कामिका एकादशी : व्रत कथा, मुहूर्त एवं पूजा विधि
श्रावण मास की कृष्ण एकादशी को कामिका एकादशी के नाम से जाना जाता है। मान्यता है कि इस दिन व्रत-पूजन करने से अधूरी मनोकामनाएं विष्णु भगवान अवश्य पूरी करते है। इस वर्ष कामिका एकादशी 4 अगस्त को है।
कामिका एकादशी व्रत
आधिकारिक नाम | कामिका एकादशी व्रत |
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तिथि | श्रावण मास की कृष्ण एकादशी |
अनुयायी | हिन्दू |
प्रकार | व्रत |
उद्देश्य | सर्वकामना पूर्ति |
अतिरिक्त जानकारी | व्रत करने अथवा कथा सुनने से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। |
सम्बंधित लेख | एकादशी व्रत |
कमिका एकादशी महात्म्य कथा
युधिष्ठिर ने पूछा- गोविन्द! वासुदेव! आपको मेरा नमस्कार है। श्रावण (गुजरात महाराष्ट्र के अनुसार आषाढ) के कृष्णपक्ष में कौन सी एकादशी होती है ? कृपया उसका वर्णन कीजिये ।
भगवान श्रीकृष्ण बोले राजन्! सुनो मैं तुम्हें एक पाप नाशक उपाख्यान सुनाता हूँ, जिसे पूर्वकाल में ब्रह्माजी ने नारद जी के पूछने पर कहा था।
नारदजी ने प्रश्न किया हे भगवन! हे कमलासन! मैं आपसे यह सुनना चाहता हूँ कि श्रवण के कृष्णपक्ष में जो एकादशी होती है, उसका क्या नाम है? उसके देवता कौन तथा उससे कौन सा पुण्य होता है? प्रभु यह सब बताइये।
ब्रह्माजी ने कहा नारद सुनो! मैं सम्पूर्ण लोकों के हित की इच्छा से तुम्हारे प्रश्न का उत्तर दे रहा हूँ। श्रावण मास में जो कृष्णपक्ष की एकादशी होती है, उसका नाम ‘कामिका’ है। उसके स्मरण मात्र से वाजपेय यज्ञ का फल मिलता है। उस दिन श्रीधर, हरि, विष्णु, माधव और मधुसूदन आदि नामों से भगवान का पूजन करना चाहिए।
भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से जो फल मिलता है, वह गंगा, काशी, नैमिषारण्य तथा पुष्कर क्षेत्र में भी सुलभ नहीं है। सिंह राशि के बृहस्पति होने पर तथा व्यतीपात और दण्डयोग में गोदावरी स्नान से जिस फल की प्राप्ति होती है, वही फल भगवान श्रीकृष्ण के पूजन से भी मिलता है।
जो समुद्र और वनसहित समूची पृथ्वी का दान करता है तथा जो कामिका एकादशी का व्रत करता है, वे दोनों समान फल के भागी माने गये हैं। जो ब्यायी हुई गाय को अन्यान्य सामग्रियों सहित दान करता है, उस मनुष्य को जिस फल की प्राप्ति होती है, वही कामिका एकादशी का व्रत करने वाले को मिलता है। जो नरश्रेष्ठ श्रावण मास में भगवान श्रीधर का पूजन करता है, उसके द्वारा गन्धवों और नाग सहित सम्पूर्ण देवताओं की पूजा हो जाती है ।
अतः पापभीरु मनुष्यों को यथाशक्ति पूरा प्रयत्न करके कामिका एकादशी के दिन श्रीहरि का पूजन करना चाहिए। जो पापरूपी पंक से भरे हुए संसार समुद्र में डूब रहे हैं. उनका उद्धार करने के लिए ‘कामिका एकादशी’ का व्रत सबसे उत्तम है। अध्यात्म विधापरायण पुरुषों को जिस फल की प्राप्ति होती है, उससे बहुत अधिक फल कामिका एकादशी व्रत का सेवन करने वालों को मिलता है। ‘कामिका एकादशी’ का व्रत करने वाला मनुष्य रात्रि में जागरण करके न तो कभी भयंकर यमदूत का दर्शन करता है और न कभी दुर्गति में ही पड़ता है।
लालमणि, मोती, वैदूर्य और मूँगे आदि से पूजित होकर भी भगवान विष्णु वैसे संतुष्ट नहीं होते, जैसे तुलसीदल से पूजित होने पर होते हैं। जिसने तुलसी की मंजरियों से श्रीकेशव का पूजन कर लिया है, उसके जन्मभर का पाप निश्चय ही नष्ट हो जाता है।
या दृष्टा निखिलाघसंघशमनी स्पृष्टा वपुष्पावनी ।
रोगाणामभिवन्दिता निरसनी सिक्कान्तकत्रासिनी ।
