Jhabua (M.P): History & Tourist Places in Hindi
झाबुआ (Jhabua) भारत के मध्य प्रदेश राज्य के झाबुआ ज़िले में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। यह आदिवासी हस्तशिल्प खासकर बांस से बनी वस्तुओं, गुडियों, आभूषणों और अन्य बहुत-सी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है।
Jhabua: History, Facts & Tourist Places | wiki
राज्य | मध्य प्रदेश |
क्षेत्रफल | 3600 वर्ग कि.मी. |
भाषा | हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | देवाझिरी, मालवई, अलीराजपुर, मोहनकोट, अमखुट, काठीवाडा, लखमनी ग्राम आदि। |
संबंधित लेख | मध्य प्रदेश के पर्यटन स्थल |
कब जाएं | अक्टूबर से मार्च। |
पश्चिमी मध्य प्रदेश में स्थित झाबुआ जिला गुजरात के वडोदरा, राजस्थान के बेंसवाडा और मध्य प्रदेश के धार व रतलाम जिलों से घिरा है। 16वीं शताब्दी में स्थापित यह जिला बहादुर सागर झील के किनारे बसा हुआ है। 6782 वर्ग किमी. में फैला झाबुआ मूलत: आदिवासी जिला है।
यहां मुख्यत: भील और भीलालस आदिवासी जातियां रहती हैं। यह जिला आदिवासी हस्तशिल्प खासकर बांस से बनी वस्तुओं, गुडियों, आभूषणों और अन्य बहुत-सी वस्तुओं के लिए प्रसिद्ध है। नर्मदा यहां से बहने वाली प्रमुख नदी है। भाभरा, देवाझिरी, काठीवाड़ा, लक्ष्मणी ग्राम, मलवई और अमखुट यहां के प्रमुख दर्शनीय स्थल हैं। झाबुआ इंदौर से लगभग 150 किमी. दूर है।
झाबुआ के प्रमुख पर्यटन स्थल (Best Places To visit in Jhabua)
भाभरा- जोबत तहसील का यह गांव जोबत से 32 किमी. की दूर जोबत-दोहड मार्ग पर स्थित है। इस गांव को महान देशभक्त और स्वतंत्रता सैनानी चन्द्रशेखर आजाद की जन्मस्थली माना जाता है।
देवाझिरी- झाबुआ से 8 किमी. दूर अहमदाबाद-इंदौर रोड पर सुनार नदी के किनार यह गांव स्थित है। गांव भगवान शिव के प्राचीन मंदिर और एक बरसाती झरना के लिए प्रसिद्ध है।
मालवई- अलीराजपुर से 5 किमी. दक्षिण में अलीराजपुर-वालपुर रोड पर मालवई स्थित है। यह स्थान विन्ध्याचल के निचली पहाड़ियों के सबसे रमणीय स्थलों में एक माना जाता है। 11वीं शताब्दी में बना महादेव मंदिर यहां का मुख्य आकर्षण है। यह मंदिर मालवा शैली में बना है। मंदिर में पत्थरों की शानदार मूर्तियां स्थापित हैं। यह मूर्तियां 12-13वीं शताब्दी की हैं।
अलीराजपुर- समुद्र तल से 300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित अलीराजपुर झाबुआ का प्रमुख नगर है। यह नगर अपने वास्तुशिल्प और लकड़ी पर की गई सुंदर कारीगरी के लिए विख्यात है। जोबत और लक्षमणजी तीर्थ के बीच का ट्रैकिंग रूट भी यहीं से होकर जाता है।
मोहनकोट- यह छोटा-सा गांव झाबुआ जिले के उत्तर दिशा में स्थित है। सरदारपुर अभ्यारण्य, थांडला का मैरी कैथोलिक चर्च और बमनिया मोहनकोट के नजदीकी दर्शनीय स्थल हैं।
अमखुट- झबुला के अलीराजापुर से करीब 24 किमी. उत्तर पश्चिम में यह गांव स्थित है। अमखुट का विन्ध्याचल श्रृंखला के सबसे खूबसूरत स्थानों में शुमार किया जाता है। गांव के बीचों बीच स्थापित केनेडियन क्रिश्चन मिशन इस शांत गांव की सबसे बड़ी खासियत है।
काठीवाडा- झाबुआ के अन्य स्थानों से काफी ऊंचाई पर बसे इस गांव में जिले की सबसे अधिक बारिश होती है। यह सुंदर और रमणीय गांव विन्ध्य श्रृंखला के तल पर स्थित है। काठीवाडा अलीराजपुर से 32 किमी. दूर उत्तर पश्चिम दिशा में है।
लखमनी ग्राम- अलीराजपुर से 8 किमी. दूर कुक्षी रोड पर स्थित यह गांव सूकर नदी के किनार बसा है। गांव अपने जैन मंदिरों के लिए प्रसिद्ध है जिनमें सफेद संगमरमर और काले संगमरमर की आकर्षक प्रतिमाएं स्थापित हैं। यहां कुछ हिन्दू मंदिरों का भी पता चला है जो 10-11वीं शताब्दी के माने जाते हैं।
जोबत- झबुला से 30 किमी. दूर स्थित जोबत जिले के दक्षिणी हिस्से में है। स्वतंत्रता से पूर्व यह एक रियासत थी। जोबत बांध यहां का प्रमुख आकर्षण है। इंदौर यहां का नजदीकी एयरपोर्ट और रेलवे स्टेशन है।
झाबुआ कैंसे पहुंचे (How To Reach Jhabua)
वायु मार्ग- इंदौर का देवी अहिल्याबाई होल्कर एयरपोर्ट यहां का नजदीकी एयरपोर्ट है। यह एयरपोर्ट देश के अनेक बड़ों शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा है। इंदौर यहां से करीब 150 किमी. दूर है।
रेल मार्ग- इंदौर रेलवे स्टेशन झबुला का नजदीकी प्रमुख रेलवे स्टेशन है। देश के अनेक बड़े शहरों से यह रेलवे स्टेशन जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग- राष्ट्रीय राजमार्ग 59 झाबुआ को अन्य शहरों से जोड़ता है। मध्य प्रदेश और अन्य पड़ोसी राज्यों के अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती हैं।
कहां ठहरें- झाबुआ में ठहरने के लिए होटलों का अभाव है। इसके निकटतम एयरपोर्ट इंदौर में अनेक होटल उपलब्ध हैं।