Kasaragod (Kerala): History & Places To Visit in Hindi
कसरगोड (kasargod) भारत के केरल राज्य में कासरगोड जिले का एक नगरपालिका शहर और प्रशासनिक मुख्यालय है।
Kasaragod: History, Facts & Tourist Places in Hindi | wiki
राज्य | केरल |
क्षेत्रफल | 1992 वर्ग किमी |
भाषा | मलयालम, हिंदी और इंग्लिश |
दर्शनीय स्थल | बेकल किला, कपिल बीच, चन्द्रगिरि किला, कोट्टनचेरी हिल्स, रानीपुरम, मधुर सिद्धिविनायक मंदिर आदि। |
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कब जाएं | अगस्त से मार्च। |
केरल के उत्तरी सिर पर स्थित कसरगोड पर्यटन की दृष्टि से एक अलग स्थान रखता है। यह नगर अपने किलों, नदियों, पहाड़ियों और खूबसूरत समुद्र तटों के लिए जाना जाता है। यहां की अधिकांश आबादी मछली पालन से अपनी जीविका चलाती है।
साथ ही यहां की हैंडलूम इंडस्ट्री अपनी उन्नत अवस्था में है। कसरगोड पूर्व में पश्चिमी घाट, पश्चिम में अरब सागर, उत्तर में कर्नाटक और दक्षिण में कन्नूर जिले से घिरा है। प्राकृतिक संसाधनों से भरपूर यह जिला सैलानियों को बहुत पसंद आता है।
बेकल किला– कसरगोड जिले का यह सबसे विशाल किला दक्षिणी कसरगोड से 16 किमी. दूर राष्ट्रीय राजमार्ग पर स्थित है। किले से अरब सागर में उठती लहरों का सुंदर नजारा देखा जा सकता है। माना जाता है कि इस किले का निर्माण विजयनगर के शासकों ने करवाया था। किले के भीतर अंजनेय मंदिर है और बाहर विशाल मस्जिद बनी हुई है जिसे टीपू सुल्तान ने बनवाया था। किले के आसपास पर्यटकों की अनेक गतिविधियां चलती रहती हैं।
कपिल बीच– कपिल बीच बेकल किले से 6 किमी. की दूरी पर है। सूर्य की रोशनी में नहाता यह बीच सैलानियों को एक अलग तरह की दुनिया का आभास कराता है। बीच के निकट ही कोडु चट्टान पर चढ़कर पर्यटक लहराते अरब सागर के सुंदर दृश्य देखते हैं।
चन्द्रगिरी किला– दक्षिण पूर्व कसरगोड में स्थित इस किले को 17वीं शताब्दी में बेदानोर के शिवप्पा नायक द्वारा बनवाया गया था। चन्द्रगिरी नदी के दक्षिणी तट पर बने इस किले के दूसरी तरफ पायसविनी नदी बहती है। किल के नजदीक ही एक मस्जिद और सस्था मंदिर बना हुआ है। विशाल वर्गाकार में बना यह किला कसरगोड नगर से 3 किमी. की दूरी पर है।
कोट्टनचेरी हिल्स– कसरगोड जिले की यह पहाड़ियां पश्चिमी घाट का एक हिस्सा है। घने जंगलों, घास के मैदानों और जड़ी बूटियों के पौधों से घिरी यह पहाड़ियों कोनक्कडी के निकट स्थित है। कोडईकनाल की अनुपम सुंदरता इन पहाड़ियों से निहारी जा सकती है। कोनक्कड के निकट रन फॉरेस्ट को ट्रैकिंग हेतु आदर्श स्थान माना जाता है। समुद्र तल से इन पहाड़ियों की ऊंचाई 3000 फीट है।
मलिक दीनार मस्जिद– मलिक दीनार मस्जिद कसरगोड नगर की एक ऐतिहासिक मस्जिद है। जूमा मस्जिद के नाम से विख्यात यह मस्जिद थालांगढ में स्थित है। यह मस्जिद नगर का मुख्य आकर्षण है। मस्जिद में मलिक इब्न मोहम्मद की कब्र है।
रानीपुरम– रानीपुरम को प्रारंभ में मदुथुमाला के नाम से जाना जाता था। यह खूबसूरत पहाड़ी क्षेत्र कसरगोड से 85 किमी. दूर समुद्र तल से 780 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है। यहां की जलवायु और वातावरण ऊटी जैसा है। यहां की पहाड़ियों में जंगली हाथियों को घूमते हुए देखा जा सकता है। रानीपुरम ट्रैकिंग के लिए एकदम उपयुक्त माना जाता है। ठहरने के लिए यहां टूरिस्ट कॉटेज की भी व्यवस्था है।
अजानूर– मदियां कूलम मंदिर के लिए विख्यात अजानूर कसरगोड जिले का एक छोटा सा गांव है, जो कनहंगड से लगभग 5 किमी. की दूरी पर है। भद्रकाली मंदिर की मुख्य आराध्य देवी हैं। इस मंदिर की सबसे बड़ी खासियत यह है कि यहां ब्रह्माण पुजारी मात्र दोपहर में पूजा करते हैं। सुबह और शाम की पूजा मुनियानी सम्प्रदाय द्वारा की जाती है।
वीरमाला हिल्स– यह पहाड़ियां कसरगोड जिले की छोटी पहाड़ियां हैं जो चेरूवथूर में हैं। पहाड़ी की चोटी पर 18वीं शताब्दी में बने डच किले के अवशेष देखे जा सकते हैं। यह स्थान पिकनिट स्थल के रूप में काफी लोकप्रिय है। आसपास की प्राकृतिक सुंदरता और करियंगोड नदी के अद्भुत नजारे यहां से देखे जा सकते हैं।
मधुर सिद्धिविनायक मंदिर– कसरगोड से 8 किमी. उत्तर पूर्व में मधुर महा गणपति मंदिर स्थित है जो हर साल हजारों श्रद्धालुओं को आकर्षित करता है। तीन खंड का यह विशाल मंदिर वास्तुकारी अद्भुत नमूना है। पुरातात्विक दृष्टि से महत्वपूर्ण मधुवाहिनी नदी के तट पर बने इस मंदिर में सुंदर सजावट की गई है।
कसरगोड कैंसे पहुंचे (How to Reach Kasaragod)
वायु मार्ग– कसरगोड का निकटतम एयरपोर्ट मंगलौर में है जो 50 किमी. की दूरी पर है। यह एयरपोर्ट देश के तमाम बड़े शहरों से विभिन्न फ्लाइटों के माध्यम से जुड़ा है।
रेल मार्ग– कसरगोड नगर का रेलवे स्टेशन राज्य के साथ-साथ देश अन्य कई शहरों से जुड़ा हुआ है।
सड़क मार्ग– कसरगोड राज्य के अन्य शहरों से सड़क मार्ग से जुड़ा हुआ है। आसपास के अनेक शहरों से यहां के लिए राज्य परिवहन निगम की तथा निजी बसें चलती हैं।