जवाहरलाल नेहरू (Jawaharlal Nehru)
जवाहरलाल नेहरू, भारत के स्वतंत्रता सेनानी और प्रथम प्रधानमन्त्री थे। महात्मा गांधी के संरक्षण में, वे भारतीय स्वतन्त्रता आन्दोलन के सर्वोच्च नेता के रूप में उभरे। जबकि भारतीय बच्चे उन्हें चाचा नेहरू के नाम से भी जानते है।
Contents
- 1 Jawaharlal Nehru Quick Info & Facts
- 2 पंडित जवाहर लाल नेहरू जीवनी ( Jawaharlal Nehru Biography (Jivani), history In Hindi)
- 3 शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन (Early Life & Education)
- 4 विवाह और संतान (Jawaharlal Nehru Marriage Life)
- 5 क्रांति के क्षेत्र में
- 6 स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India)
- 7 लेखक के रूप में
- 8 बच्चों के लिए थे चाचा नेहरू
- 9 जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कैसे हुई?
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Jawaharlal Nehru Quick Info & Facts

नाम | पंडित जवाहरलाल नेहरू |
अन्य नाम | चाचा नेहरू, पंडित जी |
जन्म | 14 नवम्बर, 1889 इलाहाबाद, उत्तर प्रदेश |
मृत्यु | 27 मई, 1964 दिल्ली |
मृत्यु कारण | दिल का दौरा |
पिता | पं. मोतीलाल नेहरू |
माता | स्वरूप रानी |
पत्नी | कमला नेहरू |
संतान | इंदिरा गाँधी |
पार्टी | भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस |
पद | भारत के प्रथम प्रधानमंत्री |
कार्य काल | 15 अगस्त 1947-27 मई 1964 |
शिक्षा | बैरिस्टर |
विद्यालय | इंग्लैण्ड के हैरो स्कूल, केंब्रिज के ट्रिनिटी कॉलेज |
जेल यात्रा | नौ बार |
पुरस्कार-उपाधि | भारत रत्न सम्मान |
रचनाएँ | भारत की खोज, विश्व इतिहास की झलक आदि |
अन्य जानकारी | नेहरू जी का जन्म दिवस 14 नवंबर पूरे देश में बाल दिवस के रूप में मनाया जाता है। |
पंडित जवाहर लाल नेहरू जीवनी ( Jawaharlal Nehru Biography (Jivani), history In Hindi)
जवाहरलाल नेहरू का जन्म 14 नवम्बर 1889 को उत्तरप्रदेश के इलाहाबाद में हुआ। जवारहलाल नेहरू के पिता का नाम मोतीलाल नेहरू और माता का नाम स्वरूप रानी था। मोतीलाल नेहरू एक प्रसिद्ध बैरिस्टर और कश्मीरी पण्डित थे।
मोती लाल नेहरू की दो शादियां हुई थीं। उनकी पहली पत्नी की मृत्यु प्रसव के दौरान ही मृत्यु हो गई थी। दूसरी बीवी स्वरूप रानी से एक पुत्र जवाहर और दो बेटियां विजय लक्ष्मी और कृष्णा हुई। बड़ी बहन, विजया लक्ष्मी, बाद में संयुक्त राष्ट्र महासभा की पहली महिला अध्यक्ष बनी। सबसे छोटी बहन, कृष्णा हठीसिंग लेखिका बनी और उन्होंने अपने परिवार-जनों से संबंधित कई पुस्तकें लिखीं।
शिक्षा और प्रारम्भिक जीवन (Early Life & Education)
जवाहरलाल नेहरू ने दुनिया के कुछ बेहतरीन स्कूलों और विश्वविद्यालयों में शिक्षा प्राप्त की थी। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा हैरो से और कॉलेज की शिक्षा ट्रिनिटी कॉलेज, कैम्ब्रिज (लंदन) से पूरी की थी। इसके बाद उन्होंने लॉ की डिग्री कैम्ब्रिज विश्वविद्यालय से पूरी की।