प्रत्यासतिविधायिनी भगवतः कृष्णस्य संरोपिता।
न्यस्ता तच्चरणे विमुक्तिफलदा तस्यै तुलस्यै नमः ॥
जो दर्शन करने पर सारे पाप समुदाय का नाश कर देती है, स्पर्श करने पर शरीर को पवित्र बनाती है, प्रणाम करने पर रोगों का निवारण करती है, जल से सींचने पर यमराज को भी भय पहुँचाती है, आरोपित करने पर भगवान श्रीकृष्ण के समीप ले जाती है और भगवान के चरणों मे चढ़ाने पर मोक्षरुपी फल प्रदान करती है, उस तुलसी देवी को नमस्कार है।’
जो मनुष्य एकादशी को दिन रात दीपदान करता है, उसके पुण्य की संख्या चित्रगुप्त भी नहीं जानते। एकादशी के दिन भगवान श्रीकृष्ण के सम्मुख जिसका दीपक जलता है, उसके पितर स्वर्गलोक में स्थित होकर अमृतपान से तृप्त होते हैं। घी या तिल के तेल से भगवान के सामने दीपक जलाकर मनुष्य देह त्याग के पश्चात् करोड़ो दीपकों से पूजित हो स्वर्ग लोक में जाता है।”
भगवान श्रीकृष्ण कहते हैं युधिष्ठिर यह तुम्हारे सामने मैंने कामिका एकादशी की महिमा का वर्णन किया है। ‘कामिका’ सब पातकों को हरने वाली है, अतः मानवों को इसका व्रत अवश्य करना चाहिए। यह स्वर्गलोक तथा महान पुण्यफल प्रदान करनेवाली है। जो मनुष्य श्रद्धा के साथ इसका माहात्म्य श्रवण करता है, यह सब पापों से मुक्त हो श्री विष्णु लोक में जाता है ।
2021 में कामिका एकादशी व्रत कब है? (Kamika ekadashi Vrat Date and Muhurat)
हिंदू कैलेंडर के अनुसार, कामिका एकादशी श्रावण मास की कृष्ण एकादशी के दौरान ग्यारहवें दिन (एकादशी) को आती है। इंग्लिश कलेंडर के अनुसार, यह जुलाई अगस्त में पड़ता है। इस वर्ष कमिका एकादशी 4 अगस्त को है।
Important Timings On Kamika Ekadashi
सूर्योदय (Sunrise) | August 04, 2021 6:02 AM |
सुर्यास्त (Sunset) | August 04, 2021 7:03 PM |
द्वादशी समाप्त (Dwadishi End) | August 05, 2021 5:09 PM |
एकादशी प्रारम्भ (Tithi Begins) | August 03, 2021 1:00 PM |
एकादशी समाप्त (Tithi Ends) | August 04, 2021 3:17 PM |
हरि वासरा समाप्त (Hari Vasara End) | August 04, 2021 9:45 PM |
पारण समय (Parana Time) | August 05, 6:03 AM – August 05, 8:39 AM |
Kamika Ekadashi festival dates between 2018 & 2028
Year | Date |
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2021 | Wednesday, 4th of August |
2022 | Sunday, 24th of July |
2023 | Thursday, 13th of July |
2024 | Wednesday, 31st of July |
2025 | Monday, 21st of July |
2026 | Sunday, 9th of August |
2027 | Thursday, 29th of July |
2028 | Tuesday, 18th of July |
2021 एकादशी व्रत दिनांक सूची (ekadashi Vrat date list in 2021)
शुक्रवार, 23 अप्रैल | कामदा एकादशी |
शुक्रवार, 07 मई | वरुथिनी एकादशी |
रविवार, 23 मई | मोहिनी एकादशी |
रविवार, 06 जून | अपरा एकादशी |
सोमवार, 21 जून | निर्जला एकादशी |
सोमवार, 05 जुलाई | योगिनी एकादशी |
मंगलवार, 20 जुलाई | देवशयनी एकादशी |
बुधवार, 04 अगस्त | कामिका एकादशी |
बुधवार, 18 अगस्त | श्रावण पुत्रदा एकादशी |
शुक्रवार, 03 सितंबर | अजा एकादशी |
शुक्रवार, 17 सितंबर | परिवर्तिनी एकादशी |
शनिवार, 02 अक्टूबर | इन्दिरा एकादशी |
शनिवार, 16 अक्टूबर | पापांकुशा एकादशी |
सोमवार, 01 नवंबर | रमा एकादशी |
रविवार, 14 नवंबर | देवुत्थान एकादशी |
मंगलवार, 30 नवंबर | उत्पन्ना एकादशी |
मंगलवार, 14 दिसंबर | मोक्षदा एकादशी |
गुरुवार, 30 दिसंबर | सफला एकादशी |