालना प्रारंभ में औरंगाबाद जिले में शामिल था। 1 मई 1982 को इसे औरंगाबाद के भोकरदान, जाफराबाद, अंबद तहसील और परभानी जिले के पारतुर तहसील से पृथक कर गठित किया गया था। इस जिले की सीमा परभानी, बुलधाना, औरंगाबाद, जलगांव और बीड़ जिले से लगी हुई है।
माना जाता है कि इस नगर की नींव भगवान राम समय डाली गई थी। स्थायीन लोगों के अनुसार भगवान राम की पत्नी सीता यहां निवास करती थीं। जालना के जिस स्थान पर राम महल बना है उसे पहले जनकपुर नाम से जाना जाता था। यह नगर महाराष्ट्र के प्रमुख हैंडलूम और बुनाई केन्द्रों में एक है। जालना के अनेक मंदिर यहां आने वाले पर्यटकों के काफी लुभाते हैं।
राजूर के श्रीगणेश (Rajur Ganpati Temple)
राजूर का यह गणेश मंदिर जालना शहर से 25 किमी. दूर उत्तर दिशा में स्थित है। प्रत्येक चतुर्थी को यहां बड़ी संख्या में लोग गणेश की पूजा करने आते हैं। राजूर गणेश पुराण में वर्णित भगवान गणेश के संपूर्ण पीठों में एक माना जाता है। मोरगांव का पीठ अन्य संपूर्ण पीठ है जबकि पदमायल को भगवान गणेश के अर्धपीठों में माना जाता है।
मत्स्यदेवी देवी मंदिर Matsyodari Devi Temple
अंबद का यह मंदिर जालना शहर से 21 किमी. की दूरी पर है। मंदिर मछली के आकार की एक पहाड़ी पर बना है, इसी कारण इसे मत्स्यदेवी मंदिर कहा जाता है। इस मंदिर को इस क्षेत्र के सबसे प्राचीनतम मंदिरों में शुमार किया जाता है। अक्टूबर माह में नवरात्रों के दौरान यहां मेला लगता है, जिसमें बड़ी संख्या में लोग आते हैं।
जाम्ब समर्थ (Jamb Samarth)
जाम्ब समर्थ वह स्थान है जहां संत रामदास स्वामी का जन्म हुआ था। समर्थ रामदास का जन्म चैत्र शुक्ल नवमी के दिन 12 बजे हुआ था। माना जाता है कि भगवान राम का जन्म भी इसी समय हुआ था। यहां बने संत रामदास को समर्पित मंदिर की देखरख एक ट्रस्ट करता है। यह स्थान जालना की घनसावंगी तहसील के अन्तर्गत आता है।
जलीचा देव (Jalicha Dev)
यह मंदिर महानुभव पंथ के लोगों के लिए एक बेहद पवित्र तीर्थस्थल माना जाता है। माना जाता है कि श्री चक्रधर स्वामी कुछ समय के लिए यहां ठहरे थे। यह मंदिर भोखरदन तहसील के उत्तर दिशा में है।
श्री आंनदी स्वामी मंदिर (Shri Anandi Swami Mandir Jalna Maharashtra)
यह 250 साल पुराना मंदिर मराठा योद्धा महादजी शिंदे द्वारा बनवाया गया था। मंदिर ओल्ड जालना में उसी स्थान पर बना है जहां श्री संत आनंद स्वामी ने समाधि ली थी। हर अशादी द्वादशी के मौके पर यहां मेला लगता है जिसमें लोग बड़ी संख्या में आते हैं।
मोती बाग (Moti Bagh, Jalan)
नगर परिषद का संभाजी उद्यान मोती बाग के नाम से लोकप्रिय है। हर खूबसूरत बाग रंग-बिरंगे फूलों से भरा हुआ है। बच्चों के खेलने के लिए यहां एक छोटी ट्रेन की भी व्यवस्था है। मोती तालाव और म्युजिक करांजे यहां का मुख्य आकर्षण हैं।
काली मस्जिद (Kali Masjid)
ओल्ड जालना में कोर्ट रोड के समीप यह प्राचीन काली मस्जिद स्थित है। मुस्लिम संप्रदाय के लोग यहां नमाज अदा करने के लिए आते रहते हैं, साथ ईद नमाज की भी यहां विशेष व्यवस्था की जाती है। काले पत्थर से बनी यह मस्जिद लगभग 400 साल पुरानी मानी जाती है। संत जमशेद खान ने इस मस्जिद का निर्माण करवाया था।
गुरू गणेश भवन (Guru Ganesh Bhavan)
गुरू गणेश भवन जैनियों का पवित्र स्थल है। गुरू गणेश को यहां कर्नाटक केसरी के नाम से भी जाना जाता है। जैन ट्रस्ट श्री वर्धमान स्थानकवासी जैन श्रावक संघ इस पवित्र स्थान की देखरेख करता है। संघ द्वारा कई स्कूलों, पुस्तकालय और गोशालाओं का भी संचालन किया जाता है।
घनसावंगी (Ghansawangi)
जालना की यह तहसील अनेक कुंडों और मकबरों के लिए प्रसिद्ध है जो वर्तमान में क्षतिग्रस्त अवस्था में हैं। प्राचीन काल में इस नगर का विशेष महत्व था। नरसिम्हा के प्रति सम्मान प्रकट करने के लिए यहां वार्षिक पर्व आयोजित किया जाता है। शनिवार को यहां बाजार लगता है।
भोखरदन (Bhokardan)
भोखरदन नगर खेलना नदी के दाएं तट पर बसा है। यहां शासन करने वाले भगदनाथ के नाम पर इसका नाम पड़ा। नगर को एक क्षतिग्रस्त दीवार ने चारों तरफ से घेर रखा है। यहां आठ छोटे मंदिर और दो मस्जिद देखी जा सकती हैं।
खंदोबा मंदिर में आयोजित होने वाला पर्व यहां का सबसे बड़ा पर्व है। नगर के समीप खेलना नदी के बाएं तट पर महादेव मंदिर के अवशेष देखे जा सकते हैं।
जालना कैसे पहुंचे (How to Reach Jalna)
वायु मार्ग- औरंगाबाद जालना का निकटतम एयरपोर्ट है जो राज्य और देश के अनेक शहरों से जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग- जालना रेलवे स्टेशन महाराष्ट्र और देश में विभिन्न शहरों से अनेक ट्रेनों के माध्यम से जुड़ा है।
सड़क मार्ग– जालना सड़क मार्ग से महाराष्ट्र और पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से जुड़ा हुआ है। राज्य परिवहन निगम की बसें जालना के लिए चलती हैं।
कहां ठहरें– जालना में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। जालना के पड़ोसी जिले औरंगाबाद में ठहरने की उत्तम व्यवस्था है, जिसमें यहां आने के दौरान ठहरा जा सकता है।