जवाहरलाल नेहरू 1912 में भारत लौटे और वकालत का कार्य शुरू किया।
विवाह और संतान (Jawaharlal Nehru Marriage Life)
जवाहरलाल नेहरू का विवाह 8 फरवरी 1916 में कमला कौल के साथ कर दिया गया। पुरानी दिल्ली के एक पारंपरिक कश्मीरी ब्राह्मण परिवार में पली-बढी कमला एक आदर्श भारतीय नारी थी।
सन 19 नवम्बर 1917 को कमला-जवाहरलाल के घर एक पुत्री का जन्म हुआ, जिसका नाम रखा गया ‘इंदिरा’। जो आगे चलकर अपने पिता की तरह देश की प्रधानमंत्री और काँग्रेस पार्टी की अध्यक्षा बनी।
क्रांति के क्षेत्र में
जवाहर लाल नेहरू ने अब तक जिस परिवेश में रहे थे, शिक्षा-दीक्षा पाई थी, उसमें अभाव तो दूर, अभाव की कल्पना तक नहीं थी; परंतु भारत वापस लौटने के बाद जब अपने देशवासियों की पीड़ा और उनकी दुर्दशा को निकट से देखा। तो वह देश तथा देशवासियों के लिए वे कुछ करने का दृढ़ निश्चय कर चुके थे।
1917 में जवाहर लाल नेहरू होम रुल लीग में शामिल हो गए। साल 1919 में हुई जब वे महात्मा गांधी के संपर्क में आए वे उनसे काफी प्रेरित हुए। उस समय महात्मा गांधी ने रॉलेट अधिनियम के खिलाफ एक अभियान शुरू किया था। नेहरू, महात्मा गांधी के शांतिपूर्ण, सविनय अवज्ञा आंदोलन के प्रति खासे आकर्षित हुए। 1920-22 के असहयोग आंदोलन के सिलसिले में उन्हें दो बार जेल भी जाना पड़ा।
सितंबर 1923 में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के महासचिव बने। 1928 में लखनऊ में साइमन कमीशन के खिलाफ एक जुलूस का नेतृत्व करते हुए उन पर लाठी चार्ज किया गया।
29 अगस्त 1928 में सर्वदलीय सम्मेलन में भाग लिया एवं वे उन लोगों में से एक थे जिन्होंने भारतीय संवैधानिक सुधार की नेहरू रिपोर्ट पर अपने हस्ताक्षर किये थे। इस रिपोर्ट का नाम उनके पिता श्री मोतीलाल नेहरू के नाम पर रखा गया था। इसी वर्ष नेहरू ने ‘भारतीय स्वतंत्रता लीग’ की स्थापना की एवं इसके महासचिव बने।
1929 में पंडित नेहरू भारतीय राष्ट्रीय सम्मेलन के लाहौर सत्र के अध्यक्ष चुने गए। 1930-35 के दौरान नमक सत्याग्रह आंदोलनों के चलते कई बार जेल जाना पड़ा। 14 फ़रवरी 1935 को अल्मोड़ा जेल में अपनी ‘आत्मकथा’ का लेखन कार्य पूर्ण किया।
स्वतन्त्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री (First Prime Minister of India)
सन् 1947 में भारत को आजादी मिलने पर जब स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमन्त्री का पद संभालने के लिए कांग्रेस में मतदान हुआ तो सरदार पटेल को सर्वाधिक मत मिले। उसके बाद सर्वाधिक मत आचार्य कृपलानी को मिले थे। किन्तु गांधीजी के कहने पर सरदार पटेल और आचार्य कृपलानी ने अपना नाम वापस ले लिया।
इस प्रकार जवाहरलाल नेहरू स्वतंत्र भारत के प्रथम प्रधानमंत्री बने। यद्यपि नेतृत्व का प्रश्न बहुत पहले 1941 में ही सुलझ चुका था, जब गांधीजी ने नेहरू को उनके राजनीतिक वारिस और उत्तराधिकारी के रूप में स्वीकार कर लिया था।
