Keeping Dog: हमें घर में कुत्ता पालना चाहिए या नही?
Keeping Dog at Home: आजकल घरों में कुत्ता पालने का एक ट्रेंड बन गया है। कुछ लोग अपना अकेलापन दूर करने के लिए कुत्ता पालते हैं, तो कुछ सुरक्षा के लिए। लेकिन धार्मिक मान्यता अनुसार घर में कुत्ता पालना चाहिए या नही? आइए जानते हैं धर्म इस बारे में क्या कहता है..
घर में कुत्ता पालना चाहिए या नही (Should a dog be kept at home or not?)
कुत्ता या श्वान भेड़िया कुल की एक प्रजाति है। यह मनुष्य के पालतू पशुओं में से एक महत्त्वपूर्ण प्राणी है। इसकी मादा को “कुतिया” और शावक को “पिल्ला” कहते हैं। कुत्ते का औसत जीवनकाल लगभग 12 वर्ष तक का होता है। यह जीव जंगल तथा मानव समाज के बीच रहने वाला सर्वाहारी जानवर है।
पालतू जानवर के रूप में इतिहास: कुत्तों को पालतू जानवर के रूप में रखने का एक लंबा इतिहास है। पुरातत्त्ववेत्ता को इसराइल में खुदाई के दौरान एक बुजुर्ग मानव और एक चार से पांच महीने की उम्र के पिल्ले के अवशेष एक साथ दफन मिले।
प्रारंभ में में कुत्तों को घर की रक्षा के लिए पालतू जानवर के रूप में रखा जाता था। लेकिन धीरे-धीरे समय के साथ कुत्ते, मानव जीवन और परिवार का हिस्सा बन गये।
लोग कुत्ता क्यों पसंद करते है? (Why do people like keeping dogs?)
आजकल घरों में कुत्ता पालने का एक ट्रेंड बन गया है। कुछ लोग अपना अकेलापन दूर करने के लिए कुत्ता पालते हैं, तो कुछ सुरक्षा के लिए। प्रधानतः निम्न कारणों से कुत्ते का पालन किया जाता है.
- कुत्ता एक वफादार प्राणी होता है, जो हर तरह के खतरे को पहले ही भांप लेता है।
- कुछ लोग कुत्ते को अपने साथी या दोस्त के रूप में पालते हैं। कुत्ता वफादारी और स्नेहशीलता के साथ मानवों के साथ अच्छे संबंध बना सकता है।
- प्राचीन और मध्य काल में पहले लोग कुत्ता अपने साथ इसलिए रखते थे ताकि वे जंगली जानवरों, लुटेरों और भूतादि से बच सके।
- बंजारा जाति और आदिवासी लोग कुत्ते को पालते थे ताकि वे हर तरह के खतरे से पहले ही सतर्क हो जाएं। भारत में जंगल में रहने वाले साधु-संत भी कुत्ता इसीलिए पालते थे ताकि कुत्ता उनको खतरे के प्रति सतर्क कर दे।
- आजकल लोग घर में कुत्ता इसलिए पालते हैं कि वह उनके घर की चोरों से रक्षा कर सके।
इन कारणों के साथ-साथ, कुत्ते को पालने से लोगों को देखभाल, सहयोग और एक साथी का साथ मिलता है, जो उनके जीवन को और भी रंगीन और सुखमय बना सकता है।
क्या हिन्दू धर्म अनुसार कुत्ता पालना चाहिए (Is keeping dog allowed in Hinduism)
