Kerala Tourism: केरल के प्रमुख पर्यटन स्थल
केरल (Kerala) भारत का एक प्रान्त है। इसकी राजधानी तिरुवनन्तपुरम है। केरल पयर्टन (kerala Tourist Places) की दृष्टि से बेहद खास है। प्रकृति ने केरल को विशेष सुंदरता से नवाजा है। इसके अलावा केरल ऐसे दुर्लभ राज्यों में से है जहाँ प्रत्येक धर्म ने राज्य की संस्कृति में अपनी छाप छोड़ी है।
यहां हिंदू मंदिरों, गिरिजाघरों और मस्जिदों से लेकर, जैन मंदिरों, यहूदियों के मंदिरों और बौद्ध मठों तक, अनेक धार्मिक स्थल देखने को मिलते है। तो चलिए राज्य पर्यटन की श्रृंखला में आज हम केरल की यात्रा करते है-
#1 श्री पद्मनाथ स्वामी मंदिर (Sree Padmanabhaswamy Temple)
पद्मनाभस्वामी मंदिर भारत के केरल राज्य के तिरुअनन्तपुरम में स्थित भगवान विष्णु का प्रसिद्ध हिन्दू मंदिर है। इसे दुनिया का सबसे धनी मंदिर माना जाता है। मंदिर के गर्भगृह में भगवान विष्णु की विशाल मूर्ति, शेषनाग पर शयन मुद्रा में विराजमान हैं। चूंकि यहाँ पर भगवान विष्णु की विश्राम अवस्था को ‘पद्मनाभ’ कहा जाता है। और पढ़े: विष्णु के दशावतार
भारत के प्रमुख वैष्णव मंदिरों में शामिल यह ऐतिहासिक मंदिर केरल और द्रविड़ वास्तुशिल्प शैली का अनुपम उदाहरण है। श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर का इतिहास 8वीं सदी से मिलता है।
#2 सबरीमाला मंदिर (Sabarimala Temple)
श्री अय्यपा मंदिर या सबरीमाला मंदिर भारत के केरल राज्य के पतनमतिट्टा ज़िले में पेरियार सबरिमलय पहाड़ पर स्थित एक महत्वपूर्ण मंदिर है। यह मंदिर एक हिंदू ब्रह्मचारी देवता अय्यप्पन को समर्पित हैं। जो शिव और मोहिनी (विष्णु के स्त्री अवतार) के पुत्र हैं।
यह विश्व के सबसे बड़े तीर्थस्थलों में से एक है, और यहाँ प्रतिवर्ष 4 से 5 करोड़ श्रद्धालु आते हैं। तीर्थ यात्रा का समय नवंबर से मध्य जनवरी तक होता है। तीर्थ के सीजन में मण्डलापूजा और मकराविलक्कु दो मुख्य समारोह हैं। और पढ़ें: सबरीमाला मंदिर
कैसे पहुंचे:- नजदीकी रेलवे स्टेशन: चेंगन्नूर रेलवे स्टेशन, लगभग 53 कि.मी. दूर; तिरुवल्ला रेलवे स्टेशन, लगभग 102 कि.मी।
#3 अनंत झील मंदिर (Ananthapura Lake Temple)
अनंत पद्मनाभस्वामी मंदिर या अनंत झील मंदिर, केरल के कासरगोड जिले में बेक्कल से 30 किमी की दूरी पर स्थित है। 9वीं शताब्दी का यह मंदिर केरल का एकमात्र झील मंदिर है।
यह स्थान भगवान अनंतपद्मनाभ का मूल स्थान (मूलस्थानम) माना जाता है जो तिरुवनंतपुरम के प्रसिद्ध श्री पद्मनाभस्वामी मंदिर के देवता हैं। झील के दाहिने कोने में एक गुफा है। स्थानीय किंवदंती के अनुसार, देवता अनंत पद्मनाभ ने उस गुफा के माध्यम से तिरुवनंतपुरम जाने का फैसला किया था।