नेहरू के नेतृत्व में, कांग्रेस राष्ट्रीय और राज्य-स्तरीय चुनावों में प्रभुत्व दिखाते हुए और 1951, 1957, और 1962 के लगातार चुनाव जीतते हुए, एक सर्व-ग्रहण पार्टी के रूप में उभरी।
राजनीतिक संकटों और 1962 के चीनी-भारत युद्ध में उनके नेतृत्व की असफलता के बाद भी, वे भारत में लोगों के बीच लोकप्रिय बने रहे।
जवाहरलाल नेहरू को वर्ष 1955 में भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान ‘भारत रत्न’ से सम्मानित किया गया।
लेखक के रूप में
नेहरू जी ने व्यवस्थित रूप से अनेक पुस्तकों की रचना की है। जिसमे अधिकांश पुस्तकें जेल में ही लिखी गयी थी। इंदिरा गांधी को काल्पनिक पत्र लिखने के बहाने उन्होंने विश्व इतिहास का अध्याय-दर-अध्याय लिख डाला।
भारत की खोज (डिस्कवरी ऑफ इंडिया) ने लोकप्रियता के अलग प्रतिमान रचे हैं, जिस पर आधारित भारत एक खोज नाम से एक उत्तम धारावाहिक का निर्माण भी हुआ है।
- पिता के पत्र : पुत्री के नाम – 1929
- विश्व इतिहास की झलक (ग्लिंप्सेज ऑफ़ वर्ल्ड हिस्ट्री) – (दो खंडों में) 1933
- मेरी कहानी (ऐन ऑटो बायोग्राफी) – 1936
- भारत की खोज/हिन्दुस्तान की कहानी (दि डिस्कवरी ऑफ इंडिया) – 1945
- राजनीति से दूर
- इतिहास के महापुरुष
- राष्ट्रपिता
- जवाहरलाल नेहरू वाङ्मय (11 खंडों में)
बच्चों के लिए थे चाचा नेहरू
जवाहर लाल नेहरू बच्चों में काफी लोकप्रिय थे। उन्हें चाचा नेहरू भी कहा जाता था। उन्होंने बच्चों को अच्छी शिक्षा और प्रोत्साहन के लिए के योजनाएं भी चलाई। भारत मे प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू के जन्म दिवस (14 नवम्बर) के अवसर पर बाल दिवस (childrens day) मनाया जाता है।
बाल दिवस कब और क्यों मनाया जाता है?
दुनिया भर के देश मे बाल दिवस अलग अलग दिन मनाया जाता है। विश्व के इतिहास में इस दिवस की नींव 1925 को रखी गई थी। बाद में संयुक्त राष्ट्र संघ की महासभा द्वारा लिये गये निर्णय के अनुसार पहला विश्व बाल दिवस 20 नवंबर 1954 को मनाया गया।
भारत में भी बाल दिवस 1956 से 20 नवंबर को मनाया जाता था लेकिन 1964 में पंडित जवाहर लाल नेहरू के निधन के बाद उन्हें श्रद्धांजली देने के लिए उनके जन्म दिवस (14 नवंबर) को चिल्ड्रंस डे के रूप में मनाया जाने लगा।
जवाहरलाल नेहरू की मृत्यु कैसे हुई?
नेहरू की सेहत 1962 के बाद लगातार गिरने लगी थी। उस साल चीन ने भारत पर धोके से हमला किया था। ये भी कहा जाता है कि चीन के हाथों मिली जबरदस्त हार ने उन्हें काफी तोड़ दिया था। सन 1963 का साल नेहरू ने कश्मीर में बिताया, कुछ दिन उन्होंने देहरादून भी रहे। मई 1964 में वो देहरादून से दिल्ली लौट आये।
26 मई की रात नेहरू जब सोए, तो उनकी तबीयत सामान्य थी। 27 मई 1964 की सुबह 6.30 बजे नेहरू ने पीठ में दर्द की शिकायत की। डॉक्टर बुलाए गए तभी नेहरू बेहोश हो गए और बेहोशी की हालत में ही प्राण त्याग दिए।