Dog in Hinduism: प्रायः देखा जाता है कि कुत्ता जिस भी घर में होता है या तो वह घर बर्बाद हो जाता है या फिर उस घर की तरक्की दिन दूनी और रात चौगुनी होती है। हिन्दू धर्म के पुराणों में कुत्ते को यम का दूत कहा गया है। ऋग्वेद में एक स्थान पर जघन्य शब्द करने वाले श्वानों का उल्लेख मिलता है, जो विनाश के लिए आते हैं।
घर मे कुत्ता पालने का शास्त्रीय शंका समाधान: महाभारत में स्वर्गारोहण पर्व का अंतिम अध्याय में इंद्र और धर्मराज और युधिष्ठिर संवाद में इस बात का उल्लेख है। जब युधिष्ठिर ने पूछा कि मेरे साथ साथ यंहा तक आने वाले इस कुत्ते को मैं अपने साथ स्वर्ग क्यो नही ले जा सकता, तब इंद्र ने कहा।
इंद्र उवाच! हे राजन कुत्ता पालने वाले के लिए स्वर्ग में स्थान नही है ! ऐसे व्यक्तियों का स्वर्ग में प्रवेश वर्जित है। कुत्ते से पालित घर मे किये गए यज्ञ,और पुण्य कर्म के फल को क्रोधवश नामक राक्षस उसका हरण कर लेते है और तो और उस घर के व्यक्ति जो कोई दान, पुण्य, स्वाध्याय, हवन और कुवा बावड़ी इत्यादि बनाने के जो भी पुण्य फल इकट्ठा होता है, वह सब घर में कुत्ते की उपस्थित और उसकी दृष्टि पड़ने मात्र से निष्फल हो जाता है।
- जिसके घर में कुत्ता होता है उसके यहाँ देवता (भोजन) ग्रहण नहीं करते।
- यदि कुत्ता घर में हो और किसी का देहांत हो जाए तो देवताओं तक पहुँचने वाली वस्तुएं देवता स्वीकार नहीं करते, अत: यह मुक्ति में बाधा हो सकता है ।
- कुत्ते के छू जाने पर द्विजों के यज्ञोपवीत खंडित हो जाते हैं, अत: धर्मानुसार कुत्ता पालने वालों के यहाँ ब्राह्मणों को नहीं जाना चाहिए।
- कुत्ते के सूंघने मात्र से प्रायश्चित्त का विधान है, कुत्ता यदि हमें सूंघ ले तो हम अपवित्र हो जाते हैं।
- कुत्ते की दृष्टि जिस भोजन पर पड़ जाती है वह भोजन खाने योग्य नहीं रह जाता।
उपरोक्त सभी बातें शास्त्रीय हैं, अन्यथा ना लें, ये कपोल कल्पित बातें नहीं हैं।
इस्लाम में कुत्ता पालना जायज है या नाजायज? (Is keeping dogs allowed in Islam or not?)
Islamic Views Regarding Dogs: पवित्र इस्लामी शरीअत (धर्म शास्त्र) ने कुत्ता रखना मुसलमान पर हराम (निषिद्ध) करार दिया है। इस्लाम धर्म के अनुसार जिस घर में कुत्ता होता है वहां फरिश्ते नहीं जाते- (सहीह मुस्लिम हदीस नं 2106)।
लेकिन शिकार के लिए, या मवेशियों की रखवाली के लिए या खेती (फसल) की रखवाली के लिए रखा जा सकता है। नबी सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम ने फरमाया : “जिस ने मवेशियों, या शिकार, या खेती के कुत्ते के अलावा कोई कुत्ता रखा, उसके अज्र (पुण्य) से हर दिन एक क़ीरात कम कर दिया जाता है।” (हदीस संख्या : 1575).