मंदिर यात्रा बेहद शांतिदायक और प्रसन्नतापूर्ण है। मंदिर से पहाड़ियों का नजारा बहुत खूबसूरत दिखता है। बबिया और शाकाहारी मगरमच्छ यहां आने वाले श्रद्धलुओं में बहुत लोकप्रिय हैं। मंदिर का समय: 05:30 – 12:30 बजे और 17:30 – 19:30 बजे
#4 गुरुवायूर मंदिर (त्रिस्सूर)
गुरुवायुर, गुरुवायूर या गुरुवयुनकेरे केरल राज्य के थ्रिसुर जनपद के अंतर्गत आने वाली नगरपालिका तथा एक प्रसिद्ध हिन्दू तीर्थस्थल है। मंदिर के देवता भगवान गुरुवायुरप्पन हैं जो श्री कृष्ण भगवान का बालरूप हैं। यह केरल के सर्वाधिक प्रतिष्ठित और विख्यात तीर्थ स्थलों में से एक है। इसे दक्षिण का द्वारका कहते हैं। मंदिर का समय– 03:00 – 12:30 बजे और 16:30 – 21:15 बजे।
#5 एट्टुमानूर महादेव मंदिर (कोट्टयम)
एट्टुमानूर महादेव मंदिर भारत के केरल के कोट्टायम में स्थित एक हिंदू तीर्थस्थल है। एट्टूमानूर महादेव मंदिर में भगवान शिव की एक ऐसी प्रतिमा है जिसकी स्थापना असुर खर ने की थी। यह मंदिर अपने गोपुरम (मंदिर का अलंकृत द्वार) पर प्रदर्शित नटराज (शिव की नृत्य मुद्रा) की प्रतिमा के लिए भी प्रसिद्ध हैं। और पढ़ें: शिव पूजन में ध्यान रखें
कैसे पहुंचे:- नजदीकी रेलवे स्टेशन: एट्टुमानूर रेलवे स्टेशन, लगभग 2 कि.मी. और कोट्टयम (मुख्य स्टेशन), लगभग 11 कि.मी.। नजदीकी एयरपोर्ट: कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 77 कि.मी.।
ऐज़्हरा पोन्नाना उत्सव (Ezhara Ponnana festival)
एट्टुमानूर ममहादेव मंदिर का वार्षिक त्योहार ऐज़्हरा पोन्नाना एक लोकप्रिय और ऐतिहासिक उत्सव है। ऐज़्हरा पोन्नाना शोभायात्रा एक विशाल अनुष्ठान है। ऐज़्हरा का अर्थ होता है साढ़े सात और पोन्नाना का अर्थ है सोने का हाथी। लकड़ी से निर्मित और सोने से अलंकृत सात हाथी में से प्रत्येक 2 फीट ऊंचा होता है और आठवें की ऊंचाई केवल 1 फीट होती है। इसलिए इसे ‘साढ़े सात हाथी’ कहा जाता है। एट्टुमानूर के इस उत्सव के आठवें और दसवें दिन ऐज़्हरा पोन्नाना शोभायात्रा निकलती है।
#6 श्री मुत्तप्पन मंदिर (Parassinikadavu Muthappan Temple)
मुथप्पन मंदिर अथवा परस्सीनिकडवु मुथप्पन केरल के कन्नूर जिले में तालीपरम्बा से लगभग 10 किलोमीटर दूर वलपत्तनम नदी के किनारे पर स्थित एक हिन्दू मंदिर है। इस मंदिर के आराध्य देवता श्री मुत्तप्पन हैं। ये वेदिक देव नहीं माने जाते लेकिन स्थानीय लोग इन्हें तिरुवप्पना (भगवान विष्णु) और वेल्लाट्टम (भगवान शिव) से जोड़ते हैं।
मुथप्पन देवता ने हमेशा कमजोरों के हितों की रक्षा की, इसलिए यह मंदिर यहां आने वाले सभी लोगों को निःशुल्क भोजन और आवास मुहैया करता है। मुथप्पन मंदिर अपने थीयम नृत्य के लिए बहुत भी प्रसिद्ध है। थीयम, कथकली से मिलता जुलता एक लोक नृत्य है
