Jharkhand Tourism: झारखण्ड के प्रमुख पर्यटन स्थल
झारखंड (Jharkhand) को प्रकृति ने अप्रतिम सौंदर्य और असीमित पर्यटन स्थलों से नवाजा है। एक तरफ झारखण्ड में ख़ूबसूरत झरने, नदी, पहाड़, पठार और वन्य प्रदेश शामिल हैं। वहीँ दूसरी ओर कई मानवनिर्मित इमारतें, उद्यान, मंदिर और प्राचीन कला स्थल भी है।
#1 रांची (Ranchi)
राँची (Ranchi) भारत के झारखण्ड राज्य की राजधानी है। राँची को झरनों का शहर भी कहा जाता है। पहले जब यह बिकृतिक सुन्दरता के अलावा राँची ने अपने खूबसूरत पर्यटक स्थलों के दम पर विश्व के पर्यटक मानचित्र पर भी पुख्ता पहचान बनाई है। हार राज्य का भाग था
गोंडा हिल एण्ड रॉक गार्डन: रांची में पर्यटक गोंडा हिल और रॉक गार्डन की सैर पर जा सकते हैं। रॉक गार्डन को गोंडा हिल की चट्टानों को काटकर बनाया गया है। गोंडा हिल की तराई में एक बांध का निर्माण किया गया हैं। जो इसकी खूबसूरती को कई गुना बढ़ा देता है। यह सब मिलकर इसे एक बेहतरीन पिकनिक स्पॉट बनाते हैं।
मछली घर: रांची में मछलीघर में पर्यटक विभिन्न प्रजातियों की रंग-बिरंगी मछलियों को देख और खरीद सकते हैं। जबकि मगरमच्छ प्रजनन केन्द्र में लगभग 50 मगरमच्छों को देखा जा सकता है। यह दोनों बहुत खूबसूरत हैं और पर्यटकों को बहुत पसंद आते हैं।
टैगोर पहाड़ी: टैगोर पहाड़ी की गिनती रांची के प्रमुख पर्यटक स्थलों में की जाती है। इस पहाड़ी से पूरे रांची के मनोहारी दृश्य देखे जा सकते हैं। इसका निर्माण गुरूदेव रवीन्द्रनाथ ठाकुर के बड़े भाई ने कराया था।
मैक क्लुस्किगंज: यूरोपियन शैली के बंगलों और आदिवासी संग्राहलय के लिए मैक क्लुस्किगंज स्थानीय निवासियों के साथ पर्यटकों में भी बहुत लोकप्रिय है।
झरने: प्रकृति के अनमोल उपहार झरनों को रांची के पर्यटन उद्योग की जान माना जाता है। इन झरनों में हुन्डरू, जोन्हा, दसम और पांच गाघ झरने प्रमुख हैं।
- दशम जलप्रपात: राँची से लगभग 40 किलोमीटर दूर।
- जोन्हा जलप्रपात: राँची से लगभग 18 किलोमीटर दूर।
- हुन्डरु जलप्रपात: राँची से लगभग 28 किलोमीटर दूर।
- जगन्नाथपुर मंदिर: पुरी की स्थापत्य शैली में निर्मित मंदिर।
#2 देवघर (Devaghar)
वैद्यनाथ धाम: शिव का एक नाम ‘वैद्यनाथ भी है, इस कारण लोग इसे ‘वैद्यनाथ धाम’ भी कहते हैं। वैद्यनाथ शिव के पवित्र द्वादश ज्योतिर्लिंग में से एक है। हर सावन में यहाँ लाखों शिव भक्तों की भीड़ उमड़ती है। और पढ़ें: वैद्यनाथ मंदिर
त्रिकुट: देवघर से 16 किलोमीटर दूर दुमका रोड पर एक खूबसूरत पर्वत त्रिकूट स्थित है। इस पहाड़ पर बहुत सारी गुफाएं और झरनें हैं। बैद्यनाथ से बासुकीनाथ मंदिर की ओर जाने वाले श्रद्धालु मंदिरों से सजे इस पर्वत पर रुकना पसंद करते हैं।
नौलखा मंदिर: यह मंदिर अपने वास्तुशिल्प की खूबसूरती के लिए जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण बालानन्द ब्रह्मचारी के एक अनुयायी ने किया था जो शहर से 8 किलोमीटर दूर तपोवन में तपस्या करते थे।
नंदन पर्वत: नन्दन पर्वत की महत्ता यहां बने मंदिरों के झुंड के कारण है जो विभिन्न देवों को समर्पित हैं। पहाड़ की चोटी पर कुंड भी है जहां लोग पिकनिक मनाने आते हैं।
पाथरोल काली मंदिर: मधुपुर में एक प्राचीन सुंदर काली मंदिर है, जिसे “पथरोल काली माता मंदिर” के नाम से जाना जाता है। इस मंदिर का निर्माण राजा दिग्विजय सिंह ने लगभग 6 से 7 शताब्दी पहले करवाया था।
#3 जमशेदपुर (Jamshedpur)
जमशेदपुर, भारत के झारखंड राज्य का एक शहर है। जमशेदपुर को व्यवसायी जमशेदजी टाटा के नाम से जोड़ा जाता है। 1907 में टाटा आयरन ऐंड स्टील कंपनी (TISCO) की स्थापना से इस शहर की बुनियाद पड़ी।
