केन्द्रपाडा (kendrapara)
केन्द्रपाड़ा (Kendrapara, କେନ୍ଦ୍ରାପଡ଼ା) भारत के ओड़िशा राज्य में स्थित एक नगर है। यह ज़िले का मुख्यालय भी है। राज्य के तुलसी क्षेत्र के नाम से विख्यात केन्द्रापड़ा चरखा मिलों के लिए प्रसिद्ध है।
Kendrapara: History and Places to Visit [Encyclopedia]
राज्य | ओडिसा |
क्षेत्रफल | 2546 वर्ग किमी. |
भाषा | उड़िया, हिन्दी, अंग्रेजी |
आकर्षण | कनिका महल, भीतरकनिका |
यात्रा समय | अक्टूबर से मार्च। |
उड़ीसा के तुलसी क्षेत्र के नाम से विख्यात केन्द्रपाडा चरखा मिलों के लिए प्रसिद्ध है। पौराणिक मान्यता के अनुसार भगवान बलराम ने केन्द्रसुर का वध कर उसकी पुत्री से विवाह किया और यहीं बस गए थे। केंद्रपाड़ा में मनाए जाने वाला वार्षिक कार पर्व बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करता है।
केंद्रपाड़ा के प्रमुख पर्यटन स्थल (Places to visit in kendrapara)
Kendrapara Tourust Places: गोबरी नदी यहां से बहने वाली प्रमुख नदी है। 2546 वर्ग किमी. के क्षेत्रफल में फैला यह जिला औल, भीतरकनिका वन्यजीव अभ्यारण्य, डांगामल और तामल सासन आदि पर्यटन स्थलों के लिए प्रसिद्ध है।
इसके अलावा देश में केंद्रपाड़ा एकमात्र ऐसा स्थान है, जहां पर मगरमच्छ की तीनों प्रजातियां (मगर, घड़ियाल और खारापानी मगरमच्छ पाए) जाते हैं। यहां की नदियां तीनों प्रजातियों के मगरमच्छ के लिए अनुकूल हैं।
1. बलदेव जी मंदिर (Baldev Temple, Kendrapara)
यहां मुख्य मंदिर के अलावा भी कई छोटे छोटे मंदिर देख सकते हैं जो प्राचीन ओडिशा के स्थापत्य चमत्कार को प्रदर्शित करता है। मंदिर का मुख्य त्यौहार रथ यात्रा है जिसे श्रीगुंडिचा और बहुदयात्रा के रूप में आयोजित किया जाता है। श्री बलदेव का मुख्य नायबेद्य “रसबली” है जो बहुत प्रसिद्ध है।
यह मंदिर केंद्रपाड़ा टाउन से 5 किमी और राजधानी भुवनेश्वर से लगभग 95 किमी. की दूरी पर है। भगवान बलदेव अपने भाई और बहन के साथ मंदिर में पूजे जाने वाले मुख्य देवता हैं। भगवान बलदेव की रथ यात्रा जगन्नाथ पुरी के कार पर्व के समान लोकप्रिय है।
3. कनिका महल (Kanika Fort)
कनिका पैलेस यह जिला मुख्यालय से लगभग 50 किमी दूर है। यह महल केन्द्रपाडा के वैभवशाली इतिहास का प्रतीक है। राजा राजेन्द्र नारायण भांजादेव ने इस महल की नींव 9 जून 1909 में डाली थी। महल के निर्माण में 10 साल लगे थे। महल 4 एकड़ भूमि के क्षेत्र में फैला है और इसकी संरचना की ऊंचाई लगभग 75 फीट है।
2. भितरकनिका नेशनल पार्क (Bhitarkanika National Park)
यह अभ्यारण्य केन्द्रपाडा के समुद्र तटीय इलाकों में 650 वर्ग किमी. क्षेत्र में फैला है। इसका विस्तार भाद्रक और जगतसिंहपुर जिलों तक है। इसे 21.04.1975 में अभ्यारण्य घोषित किया गया था।
अभ्यारण्य में कच्छ वनस्पतियों की करीब 600 किस्में देखी जा सकती हैं। इस अभ्यारण्य में पाई जाने वाली वनस्पतियां बंगाल के सुंदरवनों से काफी मिलती हैं। यहां टाईगर समेत विभिन्न प्रकार के वन्यजीव पाए जाते हैं। यह प्राकृतिक मगरमच्छ प्रजनन के लिए विश्व प्रसिद्ध स्थान है।
पक्षी प्रेमियों के लिए भी यहां अनेक दुर्लभ प्रवासी पक्षियों को देखने अनेक अवसर हैं। अक्टूबर से मार्च की अवधि यहां आने के लिए सबसे बेहतर मानी जाती है।
3. डांगमाला (Dangamala
मगरमच्छों के लिए प्रसिद्ध डांगामल में बड़ी संख्या में मगरमच्छों को देखा जा सकता है। भीतरकनिका वन्यजीव पार्क में स्थित इस परियोजना की शुरूआत 1975 में लुप्त होते मगरमच्छों को बचाने के लिए की गई थी। डांगामल में ठहरने के लिए फॉरेस्ट गेस्ट हाउस की भी व्यवस्था है।
4. गहीरमथा समुद्री अभयारण्य (Gahirmatha Marine Sanctuary)
1997 में स्थापित इस कछुआ अभ्यारण्य को विश्व के सबसे बड़े कछुआ प्रजनन केन्द्र के रूम में विकसित किया गया है। यह कुल 1440 वर्ग किमी. के क्षेत्र में फैला है और भुवनेश्वर से करीब 179 किमी. दूर है।
केन्द्रपाडा कैंसे पहुंचे (How to Reach Kendrapara in Hindi)
वायु मार्ग– भुवनेश्वर एयरपोर्ट यहां का सबसे करीबी एयरपोर्ट है जो देश के अनेक बड़े शहरों से वायुमार्ग द्वारा जुड़ा हुआ है।
रेल मार्ग– भाद्रक रेलवे स्टेशन केन्द्रपाडा का नजदीकी रेलवे स्टेशन है। कटक रेलवे स्टेशन से भी आसानी से केन्द्रपाडा पहुंचा जा सकता है। भाद्रक और कटक से बस या निजी वाहन द्वारा सरलता से केन्द्रपाड़ा पहुंच सकते हैं।
सड़क मार्ग– केन्द्रपाडा उड़ीसा और अनेक पड़ोसी राज्यों से सड़क मार्ग द्वारा जुड़ा है। अनेक शहरों से यहां के लिए नियमित बसें चलती रहती हैं।