कैसे पहुंचे: परस्सीनिकडवु, कन्नूर कस्बे से 22 किलोमीटर दूर है। कन्नूर नगरपालिका मंदिर का सबसे निकटतम सबसे बड़ा बस स्टैण्ड है। निकटतम रेलवे स्टेशन कन्नूर से लगभग 20 किलोमीटर। कालीकट इंटरनेशनल एयरपोर्ट, कन्नूर से लगभग 110 किलोमीटर।
#7 चक्कुलथुकावु भगवती मंदिर, आलप्पुष़ा (Chakkulathukavu Devi Temple)
चक्कुलथुकावु, केरल राज्य के अलाप्पुझा जिले के मवेलिककारा तालुक में चेट्टीकुलंगारा में स्थित है। यह केरल के सबसे प्रसिद्ध हिंदू मंदिरों में से एक है। ‘पोंगाला निवेद्यं’ माता का प्रिय भोग है। इस व्यंजन में चावल की खीर, गुड़ और नारियल का चूरा होता है। मंदिर के दोनों ओर से प्रसिद्ध नदी पंबा और मणिमला गुजरती है।
चक्कुलत्तुकावु पोंगाला इस मंदिर से जुड़ा सबसे प्रसिद्ध उत्सव है। यह मलयालम महीना वृश्चिकम (नवंबर / दिसंबर) में आता है और एक विशाल आयोजन होता है। मंदिर का समय– 04:30 – 13:00 बजे और 16:30 – 20:00 बजे।
#8 कालडी (भगवान शंकराचार्य का जन्म स्थल)
कालडी (Kalady) या कलाड़ी (Kaladi) भारत के केरल राज्य के एर्नाकुलम ज़िले में स्थित एक नगर है। यह पेरियार नदी के पूर्व में स्थित है। यहाँ आदि शंकराचार्य का जन्म हुआ था इसलिये यह एक प्रसिद्ध तीर्थ भी है।
क्रोकोडायल घाट- इस स्थान में शंकराचार्य को एक मगरमच्छ ने पकड़ लिया था और उसने तब तक उन्हें छोड़ने से इनकार किया जब तक कि उनकी माता ने उन्हें सन्यास ग्रहण करने की अनुमति न दे दी। इस स्थान पर अनेक महत्वपूर्ण मंदिर भी हैं जिनमें श्री शंकर, शारदा देवी, श्री कृष्ण और श्री रामकृष्ण के मंदिर प्रमुख हैं। यहां आयोजित होने वाले त्योहार और उत्सव बड़ी संख्या में लोगों को आकर्षित करते हैं।
यहां पहुंचने के लिए नजदीकी रेलवे स्टेशन: अंगमालि, लगभग 8 कि. मी.। नजदीकी एयरपोर्ट: कोच्चिन इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 7 कि. मी.।
#9 कोडुमण़ चिलंतियंबलम (मकड़ी देवता को समर्पित मंदिर)
पल्लियरा श्री भगवती मंदिर या चिलंति अंबलम मंदिर केरल राज्य के अडूर शहर से 10 किमी और पत्तनंतिट्टा से 11 किमी दूर यह मंदिर शक्तिभद्र सांस्कारिक केंद्रम कॉम्प्लेक्स की पृष्ठभूमि में स्थित है। पल्लियरा श्री भगवती मंदिर जो अपने श्रद्धालुओं के लिए चिलंति अंबलम (दैवी मकड़ी के पूजन का विशेष स्थल) के रूप में लोकप्रिय है।
यहां मकड़ी विष की चिकित्सा हेतु श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं। मंदिर परिसर में ही एक कुआँ है, मान्यता है इसका पानी पीने से मकड़ी विष और त्वचा के रोग ठीक हो जाते हैं। मंदिर में मलयालम महीना वृश्चिकम (नवंबर/दिसंबर) के कार्तिक नक्षत्र के दिन वार्षिक त्योहार मनाया जाता है।