जमशेदपुर आज भारत के सबसे प्रगतिशील औद्योगिक नगरों में से एक है। टाटा घराने की कई कंपनियों के उत्पादन इकाई जैसे टिस्को, टाटा मोटर्स, टिस्कॉन, टिन्पलेट, टिमकन, ट्यूब डिवीजन, इत्यादि यहाँ कार्यरत है।
#4 धनबाद (Dhabad)
धनबाद कोयले की खानों के लिये मशहूर है। यह नगर कोयला खनन के क्षेत्र में भारत में सबसे प्रसिद्ध है। पर्यटन के लिहाज से भी यह खदानें काफी महत्वपूर्ण हैं क्योंकि पर्यटक बड़ी संख्या में इन खदानों को देखने आते हैं।
धनबाद के प्रमुख पर्यटक स्थलों में पानर्रा, पंचेत डैम, बिरसा मुंडा पार्क, तोपचांची झील, पारसनाथ पहाड़ और मैथन डैम प्रमुख हैं।
#5 दुमका (Dumka)
दुमका (Dumka) भारत के झारखंड राज्य के दुमका ज़िले में स्थित एक शहर है। दुमका में दस प्रखंड हैं जो निम्नलिखित हैं : दुमका, गोपीकांदर, जामा, जरमुंडी, काठीकुंड, मसलिया, रामगढ़, रानेश्वर, शिकारीपाड़ा और सरैयाहाट। दुमका में पर्यटन के दृष्टिकोण से कई महत्वपूर्ण स्थान है। जैसे –
वासुकिनाथ मंदिर: यह दुमका शहर से 25 किमी की दूरी पर अवस्थित है। यहाँ हरवर्ष सावन के महिने में देश विदेश से शिव भक्त आते है और गंगा जल अर्पित करते है।
मलूटी मन्दिर: यह मंदिर दुमका-तारापीठ, रामपुरहाट मार्ग मे अवस्थित है। मलूटी को मंदिरों का गांव भी कहा जाता है। यहां का मुख्य मंदिर माँ मौलिक्षा को समर्पित है जिसे माँ तारा (तारापीठ, रामपुरहाट प.बंगाल) की बहन माना जाता है।
मसानजोर डेम: मसानजोर डेम या कनाडा डेम दुमका शहर से 25km की दूरी पर मयूराक्षी नदी पर बनाया गया है। यहां की प्राकृतिक छटा देखने योग्य है।
#6 पमालू (Palamu)
पलामू भारतीय राज्य झारखंड का उत्तर-पश्चिमी जिला है। जिले का मुख्यालय मेदिनीनगर है। पलामू जैविक विविधता की दृष्टि से अत्यंत समृद्ध है।
पलामू में दो दुर्ग हैं। इन किलों को ‘पुराना किला’ और ‘नया किला’ कहा जाता है। इस किले को राजा मेदिनी राय ने बनवाया था। जो वर्तमान समय में कुछ जर्जर हो चुके है, लेकिन ये आज भी इस क्षेत्र की शान हैं और पर्यटकों के लिए प्रमुख आकर्षण केंद्र भी।
#7 पारसनाथ (Parasnath)
पारसनाथ पहाडी झारखंड के गिरिडीह जिले में स्थित पहाड़ियों की एक श्रृंखला है। यह जैन के लिए सबसे महत्वपूर्ण तीर्थस्थल केंद्र में से एक है। वे इसे सम्मेद शिखर कहते हैं। 23 वें तीर्थंकर के नाम पर इस पहाड़ी का नाम पारसनाथ रखा गया है।
#8 नेतरहाट (Netarhat)
यह पहाड़ियों में स्थित एक पर्यटक स्थल है, और इसे “छोटानागपुर की रानी” के नाम से जाना जाता है। यहां सूर्योदय एवं सूर्यास्त का दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
उपरी घाघरी झरना: नेतरहाट से 4 किमी दूर यह जगह प्रसिद्व पिकनिक स्थल के रूप में जाना जाता है। यहां की प्राकृतिक सुन्दरता के बीच पिकनिक मनाने का अपना अलग ही मजा है।
निचली घाघरी झरना: 32 फीट की उंचाई से गिरते हुए इस झरने को देखने हजारों की संख्या पर्यटक गर्मी के दिनों में यहां आते है। यहां के आस-पास के जंगल इतने घने है कि सूर्य की किरणें भी इसको पार नही कर पाती है।
लोध झरना: नेतरहाट से 60 किमी दूर स्थित यह झरना बुरहा नदी के पास स्थित है। 468 की उंचाई पर स्थित यह झरना झारखंड का सबसे उंचा झरना माना जाता है। कहा जाता है कि इस झरने की गिरने की आवाज आस-पास के 10 किमी दूर तक सुनाई देती है।
चीड़ वन: नेतरहाट में चीड़ वन के बीच एक अभयारण्य है जो लोगों को इस भाग में आने के लिए उत्साहित करता है। यह कहा जा सकता है कि यह स्थान पूरे झारखंड राज्य में सबसे ठंडा है।