ज्योतिष अनुसार कुत्ता पालना (keeping dog Acroding to Astrology)
हिंदू मान्यता में प्रथम रोटी गाय को और अंतिम रोटी कुत्ते को खिलाने की परंपरा प्राचीनकाल से रही है। वैदिक ज्योतिष में शनि ग्रह से जोड़कर देखा जाता है। कुत्ते की सेवा और रोटी खिलाने का जिक्र तो मिलता है चलन तो है किंतु पालने का नही। लाल किताब के अनुसार कुत्ता केतु की शुभता के लिए घर में कुत्ता पाला जा सकता है, लेकिन वह भी कुंडली का विश्लेषण करने के बाद। Read Also: हिंदू मान्यता के वैज्ञानिक आधार
भैरव महाराज का सेवक
कुत्ते को हिन्दू देवता भैरव महाराज का सेवक माना जाता है। कुत्ते को भोजन देने से भैरव महाराज प्रसन्न होते हैं और हर तरह के आकस्मिक संकटों से वे भक्त की रक्षा करते हैं। मान्यता है कि कुत्ते को प्रसन्न रखने से समृद्धि और अरोगय की प्राप्ति होती है।
कुत्ते में पूर्वाभास की क्षमता
कुत्ते को हिन्दू धर्म में एक रहस्यमय प्राणी माना गया है। कुत्ता एक ऐसा प्राणी है, जो भविष्य में होने वाली घटनाओं का पूर्वाभास हो जाता है। कुत्ता कई किलोमीटर दूर तक की गंध सूंघ सकता है। इसलिए शकुन ज्योतिष में कुत्ते का विशेष महत्व है।
शनि और केतु ग्रह का उपाय
कुत्ते को लाल किताब ज्योतिष में एक महत्वपूर्ण पशु के लिए रूप में बताया गया है। माना जाता है। काला कुत्ता जहां होता है वहां नकारात्मक उर्जा नहीं ठहरती है। इसका कारण यह है कि काले कुत्ते पर एक साथ दो शक्तिशाली ग्रह शनि और केतु के प्रभाव होता है।
शनि को प्रसन्न करने के लिए बताए गए खास उपायों में से एक उपाय है घर में काला कुत्ते को अंतिम रोटी खिलाना। जो लोग कुत्ते को खाना खिलाते हैं उनसे शनि अति प्रसन्न होते हैं।
कुत्ते को तेल से चुपड़ी रोटी खिलाने से शनि के साथ ही राहु-केतु से संबंधित दोषों का भी निवारण हो जाता है। राहु-केतु के योग कालसर्प योग से पीड़ित व्यक्तियों को यह उपाय लाभ पहुंचाता है।
लाल किताब में बताया गया है कि संतान सुख में बाधा आने पर काला कुत्ता अथवा काला और सफेद कुत्ता पालन चाहिए। इससे संतान सुख की प्राप्ति होती है। यह उपाय संतान के स्वास्थ्य के लिए भी शुभ कारगर होता है।
शुभ अशुभ कुत्ते की पहचान कैसे करें? (How to identify an auspicious or inauspicious dog?)
कुत्तों में सबसे श्रेष्ठ काला कुत्ता और काले एवं सफेद रंग का मिश्रित कुत्ता अच्छा माना जाता है। कुत्ते के नाखुनों की संख्या 22 या इससे ज्यादा होनी चाहिए। इतने नाखुनों वाला कुत्ता केतु का रूप माना जाता है। शकुन शास्त्र में कुत्ते का विशेष महत्व है क्योंकि कुत्ता अपनी हरकतों से शुभ-अशुभ का भी ज्ञात करवाता है। Read Also: जानिए, सपने में कुत्ता देखने का फल
कुत्ते पालने के नुकसान (What is the disadvantage of having a dog?)
बजट का बिगड़ना: कुत्तों की देखभाल, खानपान, वेटरिनर की चिकित्सा, खेलखिलौने और सामग्री की लागत होती है, जिससे आपके बजट पर दबाव पड़ सकता है।
बैक्टीरिया और एलर्जी: स्वास्थ्य की दृष्टिकोण से भी कुत्ता पालना एक बेहतर निर्णय नही है। कुछ लोगों को कुत्तों से एलर्जी भी होती है। कुत्ते के पालने से एलर्जी समेत कई रोग से ग्रसित होने का खतरा बड़ जाता है।
रेबीज रोग: जब इंसान कुत्तों को प्यार करता है, उनके साथ खेलता है या उनके बालों पर हाथ फेरता है, तो यह बीमारी कुत्ते के बाल और इंसानी नाखूनों के जरिए परजीवी मानव शरीर में पहुंच जाती है। कुत्ते के काटने से रेबीज होता है। हालाकि जागरूकता और कुत्ते की सही देख रेख करने से इन सब से बचा जा सकता है।
समय की बरबादी: कुत्ता की देखभाल बच्चों की तरह करनी होती है। उसे समय पर नहलाना, टहलाना, भोजन कराना, पोट्टी करवाना आदि सभी कार्य के अलावा उसका विशेष ध्यान रखने में समय की बर्बादी होती है।