कैसे पहुंचे– नजदीकी रेलवे स्टेशन: करुनागप्पल्ली, अडूर-शास्तांकोट्टा रोड से होकर, लगभग 38 किमी दूर पर स्थित है |
नजदीकी एयरपोर्ट: त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) इंटरनेशनल एयरपोर्ट, लगभग 98 कि.मी।
#10 संग्रहालय (Museums)
- कुतिरामालिका पैलेस
- कोयिक्कल पैलेस, तिरुवनंतपुरम
- टी म्यूजियम, मून्नार
- टीक म्यूज़ियम, निलंबूर
- नेपियर म्यूज़ियम
- पषश्शि राजा म्यूजियम और आर्ट गैलरी, कोष़िक्कोड
- हिल पैलेस म्यूजियम, तृप्पूणित्तुरा
#11 वन्यजीव अभ्यारण्य (wildlife Sanctuary)
केरल के भव्य पश्चिमी घाटों या सह्याद्रि पर्वतश्रेणियों के घने जंगलों में चौदह वन्यजीव अभ्यारयण, दो टाइगर रिज़र्व और छ: राष्ट्रीय उद्यान हैं।
- आरलम वन्यजीव अभयारण्य
- इडुक्की वन्यजीव अभयारण्य
- इरविकुलम राष्ट्रीय उद्यान
- कडलुंडि पक्षी अभयारण्य, कोष़िक्कोड
- कुमरकम पक्षी अभ्यारण्चिन्नार वन्यजीव अभयारण्य, इडुक्की
- चिम्मिनी वन्यजीव अभयारण्य
- चूलन्नूर मोर अभयारण्य – पालक्काड
- तोलपेट्टी वन्यजीव अभयारण्य, वायनाड
- नेय्यार वन्यजीव अभयारण्य, तिरुवनंतपुरम
- पीच्चि-वाषानी वन्यजीव अभयारण्य, तृश्शूर
- पेप्पारा वन्यजीव अभयारण्य
- पेरियार टाइगर रिज़र्व, तेक्कडी
- मुत्तंगा वन्यजीव अभयारण्य
- शेंतुरुणी वन्यजीव अभयारण्य, कोल्लम
- साइलेंट वैली नेशनल पार्क, पालक्काड
#12 पिकनिक स्थल (Picnic Spot)
पिकनिक के स्थान हमारे महान राज्य की शोभा बढ़ाते हैं। यहाँ आने वाले केरल की हर जगह में अनेक प्राकृतिक स्थलों में अस्थाई अड्डा पाएँगे। पिकनिक मनाने वालों को जगह चुनने में परेशानी होती है! बांध से लेकर जलप्रपात तक और जंगलों से लेकर प्राकृतिक अभ्यारण्य तक, केरल में अनगिनत जगह आपके इंतज़ार में हैं। खाने-पीने के सामान उठाइए और मज़ा कीजिए!
- अरिप्पारा जलप्रपात, कोष़िक्कोड
- आक्कुलम टूरिस्ट विलेज, तिरुवनंतपुरम
- कडम्ब्रयार बोटिंग सेंटर
- कनकक्कुन्नू पैलेस, तिरुवनंतपुरम
- कल्लार, तिरुवनंतपुरम
- कुरुवाद्वीप, वायनाड
- केरल की अगस्त्यकूडम चोटी
- चरलकुन्नू हिल्स (चरलकुन्नू पहाड़ियाँ)
- चिम्मिनी वन्यजीव अभयारण्य
- चेंब्रा पीक (चेंब्रा चोटी)
- जटायु एडवेंचर सेंटर
- ड्रीम वर्ल्ड
- तेनमला ईकोटूरिज्म, कोल्लम
- पातिरामणल, आलप्पुष़ा
- प्लैनेटेरियम और रीजनल साइंस सेंटर, कोष़िक्कोड
- बोलगाट्टि आईलन्ड, कोच्चि
- भूतत्तानकेट्टु बांध (भूतत्तानकेट्टु डैम), एरणाकुलम
- मलम्पुषा गार्डन और डैम (मलम्पुषा उद्यान और बांध)
- माहि या मय्यषि
- लोफर्स कॉर्नर या प्रिंसेस स्ट्रीट, फोर्ट कोच्चि
- वेली टूरिस्ट विलेज
#13 समुंद्री तट (Sea Beach)
केरल में अनेक खूबसूरत समुद्र तट हैं जिन्हें आप देखते ही रह जाएँगे। चूँकि केरल एक तटीय राज्य है, केरल के कुछ सबसे अधिक लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में यहाँ के खूबसूरत समुद्र तट हैं जिनमें कोवलम, वरकला, चोवरा, चावक्काड, नाट्टिका, चेराइ, किझून्ना, पूवर आदि शामिल हैं। केरल के तट अनोखे रिसोर्ट और होटलों से भरपूर हैं जहाँ यात्री सन बाथ, तैराकी और शानदार नज़ारों को देखकर अपना समय बिता सकते हैं।
- काप्पाड बीच
- कोवलम
- कोष़िक्कोड बीच
- चेराई बीच, कोच्चि
- तलिकुलम स्नेहतीरम बीच, तृश्शूर
- पय्याम्बलम बीच
- पूवार बीच और बैकवाटर्स
- बेकल किला (बेक्कल फोर्ट), कासरगोड
- मुषप्पिलंगाड़ बीच
- वडकरा सैंड बैंक्स बीच
- वर्कल बीच
#14 रोचक (Intresting Places)
अपने समृद्ध इतिहास के लिए केरल का प्रत्येक निवासी गर्व करता है। केरल को विरासत में मिली सांस्कृतिक और कला विशेष महत्वपूर्ण है, इसलिए, आपको पूरे राज्य में इन परंपराओं को सम्मान देने और उन्हें संरक्षित करने के केंद्र मिलेंगे। तो आइए, इन दर्शनीय स्थलों को देखिए और प्रेरणा लीजिए।
- अट्टप्पाडी
- इंडियन स्कूल ऑफ मार्शल आर्ट्स
- एडक्कल गुफाएं, वायनाड
- कुतमपुल्ली हैंडलूम विलेज, त्रिशूर
- केंद्रीय बागानी फसल शोध संस्थान (सेंट्रल प्लांटेशन क्रॉप्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीपीसीआरआई))
- केरल कलामंडलम
- कोट्टक्कल, मलप्पुरम
- कोट्टूर, तिरुवनंतपुरम
- कोडनाड एलीफेंट ट्रेनिंग सेंटर (हाथी प्रशिक्षण केंद्र)
- कोंन्नी हाथी प्रशिक्षण केंद्र, पत्तनंतिट्टा
- कोल्लम जिला
- ज्यू टाउन, फोर्ट कोच्चि
- तेनमला ईकोटूरिज्म, कोल्लम
- निलंबूर टीक प्लांटेशन (सागौन के बागान), मलप्पुरम
- नेडुम्कयम वर्षा वन, मलप्पुरम
- पक्षीपातालम
- पषश्शि समाधिस्थल, वायनाड
- प्रियदर्शिनी प्लैनेटेरियम, तिरुवनंतपुरम
- फोर्ट कोच्चि, एरणाकुलम
- बेकल किला
- मलम्पुषा गार्डन और डैम (मलम्पुषा उद्यान और बांध)
- मान्नार – केरल का बेल मेटल टाउन (कांस्य शहर)
- मून्नार का मरयूर
- मून्नार की पहाड़ियों पर नीलकुरिंजी फूल
- वायनाड
- विष़िंचम समुद्री एक्वेरियम (विष़िंचम मरीन एक्वेरियम)
- वैलोप्पिल्लि संस्कृति भवन, तिरुवनंतपुरम
- शिरुवाणी, पालक्काड
- श्री चित्रा आर्ट गैलरी
#15 बैकवाटर (Backwater)
केरल के खूबसूरत बैकवाटर (Backwater) में झीलें, नहरें और अरब सागर के तट के समांतर स्थित खाड़ियाँ के खूबसूरत नजारे हैं। केरल के बैकवाटर इलाके दुनिया के सबसे लोकप्रिय पर्यटन स्थलों में हैं। बैकवाटर का नौका विहार आपको जीवन का कभी न भूलने वाला अनुभव लगेगा।
- अष्टमुडी झील, कोल्लम
- आलप्पुष़ा
- आलप्पुष़ा
- कोच्चि क्रूज़
- कडम्ब्रयार बोटिंग सेंटर
- कव्वायी बैकवाटर्स
- कुट्टनाड – केरल के चावल का कटोरा
- कुंबलंगी टूरिज्म विलेज, कोच्चि
- कुमरकम